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Sita Navami 2023: आज सीता नवमी, जानें क्या है इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

आज सीता नवमी यानी माता जानकी नवमी है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आज ही के दिन माता सीता का जन्म हुआ था. इस अवसर पर पूरे राज्यवासियों को सीएम नीतीश कुमार ने शुभकामनाएं दी है. उन्होंने कहा कि माता सीता के गाथाओं से हमलोग त्याग, सेवा, संयम जैसे ज्ञान को अपनाने का मौका मिलता है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 29, 2023, 8:44 AM IST

Updated : Apr 29, 2023, 8:55 AM IST

पटना: राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में आज माता जगत जननी का जन्म दिवस (Sita Navami 2023) मनाया जा रहा है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के नवमी के दिन जानकी नवमी का दिन कहा जाता है. कई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन माता सीता का प्रकट हुई थी. पंचांग के अनुसार सीता नवमी के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त आज सुबह 10:50 से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा. जबकि सीता नवमी तिथि की तिथि 28 अप्रैल को शाम 4:00 बजे से ही शुरू हो गया है. जो आज संध्या 6:20 बजे तक है. इस अवसर पर आज अष्टयाम हरि कीर्तन का विशेष इंतजाम कई लोग अपने घर पर या मंदिरों में करते हैं. आज दिन भर सीता नवमी पर पूजा अर्चना किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्त राज्यवासियों को बधाई दी है.

ये भी पढ़ें- Patna News: 'पुनौरा धाम में शीघ्र प्रारंभ होगा जानकी माता का मंदिर निर्माण'- किशोर कुणाल

महाराजा जनक के घर प्रकट हुई सीता: पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र की मध्यान्ह काल में महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे. तभी पृथ्वी से ही एक बच्ची प्रकट हुई. बताया जाता है कि जोती हुई भूमि और हल के नोंक को भी सीता कहा जाता है. इसलिए बालिका का नाम सीता रखा गया था.

सुहागिन महिलाएं करती पूजा पाठ: जानकी नवमी पर विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है. आज के दिन सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु और धन की प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना करती है. आज के दिन विशेष रूप से पूजा अर्चना कर विशेष फल मिलता है. इसीलिए परिवार में खुशहाली बनी रहती है. सीता नवमी को लेकर आज मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. आज भक्त मंदिर में पहुंचकर अपनी पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे. माता जानकी का पूजा अर्चना के बाद श्री रामचंद्र की भी पूजा-अर्चना करेंगे. साथ ही आज दिन भर मंदिर में हरी कीर्तन मंत्र उच्चारण होगा.

गणेश पूजन भी आज के दिन जरुरी: सीता नवमी पर श्री राम प्रभु के साथ-साथ माता जानकी और वीर बजरंग बली की भी पूजा अर्चना की जाती है. बजरंगबली के चरणों में सिंदूर का लेप लगाने से भक्तों की सभी पाप मिट जाते हैं. साथ ही विशेष कृपा बनी रहती है. कई तरीके से धन की प्राप्ति होती है. जो भी भक्त आज सीता नवमी पर माता जगत जननी, श्रीराम प्रभु की पूजा अर्चना करते हैं. उन्हें आज उठकर स्नान ध्यान करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर मंदिर में पहुंचकर या घर पर ही पूजा अर्चना करना चाहिए. सबसे पहले गणेश पूजन करना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि कोई भी पूजा करने से पहले अगर गणेश की पूजा की जाए तब सभी पूजन सफल हो जाते हैं. आज माता सीता के जन्म उत्सव पर पीला चंदन, पीला कपड़ा और पीला फुल, फल चढ़ाने का विशेष महत्व है. पूजा अर्चना करने के बाद माता को दूध गुड़ और नैवेद्य का भोग लगाकर आरती करें.

सीएम नीतीश ने दी बधाई: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनक नंदिनी माता सीता के जन्मोत्सव "जानकी नवमी" के अवसर पर नमन किया है. उन्होंने राज्यवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी है. कहा कि माता जानकी की जीवन गाथाओं से हमें त्याग, सेवा, संयम, प्रेम आदि जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है. उनका जीवन हमारे लिए एक आदर्श है. मां जानकी सबका कल्याण करें,यही कामना है.

पटना: राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में आज माता जगत जननी का जन्म दिवस (Sita Navami 2023) मनाया जा रहा है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के नवमी के दिन जानकी नवमी का दिन कहा जाता है. कई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन माता सीता का प्रकट हुई थी. पंचांग के अनुसार सीता नवमी के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त आज सुबह 10:50 से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा. जबकि सीता नवमी तिथि की तिथि 28 अप्रैल को शाम 4:00 बजे से ही शुरू हो गया है. जो आज संध्या 6:20 बजे तक है. इस अवसर पर आज अष्टयाम हरि कीर्तन का विशेष इंतजाम कई लोग अपने घर पर या मंदिरों में करते हैं. आज दिन भर सीता नवमी पर पूजा अर्चना किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्त राज्यवासियों को बधाई दी है.

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महाराजा जनक के घर प्रकट हुई सीता: पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र की मध्यान्ह काल में महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे. तभी पृथ्वी से ही एक बच्ची प्रकट हुई. बताया जाता है कि जोती हुई भूमि और हल के नोंक को भी सीता कहा जाता है. इसलिए बालिका का नाम सीता रखा गया था.

सुहागिन महिलाएं करती पूजा पाठ: जानकी नवमी पर विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है. आज के दिन सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु और धन की प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना करती है. आज के दिन विशेष रूप से पूजा अर्चना कर विशेष फल मिलता है. इसीलिए परिवार में खुशहाली बनी रहती है. सीता नवमी को लेकर आज मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. आज भक्त मंदिर में पहुंचकर अपनी पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे. माता जानकी का पूजा अर्चना के बाद श्री रामचंद्र की भी पूजा-अर्चना करेंगे. साथ ही आज दिन भर मंदिर में हरी कीर्तन मंत्र उच्चारण होगा.

गणेश पूजन भी आज के दिन जरुरी: सीता नवमी पर श्री राम प्रभु के साथ-साथ माता जानकी और वीर बजरंग बली की भी पूजा अर्चना की जाती है. बजरंगबली के चरणों में सिंदूर का लेप लगाने से भक्तों की सभी पाप मिट जाते हैं. साथ ही विशेष कृपा बनी रहती है. कई तरीके से धन की प्राप्ति होती है. जो भी भक्त आज सीता नवमी पर माता जगत जननी, श्रीराम प्रभु की पूजा अर्चना करते हैं. उन्हें आज उठकर स्नान ध्यान करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर मंदिर में पहुंचकर या घर पर ही पूजा अर्चना करना चाहिए. सबसे पहले गणेश पूजन करना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि कोई भी पूजा करने से पहले अगर गणेश की पूजा की जाए तब सभी पूजन सफल हो जाते हैं. आज माता सीता के जन्म उत्सव पर पीला चंदन, पीला कपड़ा और पीला फुल, फल चढ़ाने का विशेष महत्व है. पूजा अर्चना करने के बाद माता को दूध गुड़ और नैवेद्य का भोग लगाकर आरती करें.

सीएम नीतीश ने दी बधाई: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनक नंदिनी माता सीता के जन्मोत्सव "जानकी नवमी" के अवसर पर नमन किया है. उन्होंने राज्यवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी है. कहा कि माता जानकी की जीवन गाथाओं से हमें त्याग, सेवा, संयम, प्रेम आदि जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है. उनका जीवन हमारे लिए एक आदर्श है. मां जानकी सबका कल्याण करें,यही कामना है.

Last Updated : Apr 29, 2023, 8:55 AM IST
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