पटना: राजधानी पटना में भाई दूज का त्यौहार (Bhai Dooj festival in Patna) काफी धूम-धाम से मनाया गया. भाई की लंबी उम्र की कामना सभी बहनों के मन और दिलों में सदियों से चली आ रही है. भाई के लंबी आयु की कामना को लेकर भाई दूज गुरुवार को पूरे देश भर में मनाया जा रहा है. जहां पूरे विधि विधान और धार्मिक अनुष्ठान के साथ हर बहन अपने अटूट प्रेम के रूप में यह पर्व मना रही है. ग्रामीण परिवेश में इस त्यौहार को लेकर बहनो में ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है.
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यमराज और यमुना की कहानी: इस पर्व के पीछे कई पौराणिक कथाएं है, पौराणिक कथा के रूप में यमराज और उनकी बहन यमुना से जोड़कर देखा जाता है. कहा जाता है कि यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने एक दिन अचानक उनके घर पर पहुंच गए थे जिसको देखकर यमुना बहुत ही खुश हुई. उसने अपने भाई का काफी आदर सत्कार किया, जिसके बाद उस दिन यमराज ने यमुना को वरदान दिया. उसी दिन से पूरे देश भर में भाई दूज का त्यौहार मनाया जाने लगा. कहा जाता है कि जो भी बहन यह पर्व करती है उसके भाई की सुख-समृद्धि बनी रहती है. बहन उन्हें तिलक लगाकर नारियल स्वरूप भेंट देती है और उसके अलावा अपने जीभ में कांटे को छुभाती है. इससे जुड़े पारंपरिक गीत भी बहन की ओर से गाए जाते हैं.
माथे पर क्यों लगाते है तिलक: राजधानी पटना से सटे ग्रामीण इलाकों में भाई दूज को काफी हर्षोल्लास और विधि विधान से मनाया जाता है. भाई दूज पर रुई से बनी माला भाइयों को गले और हाथ में पहनाई जाती है. मान्यता है कि रुई की माला भाइयों के हाथों में पहनने से उनकी लंबी उम्र होती है. इस दौरान यम-यमी की भी कथा सुनाई जाती है. दीपावली के बाद भाई दूज के दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे थे जहां पर यमुना ने उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी सलामती की दुआ मांगी थी. मान्यता है कि जो भी भाई अपनी बहन से माथे पर तिलक लगाता है वह कभी नर्क नहीं जाता है.
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