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बिहार दिवस पर कार्यक्रम में पहुंचे फेमस सिंगर सुखविंदर सिंह, कहा- 'जल जीवन हरियाली पर बननी चाहिए फिल्म' - ETV Bharat Bihar News

बिहार की स्थापना के 110वें साल गांधी मैदान में बिहार दिवस मनाया जा रहा है. आज फेमस प्लेबैक सिंगर सुखविंदर सिंह (Play Back Singer Sukhwinder singh) के गानों के साथ बिहार दिवस कार्यक्रम का समापन होगा. कार्यक्रम के लिए पटना पहुंचे सुखविंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार की जल जीवन योजना की जमकर तारीफ की. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

बिहार दिवस पर सुखविंदर सिंह का कार्यक्रम
बिहार दिवस पर सुखविंदर सिंह का कार्यक्रम
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Published : Mar 24, 2022, 9:39 AM IST

पटना: बिहार दिवस (Bihar Diwas 2022) पर राजधानी पटना के गांधी मैदान में चल रहे कार्यक्रम का समापन गुरुवार देर शाम सुखविंदर सिंह के गानों से होगा. ऐसे में सुखविंदर सिंह अपने कार्यक्रम को लेकर एक (Singer Sukhwinder Singh Program on Bihar Diwas) दिन पहले ही पटना में पहुंच गए हैं. होटल मौर्या में सुखविंदर सिंह ने प्रेस वार्ता कि और इस दौरान उन्होंने सरकार के जल जीवन हरियाली योजना की ढेरों सराहना की. सुखविंदर सिंह ने कहा कि जल जीवन हरियाली जैसे पर्यावरण के ज्वलंत मुद्दों पर सरकार काम कर रही है. इस थीम पर बिहार दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है यह बताता है कि पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर यहां की सरकार कितनी गंभीर है. देश और दुनिया में भी इस मुद्दे पर सभी लोग आने वाले दिनों में काम करेंगे.

ये भी पढ़ें- बिहार दिवस: 'देखा-देखी तनिक होई जाए..' दूसरे दिन गायिका रेखा भारद्वाज ने बांधा समा, खूब झूमे दर्शक

बदलती तकनीक के दौर में पार्श्व गायकी चुनौतीपूर्ण: फेमस सिंगर सुखविंदर सिंह ने कहा कि तकनीक बदलते हैं और नए-नए इक्विपमेंट्स आते हैं लेकिन जो अंतर मन की भावनाएं होती हैं वही रहती हैं. तकनीक में कितने भी परिवर्तन हो जाए लेकिन भावनाओं में परिवर्तन नहीं होता. उन्होंने कहा कि जो खुद दीवाना नहीं होता वह दूसरों को दीवाना नहीं कर सकता और कई ऐसे कलाकार मिल जाएंगे जो मंच पर उछलते कूदते हैं, यह पागलपन हो सकता है दीवानगी नहीं. यदि किसी कलाकार के अंदर दीवानगी है तो उसके सामने कोई इंस्ट्रूमेंट नहीं भी हो तो उसके सामने जो मिल जाएगा उस पर वह परफॉर्म कर लेंगे. सुखविंदर सिंह ने डॉ बशीर बद्र का एक शेर पढ़ा 'पत्थर के जिगर वालों गम में वो रवानी है खुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है'. सुखविंदर सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से कला क्षेत्र में अल्फाज बेहूदा होते जा रहे हैं, अल्फाज गाली गलौज तक आ गए हैं. लेकिन आज भी गुलजार साहब, जावेद अख्तर, समीर जैसे लोग जिंदा है और भी कुछ लोग आए हैं और वह उन्हीं लोगों के साथ जुड़े रहते हैं जिनमें मनोरंजन भी हो, कमर्शियल लोगों को छू जाने वाली बात भी लिखें और डिग्निटी भी बनी रहे और खूब तमाशा भी हो लेकिन मर्यादा के साथ.

बिहार दिवस पर सुखविंदर सिंह का कार्यक्रम: बिहार पहुंचने पर सुखविंदर सिंह ने कहा कि बिहार शब्द हिंदी के शब्दकोश विहार से बना है जिसका मतलब ही होता है सैरगाह. बीते दिनों जब वह राजगृह गए थे तब उन्हें पता चला कि इसे सैरगाह का नाम क्यों दिया गया है. वहां चारों तरफ पहाड़ों को देखा जिसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि अभी तक सिर्फ श्रीनगर, कश्मीर, शिमला और दार्जिलिंग के पहाड़ों के बारे में ही लोग लिखते हैं इसके पहाड़ों के बारे में कोई लिखता ही नहीं. राजगीर को देखने के बाद लगता है कि भगवान ने इसे अपने हाथों से फुर्सत में बनाया है सवांरा है. बिहार में विश्व की सबसे पहली नालंदा यूनिवर्सिटी रही है. बिहार के लोगों का जो नेचर है जो इंसानी फितरत है वह जुल्म के खिलाफ का आक्रोश जो है वह बड़ा ही जबरदस्त है. वैसे बिहारी चौबीसों घंटे अपने मूड में होते और अपने अंदाज में रहते हैं. जरा भी कहीं भी इंफरिटी कॉन्प्लेक्स नहीं फील करते हैं. अपने जीवन को अपने अंदाज में जीते हैं. बिहार में ही गुरु तेग बहादुर ने जन्म लिया था. बिहार में ही गुरु गोविंद सिंह ने जन्म लिया था जिन्होंने जुर्म के खिलाफ अपना सर्वस्व न्योछावर किया. अपने पूरे खानदान और सहयोगी के साथ जुल्म की खिलाफत की.

ये भी पढ़ें- बिहार दिवस पर कैलाश खेर ने बांधा समां, 'तौबा तौबा...' गाते ही उत्साहित हो गए दर्शक

पटना के हनुमान मंदिर में मत्था टेका: सुखविंदर सिंह ने कहा कि जब वो पटना पहुंचे तो हनुमान मंदिर के आगे से उनका गाड़ी क्रॉस की तो गाड़ी बैक कर मंदिर तक ले गए और बिना जूता पहने गाड़ी से उतर कर मत्था टेका. उन्होंने कहा कि वह धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और बजरंगबली जी के खास भक्त हैं. उन्होंने कहा कि, वो पटना साहिब गुरुद्वारा जाएंगे और मत्था टेकेंगे और अपनी सेवा देंगे. वह ग्लैमर वर्ल्ड से हैं जहां सब कुछ ग्लैमरस होता है. वहां हर बात पर कोई बात है और उस बात पर भी कोई बात है. यह कोई बात नहीं है सुकून मिलता है. ये सुकून और शरीर को बेहद आनंद देता है. वह गुरुद्वारा में सबके तंदुरुस्ती के लिए प्रार्थना करेंगे और फिर शाम में नाचना गाना शुरू हो जाएगा. 7 अप्रैल को उनका बजरंग बली पर हनुमान चालीसा रिलीज होगा जिसमें उन्होंने गाया है.

सुखविंदर सिंह ने जल जीवन हरियाली योजना की तारीफ की: वहीं, सरकार के जल जीवन हरियाली अभियान की सराहना करते हुए सुखविंदर सिंह ने कहा कि वो सरकार में शामिल लोग और प्रशासनिक के लोगों को इसके लिए धन्यवाद देते हैं कि ऐसे गंभीर विषय पर काम कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सोच रहे हैं. जल है तो जीवन है और पेड़ पौधे रहेंगे तो हरियाली रहेगी और प्रदूषण कम होगा तो जीवन स्वस्थ होगा. वहीं कश्मीर फाइल्स में जिस प्रकार कश्मीरी पंडितों के दर्द को दिखाया गया है उसी प्रकार क्या किसानों के दर्द पर कोई फिल्म बनना चाहिए या नहीं इस पर सुखविंदर सिंह ने कहा कि फिल्में जरूर बने लेकिन पूरे तथ्य और रिसर्च के बाद बने. हमारी फिल्में कुछ कल्पनाओं पर आधारित होती हैं तो कुछ सच्चाई पर और जो सच्चाई पर आधारित फिल्में होती हैं उस पर पूरे तथ्यों के साथ ही फिल्में फिल्मानी जानी चाहिए नहीं तो इसका बड़ा विरोध होता है. उन्होंने कहा कि अगर फिल्में बनानी है तो जल जीवन हरियाली जैसे विषयों पर बनाया जाए और इस विषय पर बहुत पहले एक मनोज कुमार की फिल्म आई थी जिसमें गाना था मेरे देश की धरती सोना उगले.

पंजाब के नए मुंख्यमंत्री पर जताया विश्वास:वहीं, पंजाब में भगवंत मान के नए मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने कहा कि एक कॉमेडियन वह होता है जो गम में डूबे हुए व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान ला दे और यह बहुत कठिन काम होता है. उन्हें पूरा विश्वास है कि भगवंत मान प्रदेश का बेहतर विकास करेंगे और लोगों की भावनाओं से जुड़कर पंजाब को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. बिहार दिवस के मौके पर बिहार वासियों से कहा कि मौज करो और सभी को मौज करने दो.

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पटना: बिहार दिवस (Bihar Diwas 2022) पर राजधानी पटना के गांधी मैदान में चल रहे कार्यक्रम का समापन गुरुवार देर शाम सुखविंदर सिंह के गानों से होगा. ऐसे में सुखविंदर सिंह अपने कार्यक्रम को लेकर एक (Singer Sukhwinder Singh Program on Bihar Diwas) दिन पहले ही पटना में पहुंच गए हैं. होटल मौर्या में सुखविंदर सिंह ने प्रेस वार्ता कि और इस दौरान उन्होंने सरकार के जल जीवन हरियाली योजना की ढेरों सराहना की. सुखविंदर सिंह ने कहा कि जल जीवन हरियाली जैसे पर्यावरण के ज्वलंत मुद्दों पर सरकार काम कर रही है. इस थीम पर बिहार दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है यह बताता है कि पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर यहां की सरकार कितनी गंभीर है. देश और दुनिया में भी इस मुद्दे पर सभी लोग आने वाले दिनों में काम करेंगे.

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बदलती तकनीक के दौर में पार्श्व गायकी चुनौतीपूर्ण: फेमस सिंगर सुखविंदर सिंह ने कहा कि तकनीक बदलते हैं और नए-नए इक्विपमेंट्स आते हैं लेकिन जो अंतर मन की भावनाएं होती हैं वही रहती हैं. तकनीक में कितने भी परिवर्तन हो जाए लेकिन भावनाओं में परिवर्तन नहीं होता. उन्होंने कहा कि जो खुद दीवाना नहीं होता वह दूसरों को दीवाना नहीं कर सकता और कई ऐसे कलाकार मिल जाएंगे जो मंच पर उछलते कूदते हैं, यह पागलपन हो सकता है दीवानगी नहीं. यदि किसी कलाकार के अंदर दीवानगी है तो उसके सामने कोई इंस्ट्रूमेंट नहीं भी हो तो उसके सामने जो मिल जाएगा उस पर वह परफॉर्म कर लेंगे. सुखविंदर सिंह ने डॉ बशीर बद्र का एक शेर पढ़ा 'पत्थर के जिगर वालों गम में वो रवानी है खुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है'. सुखविंदर सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से कला क्षेत्र में अल्फाज बेहूदा होते जा रहे हैं, अल्फाज गाली गलौज तक आ गए हैं. लेकिन आज भी गुलजार साहब, जावेद अख्तर, समीर जैसे लोग जिंदा है और भी कुछ लोग आए हैं और वह उन्हीं लोगों के साथ जुड़े रहते हैं जिनमें मनोरंजन भी हो, कमर्शियल लोगों को छू जाने वाली बात भी लिखें और डिग्निटी भी बनी रहे और खूब तमाशा भी हो लेकिन मर्यादा के साथ.

बिहार दिवस पर सुखविंदर सिंह का कार्यक्रम: बिहार पहुंचने पर सुखविंदर सिंह ने कहा कि बिहार शब्द हिंदी के शब्दकोश विहार से बना है जिसका मतलब ही होता है सैरगाह. बीते दिनों जब वह राजगृह गए थे तब उन्हें पता चला कि इसे सैरगाह का नाम क्यों दिया गया है. वहां चारों तरफ पहाड़ों को देखा जिसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि अभी तक सिर्फ श्रीनगर, कश्मीर, शिमला और दार्जिलिंग के पहाड़ों के बारे में ही लोग लिखते हैं इसके पहाड़ों के बारे में कोई लिखता ही नहीं. राजगीर को देखने के बाद लगता है कि भगवान ने इसे अपने हाथों से फुर्सत में बनाया है सवांरा है. बिहार में विश्व की सबसे पहली नालंदा यूनिवर्सिटी रही है. बिहार के लोगों का जो नेचर है जो इंसानी फितरत है वह जुल्म के खिलाफ का आक्रोश जो है वह बड़ा ही जबरदस्त है. वैसे बिहारी चौबीसों घंटे अपने मूड में होते और अपने अंदाज में रहते हैं. जरा भी कहीं भी इंफरिटी कॉन्प्लेक्स नहीं फील करते हैं. अपने जीवन को अपने अंदाज में जीते हैं. बिहार में ही गुरु तेग बहादुर ने जन्म लिया था. बिहार में ही गुरु गोविंद सिंह ने जन्म लिया था जिन्होंने जुर्म के खिलाफ अपना सर्वस्व न्योछावर किया. अपने पूरे खानदान और सहयोगी के साथ जुल्म की खिलाफत की.

ये भी पढ़ें- बिहार दिवस पर कैलाश खेर ने बांधा समां, 'तौबा तौबा...' गाते ही उत्साहित हो गए दर्शक

पटना के हनुमान मंदिर में मत्था टेका: सुखविंदर सिंह ने कहा कि जब वो पटना पहुंचे तो हनुमान मंदिर के आगे से उनका गाड़ी क्रॉस की तो गाड़ी बैक कर मंदिर तक ले गए और बिना जूता पहने गाड़ी से उतर कर मत्था टेका. उन्होंने कहा कि वह धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और बजरंगबली जी के खास भक्त हैं. उन्होंने कहा कि, वो पटना साहिब गुरुद्वारा जाएंगे और मत्था टेकेंगे और अपनी सेवा देंगे. वह ग्लैमर वर्ल्ड से हैं जहां सब कुछ ग्लैमरस होता है. वहां हर बात पर कोई बात है और उस बात पर भी कोई बात है. यह कोई बात नहीं है सुकून मिलता है. ये सुकून और शरीर को बेहद आनंद देता है. वह गुरुद्वारा में सबके तंदुरुस्ती के लिए प्रार्थना करेंगे और फिर शाम में नाचना गाना शुरू हो जाएगा. 7 अप्रैल को उनका बजरंग बली पर हनुमान चालीसा रिलीज होगा जिसमें उन्होंने गाया है.

सुखविंदर सिंह ने जल जीवन हरियाली योजना की तारीफ की: वहीं, सरकार के जल जीवन हरियाली अभियान की सराहना करते हुए सुखविंदर सिंह ने कहा कि वो सरकार में शामिल लोग और प्रशासनिक के लोगों को इसके लिए धन्यवाद देते हैं कि ऐसे गंभीर विषय पर काम कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सोच रहे हैं. जल है तो जीवन है और पेड़ पौधे रहेंगे तो हरियाली रहेगी और प्रदूषण कम होगा तो जीवन स्वस्थ होगा. वहीं कश्मीर फाइल्स में जिस प्रकार कश्मीरी पंडितों के दर्द को दिखाया गया है उसी प्रकार क्या किसानों के दर्द पर कोई फिल्म बनना चाहिए या नहीं इस पर सुखविंदर सिंह ने कहा कि फिल्में जरूर बने लेकिन पूरे तथ्य और रिसर्च के बाद बने. हमारी फिल्में कुछ कल्पनाओं पर आधारित होती हैं तो कुछ सच्चाई पर और जो सच्चाई पर आधारित फिल्में होती हैं उस पर पूरे तथ्यों के साथ ही फिल्में फिल्मानी जानी चाहिए नहीं तो इसका बड़ा विरोध होता है. उन्होंने कहा कि अगर फिल्में बनानी है तो जल जीवन हरियाली जैसे विषयों पर बनाया जाए और इस विषय पर बहुत पहले एक मनोज कुमार की फिल्म आई थी जिसमें गाना था मेरे देश की धरती सोना उगले.

पंजाब के नए मुंख्यमंत्री पर जताया विश्वास:वहीं, पंजाब में भगवंत मान के नए मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने कहा कि एक कॉमेडियन वह होता है जो गम में डूबे हुए व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान ला दे और यह बहुत कठिन काम होता है. उन्हें पूरा विश्वास है कि भगवंत मान प्रदेश का बेहतर विकास करेंगे और लोगों की भावनाओं से जुड़कर पंजाब को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. बिहार दिवस के मौके पर बिहार वासियों से कहा कि मौज करो और सभी को मौज करने दो.

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