पटना: यूं तो बिहार के भागलपुरी सिल्क साड़ियों (Bhagalpuri Silk Sarees) की डिमांड देश क्या विदेशों में भी काफी ज्यादा है. लेकिन जब एक ही जगह देश के अन्य शहरों में बनने वाली सिल्क की साड़ी मिलने लगे तो मन तो मचलेगा ही. पटना के तारामंडल (Planetarium) में सिल्क इंडिया प्रदर्शनी (Silk India Exhibition) का आयोजन किया गया है. इस मौके पर प्रोफेशनल मॉडल्स ने सिल्क साड़ियों को पहनकर रैंप वॉक (Ramp Walk) किया. इसके साथ ही साड़ियों को प्रदर्शित किया.
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तारामंडल ऑडिटोरियम में चल रहे सिल्क इंडिया प्रदर्शनी में सोमवार को सिल्क थीम पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रोफेशनल मॉडल्स ने विभिन्न राज्यों के बुनकरों द्वारा तैयार किए गए सिल्क की साड़ियों को पहनकर बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित किया. इसके साथ ही सिल्क एक्सपो का शुभारंभ भी हुआ. इस सिल्क इंडिया एक्सपो में देश के विभिन्न राज्यों से कारीगर अपने उत्पादों को लेकर पहुंचे हुए हैं और फेस्टिव सीजन को ध्यान में रखते हुए सिल्क कपड़ों की प्रदर्शनी लगाई गई है.
'इस आयोजन का मकसद बुनकरों की कला को लोगों को सामने लाना है. लॉकडाउन के बाद जब कारीगर अपने उत्पादों की स्टॉल लगाए हैं. इस दौरान सिल्क के एक से एक बेहतरीन डिजाइन के उत्पाद लाए हुए हैं. इस कार्यक्रम में प्रोफेशनल मॉडल्स ने देश भर के बुनकरों द्वारा तैयार ड्रेसेज को पहना और उसे प्रदर्शित किया. सोमवार से इस एक्सपो की शुरुआत हुई है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सिल्क उत्पाद यहां लगे हुए हैं. मेरा प्रयास है कि कारीगरों को बाजार मिले. फेस्टिव सीजन को देखते हुए एक से एक बेहतरीन सिल्क के सूट सलवार, कुर्ती, साड़ियां यहां उपलब्ध हैं जो लोगों को एक ही छत के नीचे किफायती दाम में आसानी से उपलब्ध होंगे.' -मानस आचार्य, प्रबंध निदेशक, सिल्क इंडिया आर्ट एंड क्राफ्ट
बता दें कि इस प्रदर्शनी में 21 राज्यों से कारीगर यहां पहुंचे हुए हैं और सिल्क के उत्पादों की 100 स्टॉल लगे हुए हैं. बिहार के भागलपुरी सिल्क, तमिलनाडु से कोयंबटूर सिल्क, कांजीवरम सिल्क, कर्नाटक से बेंगलूरु सिल्क, क्रेप एवं जार्जेट साड़ी, रॉ सिल्क मैटेरियल, आंध्र प्रदेश से कलमकारी, पोचमपल्ली, मंगलगिरी ड्रेस मेटेरियल उपाडा, प्योर सिल्क, जड़ी साड़ी, पंजाबी फुलकारी वर्क सूट, ब्लॉक हैंडप्रिंट, बनारसी साड़ी आदि लोगों को काफी ज्यादा अट्रेक्ट कर रहे हैं. वही यंहा आने वाली महिलाओ को ये साड़ियां खूब भा रही हैं.
वहीं, कश्मीरी चिनान की साड़ियां भी लोगों को अपनी ओर खींच रही है. इस प्रदर्शनी में एक हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की साड़ियां मिल रही है. दुकानदारों की मानें तो बिक्री अच्छी हो रही है. बदलते दौर के साथ फैशन भी बदलता रहता है लेकिन हाथ से बनी चीज का महत्व कभी कम नहीं होगा यही कारण है कि सिल्क की साड़ियों को एलिगेंट और स्टेटस सिंबल भी माना जाता है.
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