पटना: राजधानी पटना में हर साल दशहरा की काफी धूम रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना के कारण विजयादशमी के दिन यहां की सड़कों पर सन्नाटा नजर आया. कोरोना के कारण इस बार दशहरा में सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति स्थापित करने और पूजा पंडाल बनाने की अनुमति नहीं मिली. वहीं किसी प्रकार के कोई मेले लगाने की पाबंदी भी रही. इस कारण शहर में लोगों के बीच दशहरा पूजा का उत्साह नजर नहीं आया.
मेले का रहता था माहौल
दरअसल, राजधानी पटना के डाक बंगला चौराहा के पास बने पूजा पंडाल को देखने हर साल काफी दूरदराज से लोग आते थे और यहां की मूर्ति की बारीक कारीगरी को निहारते थे. वहीं इस साल कोरोना के कारण यहां कोई बड़ा पूजा पंडाल नहीं बना है. मूर्ति की जगह पोस्टर लगाया गया है और कलश स्थापना की गई है. इस कारण इस बार विजयादशमी के दिन सड़कों पर काफी सन्नाटा नजर आया. अमूमन विजयादशमी के समय में पटना की सड़कों पर मेले का माहौल रहता था.
देश से जल्द खत्म हो कोरोना संकट
डाक बंगला चौराहा दुर्गा पूजा समिति के कोषाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि साल 1964 से यहां मूर्ति स्थापित होते रही है और भव्य पूजा पंडाल बनता रहा है. देश के विभिन्न राज्य से कारीगर पूजा पंडाल बनाने के लिए आया करते थे, लेकिन इस बार यहां कोई पूजा पंडाल नहीं बना है और अब तक यहां के इतिहास में पहली बार है कि मूर्ति भी स्थापित नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि मूर्ति स्थापित करने की भी सरकार से अनुमति नहीं मिली. जिसके बाद मां दुर्गा की पोस्टर लगाकर कलश की स्थापना की गई है. उन्होंने कहा कि इस बार दुर्गा पूजा में सन्नाटा काफी खल रही है. वहीं इस बार उन्होंने और यहां मत्था टेकने वाले सभी श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा से कामना की है कि देश से कोरोना संकट जल्द खत्म हो.