पटनाः बिहार की राजनीति में एक साल पहले दही-चूड़ा भोज के बाद जो बदलाव (Sign of Big Changing in Bihar Government) हुआ, कुछ उसी तरह इस बार भी खरमास के बाद परिस्थिति बन सकती है. इस बार भी बिहार की राजनीति करवट लेती दिख रही है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. आरजेडी और जेडीयू के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है और मामला अल्टीमेटम तक आ पहुंचा है. नेता खरमास तक इंतजार करने की बात कह रहे हैं.
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दही-चूड़ा के बाद ही बिहार में पकती है सियासी खिचड़ीः दही-चूड़ा भोज के दौरान बिहार में राजनीतिक खिचड़ी पकती है. इस बार आरजेडी की ओर से दही चूड़ा भोज का आयोजन किया जा रहा है, तो जेडीयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन कर रहे हैं. उधर आरजेडी नेताओं के बयान से जेडीयू खेमे में बेचैनी बढ़ गई है. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह, पार्टी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान से जेडीयू नेता पशोपेश में हैं. सुधाकर सिंह जहां सीधे-सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दे रहे हैं. वहीं, शिवानंद तिवारी समाधान यात्रा स्थगित करने की नसीहत देते दिखे हैं. इधर जगदानंद सिंह का कहना है कि बीपी सिंह की तर्ज पर नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए लड़ाई लड़ना चाहिए.
सुशील मोदी की तारीफ करते दिखे नीतीशः बदली हुई परिस्थितियों में जेडीयू नेताओं के सुर भी बदले-बदले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के प्रति प्रेम छलकाने लगे हैं. नीतीश कुमार लगातार सुशील मोदी की तारीफ कर रहे हैं. नए साल में भी नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी अगर होते तो गठबंधन नहीं टूटता. महागठबंधन में जाने को लेकर भी नीतीश कुमार ने स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि मैं महागठबंधन में ललन सिंह और विजेंद्र यादव की वजह से आया. अटल बिहारी वाजपेई की जयंती के मौके पर भी नीतीश कुमार ने जमकर उनकी तारीफ में कसीदे कढ़े, तो अरुण जेटली को याद करते हुए नीतीश कुमार ने पुराने दिनों को याद किया.
सुधाकर सिंह के मामले में जेडीयू ने जाहिर कर दिया इरादाः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिस तरीके से सुशासन की हवा निकाली और कहा कि बिहार में शासन कौन कर रहा है, यह पता नहीं चल रहा है. साथ ही जंगलराज की वापसी की बात कहकर भी नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा किया. इसके बावजूद नीतीश कुमार की ओर से प्रतिवाद नहीं किया गया. इधर, जेडीयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह और जगदानंद सिंह को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिये. एक तरीके से उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू की तरफ से आरजेडी को अल्टीमेटम दे डाला. साथ ही खरमास तक की मियाद भी तय कर दी.
बीजेपी के प्रति प्रेम छलका रहे नीतीश कुमारः राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि महागठबंधन में बेहतर तारतम्य नहीं है और नेताओं के सुर भी अलग-अलग हैं. आरजेडी नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं और मुख्यमंत्री पद छोड़ने का दबाव भी है. राजद नेताओं के हमले से परेशान जदयू नेता अब भाजपा के प्रति प्रेम छलका रहे हैं. वहीं बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि सुधाकर सिंह, लालू प्रसाद यादव या बड़े नेता के समर्थन पर बयानबाजी कर रहे हैं. हालांकि यह उनका आंतरिक मामला है. जहां तक नीतीश कुमार जी की भाजपा के प्रति मुलायम होने का सवाल है तो इस पर फैसला हमारे केंद्रीय नेतृत्व को लेना होता है.
"सुधाकर सिंह, लालू प्रसाद यादव या बड़े नेता के समर्थन पर बयानबाजी कर रहे हैं. हालांकि यह उनका आंतरिक मामला है. जहां तक नीतीश कुमार जी की भाजपा के प्रति मुलायम होने का सवाल है तो इस पर फैसला हमारे केंद्रीय नेतृत्व को लेना होता है" - विनोद शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी
"महागठबंधन में बेहतर तारतम्य नहीं है और नेताओं के सुर भी अलग-अलग हैं. आरजेडी नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं और मुख्यमंत्री पद छोड़ने का दबाव भी है. राजद नेताओं के हमले से परेशान जदयू नेता अब भाजपा के प्रति प्रेम छलका रहे हैं" - संजय शर्मा, राजनीतिक विश्लेषक
जेडीयू और आरजेडी में बढ़ी तल्खीः वहीं राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि सुधाकर सिंह के मामले में नेतृत्व ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. सुधाकर सिंह मामले में लालू प्रसाद यादव को अंतिम फैसला लेना है. जहां तक महागठबंधन का सवाल है तो महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है, जो लोग इधर-उधर ताकते हैं. वह समय पर एक्सपोज हो जाएंगे. जेडीयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के तेवर भी तल्ख हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि खरमास बाद सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्यवाही होगी. हम खरमास तक इंतजार कर रहे हैं. जगदानंद सिंह के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जनता के कृपा से बनता हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सुधाकर के मामले में ऐसा लग रहा था कि सुधाकर सिंह और आरजेडी के प्रवक्ता का बयान का स्क्रिप्ट एक ही जगह से तैयार हुआ था.
" सुधाकर सिंह के मामले में नेतृत्व ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. सुधाकर सिंह मामले में लालू प्रसाद यादव को अंतिम फैसला लेना है. जहां तक महागठबंधन का सवाल है तो महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है, जो लोग इधर-उधर ताकते हैं. वह समय पर एक्सपोज हो जाएंगे" - एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
"सुधाकर के मामले में ऐसा लग रहा था कि सुधाकर सिंह और आरजेडी के प्रवक्ता का बयान का स्क्रिप्ट एक ही जगह से तैयार हुआ था. मैं यह सारी बात अपनी तरफ से बोल रहा हूं. यह जेडीयू की तरफ से नहीं बोला गया है. अच्छे काम के लिए खरमास का इंतजार होता है. सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्यवाही होगी. हम खरमास तक इंतजार कर रहे हैं"- उपेंद्र कुशवाहा, वरिष्ठ नेता, जेडीयू