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कोरोना के बाद अब गर्मी छुट्टी की वजह से बंद हुआ राज्य सूचना आयोग

आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने बताया कि पूरे बिहार में सभी कार्यालय खुल चुके हैं. सरकार ने सूचना छिपाने के भय से केवल राज्य सूचना आयोग को बंद करवाया है.

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Published : Jun 8, 2020, 4:26 PM IST

पटना
पटना

पटना: कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार ने सभी सरकारी कार्यालय बंद करने का निर्देश दिया था. राज्य सूचना आयोग भी इस काल में बंद था. वहीं अनलॉक 1 में जब सरकार ने सरकारी कार्यालयों को खोलने के निर्देश दिया. तब गर्मी की छुट्टी घोषित हो गई. जिसके बाद से राज्य सूचना आयोग के सभी न्यायालय फिर से बंद हो गए. इसको लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि सूचना छुपाने की साजिश के तहत आयोग को बंद किया गया है.

'75 दिनों से बंद हैं कार्यालय'
आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 75 दिनों से सभी कार्यालय बंद थे. इस दौरान आरटीआई से जुड़े एक भी मामले का निष्पादन नहीं हुआ है. अब जब सभी कार्यालय खुल गए हैं, तो सिर्फ राज्य सूचना आयोग को क्यों बंद करवाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार की ओर से खर्च राशि का आंकड़ा नहीं देने पड़े. इस वजह से आयोग के कार्यालय को बंद किया गया है. यह गंभीर मामला है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

1 जून से 4 जून तक खुले थे न्यायालय
इस मामले को लेकर राज्य सूचना आयोग के सचिव अजय कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि 1 जून से 4 जून तक आयोग के न्यायालय खुले थे. इस दौरान कई मामले का निष्पादन भी किया गया था. गर्मी की छुट्टी पहले से ही तय है. छुट्टी की वजह से राज्य सूचना आयोग के न्यायालय बंद है. राज्य सूचना आयोग के कार्यालय पहले जैसे ही चल रहे हैं.

'गर्मी की छुट्टी के बाद खुलेंगे न्यायालय'
राज्य सूचना आयोग के सचिव ने बताया कि राज्य सूचना आयोग के कार्यालय पहले साल की तरह ही चल रहे हैं. हालांकि कोरोना संकट के कारण न्यायालय जरूर बंद था. सामान्य दिनों में प्रतिदिन 150 मामले आते थे. सूचना आयोग के तीनों न्यायालय मिलाकर लगभग 125 मामले का निष्पादन प्रतिदन हुआ करता था. गर्मी छुट्टी के बाद न्यायालय को खोले जाएंगे. जिसके बाद बचे हुए मामले का जल्द से जल्द निष्पादन किया जाएगा.

पटना: कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार ने सभी सरकारी कार्यालय बंद करने का निर्देश दिया था. राज्य सूचना आयोग भी इस काल में बंद था. वहीं अनलॉक 1 में जब सरकार ने सरकारी कार्यालयों को खोलने के निर्देश दिया. तब गर्मी की छुट्टी घोषित हो गई. जिसके बाद से राज्य सूचना आयोग के सभी न्यायालय फिर से बंद हो गए. इसको लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि सूचना छुपाने की साजिश के तहत आयोग को बंद किया गया है.

'75 दिनों से बंद हैं कार्यालय'
आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 75 दिनों से सभी कार्यालय बंद थे. इस दौरान आरटीआई से जुड़े एक भी मामले का निष्पादन नहीं हुआ है. अब जब सभी कार्यालय खुल गए हैं, तो सिर्फ राज्य सूचना आयोग को क्यों बंद करवाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार की ओर से खर्च राशि का आंकड़ा नहीं देने पड़े. इस वजह से आयोग के कार्यालय को बंद किया गया है. यह गंभीर मामला है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

1 जून से 4 जून तक खुले थे न्यायालय
इस मामले को लेकर राज्य सूचना आयोग के सचिव अजय कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि 1 जून से 4 जून तक आयोग के न्यायालय खुले थे. इस दौरान कई मामले का निष्पादन भी किया गया था. गर्मी की छुट्टी पहले से ही तय है. छुट्टी की वजह से राज्य सूचना आयोग के न्यायालय बंद है. राज्य सूचना आयोग के कार्यालय पहले जैसे ही चल रहे हैं.

'गर्मी की छुट्टी के बाद खुलेंगे न्यायालय'
राज्य सूचना आयोग के सचिव ने बताया कि राज्य सूचना आयोग के कार्यालय पहले साल की तरह ही चल रहे हैं. हालांकि कोरोना संकट के कारण न्यायालय जरूर बंद था. सामान्य दिनों में प्रतिदिन 150 मामले आते थे. सूचना आयोग के तीनों न्यायालय मिलाकर लगभग 125 मामले का निष्पादन प्रतिदन हुआ करता था. गर्मी छुट्टी के बाद न्यायालय को खोले जाएंगे. जिसके बाद बचे हुए मामले का जल्द से जल्द निष्पादन किया जाएगा.

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