पटना: उद्योग मंत्री श्याम रजक ने राजद के स्थापना दिवस पर तेजस्वी यादव की आयोजित साइकिल रैली को ढोंग करार दिया है. जदयू नेता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जो लाखों की लग्जरी गाड़ियों पर घूमते हैं, वे आज साइकिल यात्रा कर दिखावा ना करें. तेजस्वी यह बताएं कि जब वह लाखों की साइकिल पर बैठकर ड्रामा करते हैं, तो काफिले में आगे और पीछे कितनी गाड़ियां चलती हैं.
'साइकिल यात्रा के नाम पर कर रहे ढोंग'
श्याम रजक ने कहा कि तेजस्वी यादव की साइकिल यात्रा की हकीकत तो पिछली बार ही मालूम चल गई थी. जब वे कुछ अबोध बच्चों को ठग कर साईकिल रेस के नाम पर विरोध-प्रदर्शन में लाए थे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी से मेरा आग्रह है कि वे अपने नौटंकी के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ मत करें. उन्हें पढ़ने दें.
'सीएम नीतीश ने दी स्कूली बच्चों को साइकिल'
मंत्री श्याम रजक ने कहा कि राजद के लोग जहां एक तरफ मासूम बच्चों को ठग कर साइकिल रेस के बहाने विरोध-प्रदर्शन में ला रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सीएम नीतीश ने स्कूली बच्चों को साइकिल देकर शिक्षा से जोड़ने का काम किया है. जदयू नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नें जब 15 साल पहले राज्य का कार्यभार संभाला था, तो बिहार में शिक्षा की स्थिति बदतर थी.
श्याम रजक ने कहा कि हाई स्कूल घर से दूर होने के कारण हजारों छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती थी. हाईस्कूल में छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने साइकिल योजना की शुरुआत की. अब तक करीब 25 लाख लड़कियों को साइकिल का लाभ मिल चुका है. केवल वर्ष 2019-20 में 5 लाख 92 हजार लड़कियों को साइकिल दी गई है.
'बिहार में बढ़ रहा शिक्षा का प्रसार'
श्याम रजक ने कहा कि पांचवीं कक्षा के बाद गरीब परिवार की लड़कियां अच्छे कपड़े के अभाव में स्कूल नहीं जाती थी. इसके लिए सीएम नीतीश कुमार ने पोशाक योजना की शुरुआत की. इसका फायदा बिहार में दिखने लगा है. इस योजना से ना सिर्फ लड़कियों का आत्म विश्वास बढ़ा, बल्कि समाज की सोच और मानसिकता भी बदली. सीएम की दूरदर्शिता के कारण वर्तमान समय में हाई स्कूलों में बच्चे-बच्चियों की संख्या बराबर हो गई है. 2005 की मैट्रिक परीक्षा में जहां 1 लाख 87 हजार छात्राएं शामिल हुई थी. वहीं, 2020 में यह संख्या बढ़कर लगभग 9 लाख के हो गई थी.
'परिवारवाद के दायरे में सिमटा राजद'
जदयू मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बिहार में साइकिल और पोशाक योजना से आए बदलाव तेजस्वी यादव को नहीं दिखेगा. क्योंकि उन्हें अपनें परिवार को समृद्ध करने से और साइकिल को महज ड्रामे के रूप में इस्तेमाल करने से फुरसत नहीं है. राजद जो पहले समाजवाद के विचारों को लेकर चली थी. वह वर्तमान समय में परिवारवाद के दायरे में सिमट कर रह गयी है. राजद को अब केवल धनोपार्जन की संस्था बनकर रह गई है.