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अशोक चौधरी के मंदबुद्धि बताने पर श्याम रजक ने किया पलटवार, कहा- कुछ भी कह सकते हैं खानदानी अमीर

श्याम रजक ने अशोक चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि दलितों के लिए आवाज उठाने के चलते लोग मेरे खिलाफ हो गए हैं. लेकिन मैं अपने बयान पर कायम रहूंगा. प्रदेश में दलितों के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया है.

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Published : Aug 18, 2020, 3:58 PM IST

पटना से अविनाश की रिपोर्ट
पटना से अविनाश की रिपोर्ट

पटना: बिहार में दलित वोट को लेकर सियासत अब तेज होने लगी है. राजद में शामिल श्याम रजक के नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताने पर अशोक चौधरी ने कहा कि श्याम रजक मंदबुद्धि है इसलिए 11 साल समझने में लग गया कि नीतीश दलित विरोधी हैं. अशोक चौधरी के मंदबुद्धि बताए जाने पर श्याम रजक ने भी करारा जवाब दिया है. रजक ने कहा कि अशोक चौधरी भाट गिरी कर रहे हैं. ऐसे वे खानदानी आदमी हैं, हम तो धोबी हैं इसलिए कुछ भी कह सकते हैं.

श्याम रजक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. अशोक चौधरी के मंदबुद्धि बताए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी मेरे पत्नी के भाई हैं. उनका पूरा अधिकार है. लेकिन उनकी बातों पर गौर करें तो उन्होंने 2 लाख करोड़ के बजट की बात कही लेकिन कितना और कहां खर्च हो रहा है. यह भी देखना चाहिए.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

श्याम रजक ने कहा कि वो भाट गिरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी उम्र मंदबुद्धि वाली हो सकती है. लेकिन वो मुझसे बड़े हैं. मैं व्यक्तिगत तौर पर उनपर कोई टीका टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं गरीब आदमी हूं. वो खानदानी पैसे वाले हैं. वह बड़े हैं और लेकिन उनके पूरे परिवार को कांग्रेस को समझने के बाद वे जदयू में शामिल हुए हैं.

बीपीएससी में नहीं है कोई भी एससी-एसटी
श्याम रजक ने यह भी कहा कि बीपीएससी में कोई एससी-एसटी का कोई सदस्य नहीं है. यही हाल कर्मचारी चयन आयोग में है. हर जगह एससी एसटी के छात्रों की उपेक्षा हो रही है. श्याम रजक ने कहा कि हम अपने नीतीश कुमार के दलित विरोधी वाले बयान पर अब भी कायम हैं.

बिहार में 40 सीटों पर दलितों की दावेदारी
बिहार में दलित पर खूब सियासत होती रही है. बिहार में 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें रिजर्व हैं, ऐसे में जहां दलित वोट हार जीत तय करते रहे हैं. एनडीए में जहां राम विलास पासवान दलितों पर अपनी दावेदारी करते रहे हैं. वहीं जदयू में भी नीतीश कुमार ने कई दलित नेताओं को आगे कर अपनी दावेदारी मजबूत की है. बीजेपी में भी दलित नेताओं एक लंबी फेहरिस्त है.

वहीं, महागठबंधन खेमे की बात करें तो जीतन राम मांझी से लेकर आरजेडी में भी कई ऐसे दलित चेहरे हैं और उनके तरफ से भी दलित वोट पर मजबूत दावेदारी होती रही है. अब श्याम रजक आरजेडी में गए हैं. लंबे समय से बिहार की दलित सियासत करते रहे हैं और इसीलिए नीतीश कुमार की इमेज दलितों के बीच खराब करने की कोशिश हो रही है. लेकिन जदयू के तरफ से भी हमला हो रहा है. दलित पर सियासत शुरू है और आने वाले दिनों में और तेज होगी.

पटना: बिहार में दलित वोट को लेकर सियासत अब तेज होने लगी है. राजद में शामिल श्याम रजक के नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताने पर अशोक चौधरी ने कहा कि श्याम रजक मंदबुद्धि है इसलिए 11 साल समझने में लग गया कि नीतीश दलित विरोधी हैं. अशोक चौधरी के मंदबुद्धि बताए जाने पर श्याम रजक ने भी करारा जवाब दिया है. रजक ने कहा कि अशोक चौधरी भाट गिरी कर रहे हैं. ऐसे वे खानदानी आदमी हैं, हम तो धोबी हैं इसलिए कुछ भी कह सकते हैं.

श्याम रजक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. अशोक चौधरी के मंदबुद्धि बताए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी मेरे पत्नी के भाई हैं. उनका पूरा अधिकार है. लेकिन उनकी बातों पर गौर करें तो उन्होंने 2 लाख करोड़ के बजट की बात कही लेकिन कितना और कहां खर्च हो रहा है. यह भी देखना चाहिए.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

श्याम रजक ने कहा कि वो भाट गिरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी उम्र मंदबुद्धि वाली हो सकती है. लेकिन वो मुझसे बड़े हैं. मैं व्यक्तिगत तौर पर उनपर कोई टीका टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं गरीब आदमी हूं. वो खानदानी पैसे वाले हैं. वह बड़े हैं और लेकिन उनके पूरे परिवार को कांग्रेस को समझने के बाद वे जदयू में शामिल हुए हैं.

बीपीएससी में नहीं है कोई भी एससी-एसटी
श्याम रजक ने यह भी कहा कि बीपीएससी में कोई एससी-एसटी का कोई सदस्य नहीं है. यही हाल कर्मचारी चयन आयोग में है. हर जगह एससी एसटी के छात्रों की उपेक्षा हो रही है. श्याम रजक ने कहा कि हम अपने नीतीश कुमार के दलित विरोधी वाले बयान पर अब भी कायम हैं.

बिहार में 40 सीटों पर दलितों की दावेदारी
बिहार में दलित पर खूब सियासत होती रही है. बिहार में 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें रिजर्व हैं, ऐसे में जहां दलित वोट हार जीत तय करते रहे हैं. एनडीए में जहां राम विलास पासवान दलितों पर अपनी दावेदारी करते रहे हैं. वहीं जदयू में भी नीतीश कुमार ने कई दलित नेताओं को आगे कर अपनी दावेदारी मजबूत की है. बीजेपी में भी दलित नेताओं एक लंबी फेहरिस्त है.

वहीं, महागठबंधन खेमे की बात करें तो जीतन राम मांझी से लेकर आरजेडी में भी कई ऐसे दलित चेहरे हैं और उनके तरफ से भी दलित वोट पर मजबूत दावेदारी होती रही है. अब श्याम रजक आरजेडी में गए हैं. लंबे समय से बिहार की दलित सियासत करते रहे हैं और इसीलिए नीतीश कुमार की इमेज दलितों के बीच खराब करने की कोशिश हो रही है. लेकिन जदयू के तरफ से भी हमला हो रहा है. दलित पर सियासत शुरू है और आने वाले दिनों में और तेज होगी.

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