पटना: राज्य में एड्स की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग वृहद पैमाने पर कार्य कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने जानकारी दी है कि एचआईवी के साथ जी रहे लोगों के साथ भेदभाव मिटाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग चरणबद्ध तरीके से योजनाएं चला रहा है. इसके अलावा उच्च जोखिम में रह रहे समुदाय को सुरक्षित व्यवहार के लिए जागृत किया जा रहा है.
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एचआईवी की रोकथाम और जागरूकता के लिए अभियान: एचआईवी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए युवाओं में एचआईवी के प्रति सुरक्षित व्यवहार (Short film competition for HIV prevention) को बढ़ावा देने और एचआईवी से संबंधित सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. साथ ही आम जनमानस में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शॉर्ट (लघु) फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है.
लघु फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने जानकारी दी है कि प्रदेश में 15 जून 2022 से 1 दिसंबर 2022 तक राज्य स्तरीय लघु फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है. इसके लिए राज्य के छात्र छात्राएं अपनी फिल्म भेजने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएंगे और बाद में उसे भेजेंगे. जो फिल्म बेहतर होगी उसे पुरस्कृत किया जाएगा. राज्य के सभी सरकारी और निजी महाविद्यालयों के छात्र छात्राएं इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं.
फिल्म भेजने के लिए करवाना होगा रजिस्ट्रेशन: यह शॉर्ट फिल्में हिंदी, मगही, भोजपुरी, मैथिली में प्रस्तुत की जाएंगी और निर्मित फिल्म का सब टाइटल अंग्रेजी में होना अनिवार्य है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लघु फिल्म में भूमिका और पात्र को छोड़कर जो कहानी है वह 3:00 मिनट की होनी चाहिए और इस प्रतियोगिता के प्रचार के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मीडिया के माध्यम से जानकारी दी जा रही है.
"बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अधिकारी की न्याय मंडल का निर्णय सर्वमान्य होगा. इन फिल्मों को भविष्य में एड्स की रोकथाम में प्रचार के लिए उपयोग किया जा सकता है. इस फिल्म प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 15 जून से पंजीकरण शुरू हुआ है जो 15 जुलाई तक ही चलेगा और 16 जुलाई से 31 अगस्त तक समिति को फिल्म उपलब्ध कराना होगा जिसके बाद विजेताओं की घोषणा की जाएगी."- मंगल पांडे,स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
क्या है एचआईवी?: एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (Human Immunodeficiency Virus) संक्रमण के बाद होती है. एचआईवी संक्रमण के बाद मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है. एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है. एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है.
एड्स और एचआईवी में अंतर: एचआईवी एक अतिसूक्ष्म विषाणु है, जिसकी वजह से एड्स हो सकता है। यह वायरस 8 से 10 साल के बाद शरीर में एड्स में परिवर्तित हो जाती है। एड्स स्वयं में कोई रोग नहीं है बल्कि एक संलक्षण है। यह अन्य रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता हैं। प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचाता है.
एचआईवी से कैसे बचा जाए?: HIV का संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा असुरक्षित यौन संबंध से होता है. भारत में भी HIV का पहला मामला सेक्स वर्कर्स में ही सामने आया था. इसलिए यौन संबंध बनाते समय प्रिकॉशन जरूर इस्तेमाल करें. इसके अलावा इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वालों से भी दूर रहना चाहिए. अगर HIV का पता चल जाए तो घबराने की बजाय तुरंत एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी शुरू करें, क्योंकि HIV शरीर को बहुत कमजोर बना देता है और धीरे-धीरे दूसरी बीमारियां भी घेरने लगती हैं. अभी तक इसका इलाज भले ही नहीं है, लेकिन दवाओं के जरिए इससे बचा जा सकता है.