गोपालगंज: धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने को बेहद शुभ माना जाता है. आपको बता दें कि मत्स्य पुराण में झाड़ू को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है. इस दिन झाड़ू को खरीदने को सुख-शांति और धन में बढ़ोत्तरी से जोड़कर देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि झाड़ू घर की दरिद्रता को दूर करता है. शुक्रवार को गोपालगंज धनतेरस बाजार में जितनी भीड़ बर्तन, सोने चांदी के दुकानों में देखी उससे ज्यादा झाड़ू खरीदने के लिए पहुंचे.
गोपालगंज में झाड़ू की खरीदारी: धनतेरस को लेकर जहां सोने-चांदी और बर्तन के साथ झाड़ू खरीदने का क्रेज दिखा. दुकानदारों ने बताया कि इस वर्ष भी अन्य सामग्रियों की तरह झाड़ू की बिक्री भी अच्छी हो रही है. इसे ध्यान में रखकर काफी संख्या में पूर्व से ही झाड़ू के स्टॉक बाजार में उपलब्ध हैं. प्रतिवर्ष झाड़ू के बाजार में लाखों का कारोबार होता हैं.
झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक: दरअसल धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदने के साथ ही झाड़ू खरीदने का भी विशेष महत्व होता है. इसके पीछे मान्यता यह है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदकर घर में लाने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और मां लक्ष्मी भी आपसे प्रसन्न होती है. मत्स्य पुराण में इस संदर्भ में बताया गया है कि झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे धनतेरस के दिन घर में लाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.
"स्कंद पुराण में यह वर्णित है की त्रेता युग में जब भगवान श्री राम वनवास से अयोध्या लौट रहे थे तो उनके आगमन को लेकर लोग अपने घर गांव में झाड़ू से साफ सफाई की गई थी. सीता मैया लक्ष्मी के रूप होती है. उन्हे साफ सफाई काफी अच्छा लगता है. आज के दिन झाड़ू खरीदना काफी फलदायक होता है. मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है." -चंद्रघोष पांडेय, पंडित
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