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चुनाव प्रचार सामग्री बेचने वालों को लगा लाखों का चूना, दुकानों की शोभा बढ़ा रहे पार्टियों के झंडे

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 इस बार कोरोना के साये में होना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में प्रचार प्रसार सोशल मीडिया और ऑनलाइन तरीकों से हो रहा है. लिहाजा, प्रचार सामग्री बेचने वाले आर्थिक तंगी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं. पढ़ें खास रिपोर्ट...

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Published : Sep 4, 2020, 7:08 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 1:56 PM IST

दुकानों की शोभा बढ़ा रही प्रचार सामग्री

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार, कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सभी पार्टियां अपनी तैयारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कर रही हैं. ऐसे में पॉलिटिकल पार्टियों के झंडे, टोपी, टीशर्ट, बिल्ला बेचने वाले दुकानदारों पर आर्थिक संकट गहराता दिख रहा है. इस बाबत, ईटीवी भारत संवाददाता ने दुकानदारों से बात की.

दुकानों की शोभा बढ़ा रही प्रचार सामग्री
दुकानों की शोभा बढ़ा रही प्रचार सामग्री

पटना स्थित दुकानदार सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव के मद्देनजर उन्होंने लाखों की लागत लगा सभी पार्टियों की प्रचार सामाग्री जुटा ली थी. उन्हें नहीं पता था कि कोरोना के चलते चुनाव में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. ऐसे में हालात काफी तंग हो रहे हैं. सत्येंद्र की दुकान पटना में बहुत पुरानी और चर्चिति दुकान है. सभी राजनेताओं को वो करीब से जानते हैं.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट

13 लाख की प्रचार सामाग्री बर्बाद
सभी पार्टियां वर्चुअल प्रचार प्रसार में जुट गईं हैं. ऐसे में दुकानदार काफी नाराज हैं. सत्येंद्र बताते हैं कि जीतन राम मांझी की पार्टी का 12 लाख का सामान उन्होंने तैयार रखा था. जीतन राम मांझी ने अपना चुनाव चिन्ह बदल लिया. लाखों का सामान अब कूड़ा हो गया है. क्या करें, क्या नहीं. कुछ समझ नहीं आ रहा. नुकसान तो इस वर्ष इतना हो रहा है कि इसकी भरपाई कैसे होगी कुछ पता नहीं.

क्या करें दुकानदार?
क्या करें दुकानदार?

दुकानदारों की मानें, तो इस बार गमछा और मास्क की डिमांड बढ़ी है. इसके लिए उन्होंने पहले से तैयारी नहीं की थी. अब पहले जिसके लिए लागत लगाई है. उसकी भरपाई नहीं हो पा रही है. बहरहाल, कोरोना ने जहां देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ रखी है. तो वहीं सत्येंद्र जैसे कारोबारियों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार, कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सभी पार्टियां अपनी तैयारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कर रही हैं. ऐसे में पॉलिटिकल पार्टियों के झंडे, टोपी, टीशर्ट, बिल्ला बेचने वाले दुकानदारों पर आर्थिक संकट गहराता दिख रहा है. इस बाबत, ईटीवी भारत संवाददाता ने दुकानदारों से बात की.

दुकानों की शोभा बढ़ा रही प्रचार सामग्री
दुकानों की शोभा बढ़ा रही प्रचार सामग्री

पटना स्थित दुकानदार सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव के मद्देनजर उन्होंने लाखों की लागत लगा सभी पार्टियों की प्रचार सामाग्री जुटा ली थी. उन्हें नहीं पता था कि कोरोना के चलते चुनाव में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. ऐसे में हालात काफी तंग हो रहे हैं. सत्येंद्र की दुकान पटना में बहुत पुरानी और चर्चिति दुकान है. सभी राजनेताओं को वो करीब से जानते हैं.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट

13 लाख की प्रचार सामाग्री बर्बाद
सभी पार्टियां वर्चुअल प्रचार प्रसार में जुट गईं हैं. ऐसे में दुकानदार काफी नाराज हैं. सत्येंद्र बताते हैं कि जीतन राम मांझी की पार्टी का 12 लाख का सामान उन्होंने तैयार रखा था. जीतन राम मांझी ने अपना चुनाव चिन्ह बदल लिया. लाखों का सामान अब कूड़ा हो गया है. क्या करें, क्या नहीं. कुछ समझ नहीं आ रहा. नुकसान तो इस वर्ष इतना हो रहा है कि इसकी भरपाई कैसे होगी कुछ पता नहीं.

क्या करें दुकानदार?
क्या करें दुकानदार?

दुकानदारों की मानें, तो इस बार गमछा और मास्क की डिमांड बढ़ी है. इसके लिए उन्होंने पहले से तैयारी नहीं की थी. अब पहले जिसके लिए लागत लगाई है. उसकी भरपाई नहीं हो पा रही है. बहरहाल, कोरोना ने जहां देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ रखी है. तो वहीं सत्येंद्र जैसे कारोबारियों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

Last Updated : Sep 19, 2020, 1:56 PM IST
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