पटना: राजद ने बीजेपी पर बिहार में लागू शराबबंदी पर साफ साफ नहीं बोलने का आरोप लगाया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (BJP should say that liquor ban should be ended ) ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह बात कही. शिवानंद ने कहा कि शराबबंदी को लेकर भाजपा साफ साफ नहीं बोल रही है. एक तरफ तो उनका कहना है कि हम शराब बंदी के पक्ष में हैं लेकिन नीतीश सरकार उसको असरकारी ढंग से लागू नहीं कर पा रही है. इसलिए जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है.
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असरकारी बंदी कैसे होः शिवानंद ने कहा कि बिहार में ऐसे लोग भी हैं जो शराब बंदी को गलत मानते हैं. जो ऐसा मानते हैं वे गंदे लोग हैं, यह भी नहीं कहा जा सकता है. यह भी उतना ही सच है कि नशाखोरी की सबसे ज़्यादा शिकार महिलाएं ही होती हैं. इस सवाल पर अगर उनके बीच वोट करवाया जाए तो उनका भारी बहुमत शराब बंदी का समर्थन करेगा. सवाल यह है कि असरकारी बंदी कैसे हो ताकि ज़हरीली शराब से होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके, इस विषय में भाजपा को साफ़ साफ़ बताना चाहिए.
दूसरे राज्यों में भी मौतः शिवानंद तिवारी ने कहा कि जहरीली शराब से मौत की घटना उन राज्यों में भी लगभग नियमित होती हैं, जहां शराब बंदी नहीं है. गुजरात जैसे राज्य में जहां शराबबंदी है वहां भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. 2009 में जब नरेंद्र मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे तब अहमदाबाद में 150 लोग जहरीली शराब पी कर मर गए थे. उसके बाद मोदी सरकार ने कानून में संशोधन कर जहरीली शराब का कारोबार करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया था. लेकिन इसके बावजूद अभी पिछले जुलाई में जहरीली शराब पी कर वहां दर्जनों लोग मौत के शिकार हो गए.
भाजपा बोले साफ-साफः जहां शराबबंदी नहीं है, भाजपा शासित वैसे राज्यों में भी ऐसी मौतें होती रहती हैं. इस सूची में भाजपा शासित मध्य प्रदेश सबसे उपर है. शिवानंद ने कहा कि इसलिए बिहार भाजपा के नेताओं को साफ साफ बोलना चाहिए. वे बिहार में शराबबंदी जारी रखने के पक्ष में हैं या नहीं. असरकारी या गैर असरकारी का कोई अर्थ नहीं है. जब नरेंद्र मोदी के शासन में बड़ी संख्या में मौत हुई और आज भी उस राज्य में हो रही है. इसलिए भाजपा ढोंग छोड़े और साफ साफ कहे कि बिहार में शराब बंदी को समाप्त किया जाए.