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Bihar Politics: 'सुशील मोदी रोजाना लालू और तेजस्वी का मीडिया में कर रहे हैं जाप', शिवानंद ने तंज कसते हुए बतायी वजह

शिवानंद तिवारी ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए भाजपा सांसद सुशील मोदी पर हमला (Shivanand Tiwari attack on Sushil Modi) किया है. उन्होंने कहा कि भले ही बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व सुशील कुमार मोदी को घास नहीं डालता हो, लेकिन बिहार में बीजेपी के सुशील कुमार मोदी एकमात्र नेता हैं. पढ़िये, क्या है पूरा माजरा.

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Published : Mar 26, 2023, 7:44 PM IST

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के ऊपर हमला बोला है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में भाजपा का अकेला नेता तो सुशील मोदी ही हैं. बाकी लोग तो अपने आप को नेता साबित करने के लिए मीडिया में रोजाना होड़ लगाए हुए हैं. सुशील मोदी रोजाना लालू यादव और तेजस्वी यादव का (Sushil Modi chanting Lalu and Tejashwi) मीडिया में जाप कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'कुछ भी कर ले BJP.. तेजस्वी यादव झुकना नहीं जानते', RJD प्रवक्ता का हमला

मीडिया ट्रायल भी चल रहाः इसके पीछे सुशील मोदी की चतुराई है. बिहार के लोग अदानी मामले में अंधकार में रहें. अन्यथा तेजस्वी का जो मामला अदालत में है, जिसका अनुसंधान सीबीआई और ईडी कर रही है उसी को सत्यनारायण कथा की तरह रोजाना मीडिया के सामने बांचते रहने का क्या मकसद है. रोज छपते भी हैं. जो मामला न्यायालय के संज्ञान में है, केंद्रीय जांच एजेंसियां जिनका अनुसंधान कर रही है वही कहानी सुशील मोदी के हवाले रोज छप भी रही है. यानी मामले का ट्रायल अदालत और मीडिया दोनों में साथ-साथ चल रहा है.

वित्तीय अस्थिरता पैदा हो सकती है: शिवानंद तिवारी ने यह भी कहा कि बिहार ही नहीं बल्कि देश के समक्ष असली संकट अदानी की वजह से पैदा हुआ है. यह संकट कभी भी वित्तीय संकट में बदल सकता है. जब नरेंद्र मोदी ने 2014 में दिल्ली की हुकूमत को संभाला था, उस समय अदानी जी दुनिया के धनिकों में 609 वें स्थान पर थे. मोदी जी के मात्र नौ वर्ष के शासन में दुनिया के धनिकों में अदानी दूसरे या तीसरे स्थान पर पहुंच गए. अमेरिका के एक संस्थान ने इसके रहस्य पर से पर्दा उठाया है. अदानी ग्रुप की वजह से देश में वित्तीय अस्थिरता भी पैदा हो सकती है.

सरकार जांच क्यों नहीं करा रहीः देश के आम आदमी ने अपनी छोटी मोटी बचत की राशि बीमा में निवेश किया है, या बैंकों में जमा किया है. उस पर भी संकट आ सकता है. इस सवाल को मजबूती के साथ उठाने की कीमत राहुल गांधी ने लोक सभा से अपनी सदस्यता देकर चुकाई है. आज देश का संपूर्ण विपक्ष मोदी सरकार से मांग कर रहा है कि अदानी के मामले की जांच संयुक्त संसदीय दल से कराइए. उस संसदीय समिति में हमारे सुशील मोदी जैसे वित्तीय मामलों के जानकार भी हो सकते हैं, फिर सरकार इसकी जांच क्यों नहीं करा रही है. क्या सुशील मोदी इस पर प्रकाश डालेंगे?

"सुशील मोदी रोजाना लालू यादव और तेजस्वी यादव का मीडिया में जाप कर रहे हैं. इसके पीछे सुशील मोदी की क्या चतुराई है? बिहार के लोग अदानी मामले में अंधकार में रहें. अन्यथा तेजस्वी का जो मामला अदालत में है, जिसका अनुसंधान सीबीआई और ईडी कर रही है उसी को सत्यनारायण भगवान की कथा की तरह रोजाना मीडिया के सामने बांचते रहने का क्या मकसद है?"- शिवानंद तिवारी, राजद नेता

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के ऊपर हमला बोला है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में भाजपा का अकेला नेता तो सुशील मोदी ही हैं. बाकी लोग तो अपने आप को नेता साबित करने के लिए मीडिया में रोजाना होड़ लगाए हुए हैं. सुशील मोदी रोजाना लालू यादव और तेजस्वी यादव का (Sushil Modi chanting Lalu and Tejashwi) मीडिया में जाप कर रहे हैं.

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मीडिया ट्रायल भी चल रहाः इसके पीछे सुशील मोदी की चतुराई है. बिहार के लोग अदानी मामले में अंधकार में रहें. अन्यथा तेजस्वी का जो मामला अदालत में है, जिसका अनुसंधान सीबीआई और ईडी कर रही है उसी को सत्यनारायण कथा की तरह रोजाना मीडिया के सामने बांचते रहने का क्या मकसद है. रोज छपते भी हैं. जो मामला न्यायालय के संज्ञान में है, केंद्रीय जांच एजेंसियां जिनका अनुसंधान कर रही है वही कहानी सुशील मोदी के हवाले रोज छप भी रही है. यानी मामले का ट्रायल अदालत और मीडिया दोनों में साथ-साथ चल रहा है.

वित्तीय अस्थिरता पैदा हो सकती है: शिवानंद तिवारी ने यह भी कहा कि बिहार ही नहीं बल्कि देश के समक्ष असली संकट अदानी की वजह से पैदा हुआ है. यह संकट कभी भी वित्तीय संकट में बदल सकता है. जब नरेंद्र मोदी ने 2014 में दिल्ली की हुकूमत को संभाला था, उस समय अदानी जी दुनिया के धनिकों में 609 वें स्थान पर थे. मोदी जी के मात्र नौ वर्ष के शासन में दुनिया के धनिकों में अदानी दूसरे या तीसरे स्थान पर पहुंच गए. अमेरिका के एक संस्थान ने इसके रहस्य पर से पर्दा उठाया है. अदानी ग्रुप की वजह से देश में वित्तीय अस्थिरता भी पैदा हो सकती है.

सरकार जांच क्यों नहीं करा रहीः देश के आम आदमी ने अपनी छोटी मोटी बचत की राशि बीमा में निवेश किया है, या बैंकों में जमा किया है. उस पर भी संकट आ सकता है. इस सवाल को मजबूती के साथ उठाने की कीमत राहुल गांधी ने लोक सभा से अपनी सदस्यता देकर चुकाई है. आज देश का संपूर्ण विपक्ष मोदी सरकार से मांग कर रहा है कि अदानी के मामले की जांच संयुक्त संसदीय दल से कराइए. उस संसदीय समिति में हमारे सुशील मोदी जैसे वित्तीय मामलों के जानकार भी हो सकते हैं, फिर सरकार इसकी जांच क्यों नहीं करा रही है. क्या सुशील मोदी इस पर प्रकाश डालेंगे?

"सुशील मोदी रोजाना लालू यादव और तेजस्वी यादव का मीडिया में जाप कर रहे हैं. इसके पीछे सुशील मोदी की क्या चतुराई है? बिहार के लोग अदानी मामले में अंधकार में रहें. अन्यथा तेजस्वी का जो मामला अदालत में है, जिसका अनुसंधान सीबीआई और ईडी कर रही है उसी को सत्यनारायण भगवान की कथा की तरह रोजाना मीडिया के सामने बांचते रहने का क्या मकसद है?"- शिवानंद तिवारी, राजद नेता

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