पटना: बिहार विधान परिषद में आमतौर पर सत्र चलने के दौरान नारेबाजी का दौर रहता है. जिंदाबाद, मुर्दाबाद के नारे लगाए जाते हैं. इस्तीफा दो, बर्खास्तगी की मांग होती है. लेकिन, मंगलवार को बिहार विधान परिषद की फिजा कुछ बदली हुई थी, कुछ नजाकत लिए हुई थी. निशाना तो सब लगा रहे थे, लेकिन तरीका शेरो शायरी का था. शेरो शायरी भी ऐसी कि सारे सदस्य वाह-वाह कर रहे थे.
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सदन में खूब हुई शेर-ओ-शायरी: दरअसल, विधान परिषद में शेरो शायरी का दौर तब शुरू हुआ, जब सत्तारूढ़ दल की सचेतक रीना यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद प्रस्ताव देना शुरू किया. अपने करीब आधे घंटे के धन्यवाद प्रस्ताव में रीना यादव ने राज्यपाल द्वारा अभिभाषण में उल्लेखित तमाम बिंदुओं का जिक्र करते हुए सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और उन्होंने अपनी अभिभाषण का समापन शेर के साथ की.
शायरी से शुरू हुआ अभिभाषण पर धन्यवाद: रीना यादव के द्वारा अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश कर देने के बाद प्रतिपक्ष की तरफ से बिहार विधान परिषद के वरिष्ठ पार्षद प्रोफेसर नवल किशोर यादव को बोलने का मौका मिला. शुरू में प्रोफेसर नवल किशोर यादव ने शिक्षा पर फोकस किया और कई मुद्दों पर बातें कहीं. अपने संबोधन में उन्होंने लड़कियों की शिक्षा, विश्वविद्यालय में सेशन की देरी होने पर अपने बयान को केंद्रित रखा. हालांकि इस दौरान टोका टाकी होने पर आरजेडी के वरिष्ठ एमएलसी सुनील कुमार सिंह के बीच उनकी नोकझोंक भी होती रही. तब तक सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आ चुके थे.
जब सदन में लगे ठहाके: अपना संबोधन खत्म करते हुए नवल किशोर यादव ने सीएम नीतीश कुमार और उनकी बगल में बैठे संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि ''सारी दुनिया छोड़ कर हमने तुमको अपनाया था, करोगे याद तुम भी हमने दिल लगाया था.'' उनके इस शेर को कहने के साथ ही सभी सदस्य वाह-वाह कर उठे.
विजय चौधरी का मौके पर चौका: हालांकि मौके की नजाकत को देखते हुए विजय कुमार चौधरी भी चूकने वालों में से नहीं थे. उन्होंने भी सदन से आसन से अनुमति लेने के बाद कहा कि ''मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं, किसी और को सराहोगे तो मुश्किल होगी.'' जिसके बाद सदन में हंसी ठहाकों का दौर चल पड़ा.