पटनाः नियोजित शिक्षक पिछले दो महीने से हड़ताल पर हैं. बावजूद इसके सरकार और हड़ताली शिक्षकों के बीच अबतक कोई बीच का रास्ता नहीं निकल सका है. वहीं, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अधिकारी नियम कानून को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं. सचिव हड़ताली शिक्षकों को धमका रहे हैं.
महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि नियोजित शिक्षक पंचायती राज संस्था के अधीन आते हैं. जिसे हटाने का अधिकार सचिव को नहीं है. फिर भी नए-नए आदेश निकालकर शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह का कहना है कि नीतीश सरकार हड़ताल समाप्त कराने की कोशिश नहीं कर रही.
चपरासी से भी शिक्षक का कम वेतन
संविधान के मुताबिक समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. लेकिन नीतीश कुमार अपने शिक्षकों को चपरासी से भी कम वेतन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में सरकार के सामने आर्थिक संकट है लेकिन सेवा शर्त लागू कर और हड़ताल के दौरान शिक्षकों पर की गई कानूनी कार्रवाई को वापस लिया जा सकता है.
सरकार के मंशा पर उठाया सवाल
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता की वजह से अब तक हड़ताल समाप्त नहीं हो सका. नियोजित शिक्षक 25 फरवरी से हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान हुई पढ़ाई की क्षति को सरकार भरपाई कर देंगे. लेकिन सरकार भी उनकी मांग पर विचार करे.