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पद्मभूषण शारदा सिन्हा की मार्मिक अपील का असर, 13 विश्वविद्यालयों के रुके वेतन-पेंशन का फंड जारी - etv news

पद्मभूषण शारदा सिन्हा के सवाल उठाने के बाद शिक्षा विभाग ने आज बिहार के 13 विश्वविद्यालय के लिए वेतन और पेंशन के मद में 401 करोड़ रुपए की राशि जारी (Government Released Funds) कर दिया है. जारी की गई राशि में महंगाई भत्ता भी है.

पद्मभूषण शारदा सिन्हा
पद्मभूषण शारदा सिन्हा
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Published : Jan 28, 2022, 10:00 PM IST

पटना: पिछले कई महीने से वेतन और पेंशन के लिए तरस रहे बिहार के 13 विश्वविद्यालय के कर्मियों के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. पद्मभूषण शारदा सिन्हा (Sharda Sinha Pension Issue) के सवाल उठाने के बाद शिक्षा विभाग ने आज राज्य के 13 विश्वविद्यालयों के लिए वेतन और पेंशन के मद में 401 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है. बिहार के 13 विश्वविद्यालयों के पेंशन और महंगाई भत्ते के साथ वेतन की राशि कई महीनों से बकाया थी. ईटीवी भारत ने आज पद्मभूषण शारदा सिन्हा की व्यथा की खबर प्रमुखता से दिखाई थी.

ये भी पढ़ें- पद्म भूषण शारदा सिन्हा को नहीं मिल रही पेंशन, जाहिर की अपनी व्यथा

शारदा सिन्हा ने 4 महीने से पेंशन नहीं मिलने का मामला सोशल मीडिया के जरिए उठाया था. उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि उनकी एक पूर्व सहयोगी की मौत हो चुकी है. मौत से पहले वे पेंशन नहीं मिलने से काफी परेशान थीं. शारदा सिन्हा ने यह भी लिखा कि उन्हें खुद ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से 4 महीने से पेंशन नहीं मिली है. खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने आनन-फानन में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मियों के वेतन और पेंशन मद में 401 करोड़ रुपए की राशि जारी की है.



किस विश्वविद्यालय के लिए कितनी राशि
पटना विश्वविद्यालय के लिए ₹15.64 करोड़, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लिए ₹36.98 करोड़, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के लिए ₹17.64 करोड़, जय प्रकाश विश्वविद्यालय के लिए ₹45.06 करोड़ , बीएन मंडल विवि के लिए ₹8.21 करोड़, तिलका मांझी विवि के लिए ₹20.29 करोड़, ललित नारायण मिथिल विश्वविद्यालय के लिए ₹15.73 करोड़, केएसडीएस विश्वविद्यालय के लिए ₹24.28 करोड़, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना के लिए ₹18.30 लाख, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए ₹33.64 करोड़, पूर्णिया विश्वविद्यालय के लिए ₹4.29 करोड़, मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए ₹5.36 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं.


बता दें कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पेंशनर्स और वेतन की राशि सितंबर 2021 के बाद से नहीं मिली थी. वहीं कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को नवंबर 2021 से फरवरी तक की राशि जारी की गयी है. इस विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों के लिए भी राशि इसमें दी गयी है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए जनवरी और फरवरी 2022 तक के लिए राशि मंजूर की गयी है.


आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जारी की गयी राशि में महंगाई भत्ता भी है. सरकार ने महंगाई भत्ता 17 से बढ़ाकर 28 और 28 से 31 फीसदी किया है. महंगाई भत्ता जुलाई 2021 से फरवरी 2022 तक के लिए दिया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार या मंगलवार तक यह राशि शिक्षकों और सेवानिवृत्त कर्मियों के अकाउंट में चली जाएगी.

गौरतलब है कि सबसे ज्यादा परेशानी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों और सेवानिवृत्त कर्मियों को हो रही थी क्योंकि उनका वेतन और पेंशन सितंबर के बाद से ही बकाया था. पद्मभूषण शारदा सिन्हा खुद ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से रिटायर हुईं थीं, उन्हें भी पेंशन नहीं मिल रही थी. जिसे लेकर उन्होंने देर शाम सोशल मीडिया पर लाइव होकर एक बार फिर गुजारिश की है कि सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों के लिए एकमात्र सहारा उनका पेंशन होता है इसलिए इसका नियमित भुगतान होना बहुत जरूरी है.

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पटना: पिछले कई महीने से वेतन और पेंशन के लिए तरस रहे बिहार के 13 विश्वविद्यालय के कर्मियों के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. पद्मभूषण शारदा सिन्हा (Sharda Sinha Pension Issue) के सवाल उठाने के बाद शिक्षा विभाग ने आज राज्य के 13 विश्वविद्यालयों के लिए वेतन और पेंशन के मद में 401 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है. बिहार के 13 विश्वविद्यालयों के पेंशन और महंगाई भत्ते के साथ वेतन की राशि कई महीनों से बकाया थी. ईटीवी भारत ने आज पद्मभूषण शारदा सिन्हा की व्यथा की खबर प्रमुखता से दिखाई थी.

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शारदा सिन्हा ने 4 महीने से पेंशन नहीं मिलने का मामला सोशल मीडिया के जरिए उठाया था. उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि उनकी एक पूर्व सहयोगी की मौत हो चुकी है. मौत से पहले वे पेंशन नहीं मिलने से काफी परेशान थीं. शारदा सिन्हा ने यह भी लिखा कि उन्हें खुद ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से 4 महीने से पेंशन नहीं मिली है. खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने आनन-फानन में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मियों के वेतन और पेंशन मद में 401 करोड़ रुपए की राशि जारी की है.



किस विश्वविद्यालय के लिए कितनी राशि
पटना विश्वविद्यालय के लिए ₹15.64 करोड़, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लिए ₹36.98 करोड़, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के लिए ₹17.64 करोड़, जय प्रकाश विश्वविद्यालय के लिए ₹45.06 करोड़ , बीएन मंडल विवि के लिए ₹8.21 करोड़, तिलका मांझी विवि के लिए ₹20.29 करोड़, ललित नारायण मिथिल विश्वविद्यालय के लिए ₹15.73 करोड़, केएसडीएस विश्वविद्यालय के लिए ₹24.28 करोड़, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना के लिए ₹18.30 लाख, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए ₹33.64 करोड़, पूर्णिया विश्वविद्यालय के लिए ₹4.29 करोड़, मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए ₹5.36 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं.


बता दें कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पेंशनर्स और वेतन की राशि सितंबर 2021 के बाद से नहीं मिली थी. वहीं कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को नवंबर 2021 से फरवरी तक की राशि जारी की गयी है. इस विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों के लिए भी राशि इसमें दी गयी है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए जनवरी और फरवरी 2022 तक के लिए राशि मंजूर की गयी है.


आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जारी की गयी राशि में महंगाई भत्ता भी है. सरकार ने महंगाई भत्ता 17 से बढ़ाकर 28 और 28 से 31 फीसदी किया है. महंगाई भत्ता जुलाई 2021 से फरवरी 2022 तक के लिए दिया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार या मंगलवार तक यह राशि शिक्षकों और सेवानिवृत्त कर्मियों के अकाउंट में चली जाएगी.

गौरतलब है कि सबसे ज्यादा परेशानी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों और सेवानिवृत्त कर्मियों को हो रही थी क्योंकि उनका वेतन और पेंशन सितंबर के बाद से ही बकाया था. पद्मभूषण शारदा सिन्हा खुद ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से रिटायर हुईं थीं, उन्हें भी पेंशन नहीं मिल रही थी. जिसे लेकर उन्होंने देर शाम सोशल मीडिया पर लाइव होकर एक बार फिर गुजारिश की है कि सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों के लिए एकमात्र सहारा उनका पेंशन होता है इसलिए इसका नियमित भुगतान होना बहुत जरूरी है.

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