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यूक्रेन से पटना लौटे शांतनु और उनकी पत्नी, भारत सरकार को दिया धन्यवाद

यूक्रेन से भारतीय लोगों का आने का सिलसिला जारी है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. ऑपरेशन गंगा के माध्यम से यूक्रेन से लोग लगातार आ रहे हैं. पटना के रहने वाले शांतनु सिंह यूक्रेन से पटना पहुंचे. उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद दिया. पढ़िये पूरी खबर.

यूक्रेन से लौटे पटना निवासी
यूक्रेन से लौटे पटना निवासी
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Published : Mar 13, 2022, 10:57 PM IST

पटना: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (War Between Russia And Ukraine) जारी है. भारत सरकार यूक्रेन से भारत वासियों को स्वदेश ला रही है. ऑपरेशन गंगा के माध्यम से सभी को देश लाया जा रहा है. यूक्रेन से बिहार के लोग और छात्र भी लगातार पटना आ रहे हैं. इसी कड़ी में यूक्रेन में 25 साल से रह रहे पटना के शांतनु सिंह पत्नी रश्मि रानी के साथ पटना पहुंचे. उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास से उन्हें काफी मदद मिली. इसके चलते वह अपने घर तक लौट पाए हैं.

ये भी पढ़ें-यूक्रेन से पटना लौटी बेटी को देख भावुक हुए पिता, छात्रों ने सुनाई बमबारी के बीच की आपबीती

भारत सरकार लगातार कर रही मदद: शांतनु सिंह ने स्वदेश आने पर भारत सरकार और बिहार सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने दावा किया है कि यूक्रेन के अंदर भी भारतीय दूतावास, भारत की सरकार, हिंदू सेवा संगठन सहित कई संगठन लगातार भारतीयों की मदद कर रहे हैं. जिससे कि भारत के लोग किसी न किसी बॉर्डर तक पहुंच सके.

भारतीय दूतावास लगातार कर रही काम: शांतनु सिंह ने कहा कि कुछ लोग जो यह प्रचार प्रसार कर रहे हैं कि यूक्रेन के अंदर भारतीय दूतावास काम नहीं कर रहा है, वह गलत है. यूक्रेन के अंदर भी लगातार भारत सरकार के लोग काम कर रहे हैं और भारतीयों को वहां से निकालकर बॉर्डर तक पहुंचा रहे हैं. उन्होंने भारत सरकार को धन्यवाद दिया और मांग किया कि वे लोग अब यूक्रेन से सब कुछ छोड़कर आ गए हैं. सरकार उनलोगों को आर्थिक सहायता करें. जिससे भारत मे रहकर अपना जीवन यापन कर सकें.

यूक्रेन के लोग कर रहे मदद: यूक्रेन से आई मेडिकल की छात्रा आयुषी रंजन ने बताया कि जो लोग यह कर रहे हैं कि यूक्रेन के नागरिक भारतीय छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है, वह गलत है. आयुषी रंजन ने कहा कि वह खारकीव में रह रही थी और मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. जब वहां हमला तेज हुआ तो उनकी तबीयत खराब हो गई और यूक्रेन की ही दोस्त के घर वह जाकर शरण ली.

यूक्रेन से घर लौटी छात्रा: छात्रा ने कहा कि यूक्रेन के लोग भारतीय छात्राओं को काफी मदद कर रहे हैं. जब उनकी तबीयत ठीक हुई तो यूक्रेन के दोस्तों ने ही उन्हें बॉर्डर तक छोड़ा. वैसे बॉर्डर तक आने में काफी परेशानी हुई, लेकिन बॉर्डर के बाद भारतीय दूतावास का उन्हें सहयोग मिला और उसके बाद वे अपने घर पटना सकुशल लौटे हैं. इसको लेकर भारत सरकार को वे धन्यवाद देती हैं.

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पटना: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (War Between Russia And Ukraine) जारी है. भारत सरकार यूक्रेन से भारत वासियों को स्वदेश ला रही है. ऑपरेशन गंगा के माध्यम से सभी को देश लाया जा रहा है. यूक्रेन से बिहार के लोग और छात्र भी लगातार पटना आ रहे हैं. इसी कड़ी में यूक्रेन में 25 साल से रह रहे पटना के शांतनु सिंह पत्नी रश्मि रानी के साथ पटना पहुंचे. उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास से उन्हें काफी मदद मिली. इसके चलते वह अपने घर तक लौट पाए हैं.

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भारत सरकार लगातार कर रही मदद: शांतनु सिंह ने स्वदेश आने पर भारत सरकार और बिहार सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने दावा किया है कि यूक्रेन के अंदर भी भारतीय दूतावास, भारत की सरकार, हिंदू सेवा संगठन सहित कई संगठन लगातार भारतीयों की मदद कर रहे हैं. जिससे कि भारत के लोग किसी न किसी बॉर्डर तक पहुंच सके.

भारतीय दूतावास लगातार कर रही काम: शांतनु सिंह ने कहा कि कुछ लोग जो यह प्रचार प्रसार कर रहे हैं कि यूक्रेन के अंदर भारतीय दूतावास काम नहीं कर रहा है, वह गलत है. यूक्रेन के अंदर भी लगातार भारत सरकार के लोग काम कर रहे हैं और भारतीयों को वहां से निकालकर बॉर्डर तक पहुंचा रहे हैं. उन्होंने भारत सरकार को धन्यवाद दिया और मांग किया कि वे लोग अब यूक्रेन से सब कुछ छोड़कर आ गए हैं. सरकार उनलोगों को आर्थिक सहायता करें. जिससे भारत मे रहकर अपना जीवन यापन कर सकें.

यूक्रेन के लोग कर रहे मदद: यूक्रेन से आई मेडिकल की छात्रा आयुषी रंजन ने बताया कि जो लोग यह कर रहे हैं कि यूक्रेन के नागरिक भारतीय छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है, वह गलत है. आयुषी रंजन ने कहा कि वह खारकीव में रह रही थी और मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. जब वहां हमला तेज हुआ तो उनकी तबीयत खराब हो गई और यूक्रेन की ही दोस्त के घर वह जाकर शरण ली.

यूक्रेन से घर लौटी छात्रा: छात्रा ने कहा कि यूक्रेन के लोग भारतीय छात्राओं को काफी मदद कर रहे हैं. जब उनकी तबीयत ठीक हुई तो यूक्रेन के दोस्तों ने ही उन्हें बॉर्डर तक छोड़ा. वैसे बॉर्डर तक आने में काफी परेशानी हुई, लेकिन बॉर्डर के बाद भारतीय दूतावास का उन्हें सहयोग मिला और उसके बाद वे अपने घर पटना सकुशल लौटे हैं. इसको लेकर भारत सरकार को वे धन्यवाद देती हैं.

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