पटना: बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने एक बार फिर अपने पद से हटने की इच्छा जताई है. बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग में भी उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी.
सोमवार देर रात शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट कर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पार्टी आलाकमान से उन्हें बिहार प्रभारी के पद से मुक्त करने की गुजारिश की. इसके बाद से बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है.
सत्ता पक्ष को गोहिल पर बयान देने का हक नहीं
विपक्षी दल हार का ठीकरा कांग्रेस और उनके नेतृत्व पर फोड़ते हुए कहने लगे हैं कि चुनाव में मिली हार के चलते गोहिल पद छोड़ना चाहते हैं. वहीं, कांग्रेस के नेता गोहिल का बचाव करते दिख रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा "महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव थे. जनता ने अपना मैंडेट तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन को दिया है. पहले स्थान पर आई पार्टी (राजद) विपक्ष में बैठी है और तीसरे नंबर की पार्टी (जदयू) सत्ता पर काबिज है. सत्ता पक्ष के लोगों को शक्ति सिंह गोहिल के पद छोड़ने की इच्छा पर बयान देने का कोई हक नहीं है. वे पहले अपने गिरेबान में झांके."
"बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बेहतरीन काम किया है. पार्टी का सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता भी आसानी से उनसे मुलाकात कर सकता था. जहां तक चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का सवाल है तो इसकी जिम्मेदारी सिर्फ नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की भी होती है."- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस