पटना: सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामा को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है. इसको लेकर शकील अहमद खान ने कहा कि बिहार में लगातार बीजेपी कोटे से ही स्वास्थ्य मंत्री बनते रहे हैं. उनकी यह असंवेदनशीलता है. डॉक्टरों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया.
शकील अहमद खान ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को लेकर मजबूरन सच बोलना पड़ा है. इसको लेकर सच नहीं बोलते तो दूसरे आंकड़े पेश कर देते. इस सरकार के बजट में स्वास्थ्य कभी प्राथमिकता में रही ही नहीं है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पद से इस्तीफा देनी चाहिए.
'सरकार अपनी जिम्मेवारी से बच रही'
बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को लेकर सवाल पर शकील अहमद खान ने कहा कि यह समस्या तो सबके लिए है. इसका निराकरण के लिए सब के साथ बैठक होनी चाहिए. एक्सपर्ट से इस मुद्दे पर बात होनी चाहिए. सरकार को संसाधन का सही इस्तेमाल करना होगा. इस मुद्दे पर विपक्ष हमेशा अपना काम करता रहा है. लेकिन सरकार अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकती है.
47 फीसदी डॉक्टरों की है कमी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चमकी बुखार को लेकर बिहार सरकार से अब तक उठाए गए कदम की जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था. इस हलफनामा में सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में मानव संसाधन की भारी कमी है. स्वास्थ्य विभाग की मानव संसाधन की स्थिति ठीक नहीं है. डॉक्टर और नर्सों की भारी कमी है. स्वास्थ्य विभाग में 47 फीसदी डॉक्टरों की कमी है.