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Heatwave In Bihar: अगले 48 घंटे तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी, कई जिलों में भीषण लू की मार, खुद को ऐसे बचाएं

मानसून आने के महीने में बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही है. मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 48 घंटे तक बिहार के भीषण हीटवेव की चपेट में रहने का पूर्वानुमान लगाया है. अभी दक्षिणी बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में है. वहीं मानसून सीमांचल में ही ठहर गया है. ऐसे में चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने लोगों से विशेष एहतियात बरतने की अपील की है.

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Published : Jun 16, 2023, 5:24 PM IST

लू की चपेट में बिहार

पटना: बिहार में गर्मी का कहर जारी है. इन दिनों रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है. अररिया, किशनगंज और पूर्णिया को छोड़ दें, तो पूरा बिहार हीटवेव की चपेट में है. दक्षिण बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में है जिसमें दक्षिण पश्चिम भाग के कई जिलों में एक्सट्रीम सीवियर हीटवेव दर्ज किया जा रहा है. जून का महीना मानसून का महीना माना जाता है लेकिन इस महीने अब तक सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई है और आने वाले सप्ताह में भी अच्छी बारिश होने के आसार नहीं बन रहे.

ये भी पढ़ें : Heatwave in Bihar: बढ़ते तापमान के साथ लोगों के बीच बढ़ी कूलर की डिमांड, बाजार में इस रेट पर ले सकते हैं ब्रांडेड कूलर

सीमांचल में ही ठहर गया है मानसून: 17 वर्षों के बाद समय से पहले पहुंचा मॉनसून पूर्णिया, किशनगंज, अररिया के रास्ते में ही ठहर गया है. वजह है कि बंगाल की खाड़ी से हवा का प्रवाह नहीं हो रहा है और मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति नहीं बन रही. मौसम विभाग की माने तो अभी अभी 48 घंटे के दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में कोई खास परिवर्तन होने के आसार नहीं बन रहे हैं, लेकिन इसके बाद 18 जून के बाद अधिकतम तापमान में एक से 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी जा सकती है.

43 डिग्री तक पहुंचा पटना का पारा: शुक्रवार को एक बार फिर पटना का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति नहीं बन रही है. इस वजह से पूर्णिया, किशनगंज के तरफ ही मॉनसून रुका हुआ है और यह आगे नहीं बढ़ पा रहा. इसके साथ ही राजस्थान की ओर से गर्म पछुआ हवा का प्रवाह भी प्रदेश में बना हुआ है. इस वजह से उत्तर पूर्व बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरा प्रदेश हीटवेव की चपेट में है.

"पटना, भोजपुर समेत दक्षिण बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में हैं. अगले 48 घंटों के दौरान यही स्थिति बनी रहेगी. इसके अलावा दक्षिण पश्चिम बिहार के कुछ हिस्सों में एक्सट्रीम सीवियर हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. राजस्थान की ओर से गर्म पछुआ हवा का प्रवाह भी प्रदेश में बना हुआ है. इस वजह से उत्तर पूर्व बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरा प्रदेश हीटवेव की चपेट में है. मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति नहीं बन रही है. इस वजह से पूर्णिया, किशनगंज के तरफ ही मॉनसून रुका हुआ है" - आशीष कुमार, मौसम वैज्ञानिक

अगले 48 घंटे तक गर्मी से राहत नहीं: इस बार जून के महीने में सामान्य से काफी कम बारिश रहने का पूर्वानुमान है. मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि पटना, भोजपुर समेत दक्षिण बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में हैं. अगले 48 घंटों के दौरान यही स्थिति बनी रहेगी. इसके अलावा दक्षिण पश्चिम बिहार के कुछ हिस्सों में एक्सट्रीम सीवियर हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. इसका कारण है कि वातावरण में आद्रता की मात्रा बढ़ी हुई है, जिस वजह से शरीर को अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच महसूस हो रहा है.

पछुआ हवा से बनी हीटवेव की स्थिति: लोगों को हीटवेव से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. अभी के समय पछुआ हवा की गति 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जो झोंके के साथ है 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है. बच्चों, बीमार और बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है. पटना के प्रख्यात चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि इन दिनों प्रदेश का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब बना हुआ है. इस वजह से इन दिनों हीटस्ट्रोक के मामले बढ़े हुए हैं.

डिसेंट्री और डिहाइड्रेशन की शिकायतें बढ़ी: डाॅ दिवाकर ने कहा कि डायरिया, डिसेंट्री, डिहाइड्रेशन की शिकायत को लेकर लोग यहां पहुंच रहे हैं. कई लोग गर्मी के कारण चक्कर खाकर बेहोश हो जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में एक 11:00 से 4:00 के बीच घर से बाहर निकलने से बचें. यदि जरूरी काम से भी धूप में जाना पड़ रहा है तो धूप में लंबी दूरी की यात्रा ना करें और बीच-बीच में रुक कर किसी ठंडे स्थान पर बैठे और पानी पीएं. इस समय निरंतर अंतराल पर पानी अथवा मौसमी फलों के जूस पीते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे.

टेंपरेचर वेरिएशन से बचने की सलाह: डाॅक्टर ने कहा कि गर्मी से बचने के लिए हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने. इस मौसम में पसीने के कारण शरीर में फंगस की शिकायत भी बढ़ी हुई है. इसलिए जरूरी है कि सुबह शाम अच्छे से स्नान करें और शरीर में जहां अधिक पसीना आता है. वहां अच्छी साफ सफाई रखें. डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि यदि रास्ते में चलते चलते चक्कर आने जैसा महसूस हो रहा है, तो जल्द से जल्द छांव की शरण में जाकर थोड़ा देर आराम करें. पानी पिए और शरीर को पानी से धोएं. इसके अलावा इस मौसम में टेंपरेचर वेरिएशन से बचें.

"इन दिनों प्रदेश का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब बना हुआ है. इस वजह से इन दिनों हीटस्ट्रोक के मामले बढ़े हुए हैं. गर्मी से बचने के लिए हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने. इस मौसम में पसीने के कारण शरीर में फंगस की शिकायत भी बढ़ी हुई है. इसलिए जरूरी है कि सुबह शाम अच्छे से स्नान करें और शरीर में जहां अधिक पसीना आता है. वहां अच्छी साफ सफाई रखें" - डाॅ दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

लू की चपेट में बिहार

पटना: बिहार में गर्मी का कहर जारी है. इन दिनों रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है. अररिया, किशनगंज और पूर्णिया को छोड़ दें, तो पूरा बिहार हीटवेव की चपेट में है. दक्षिण बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में है जिसमें दक्षिण पश्चिम भाग के कई जिलों में एक्सट्रीम सीवियर हीटवेव दर्ज किया जा रहा है. जून का महीना मानसून का महीना माना जाता है लेकिन इस महीने अब तक सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई है और आने वाले सप्ताह में भी अच्छी बारिश होने के आसार नहीं बन रहे.

ये भी पढ़ें : Heatwave in Bihar: बढ़ते तापमान के साथ लोगों के बीच बढ़ी कूलर की डिमांड, बाजार में इस रेट पर ले सकते हैं ब्रांडेड कूलर

सीमांचल में ही ठहर गया है मानसून: 17 वर्षों के बाद समय से पहले पहुंचा मॉनसून पूर्णिया, किशनगंज, अररिया के रास्ते में ही ठहर गया है. वजह है कि बंगाल की खाड़ी से हवा का प्रवाह नहीं हो रहा है और मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति नहीं बन रही. मौसम विभाग की माने तो अभी अभी 48 घंटे के दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में कोई खास परिवर्तन होने के आसार नहीं बन रहे हैं, लेकिन इसके बाद 18 जून के बाद अधिकतम तापमान में एक से 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी जा सकती है.

43 डिग्री तक पहुंचा पटना का पारा: शुक्रवार को एक बार फिर पटना का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति नहीं बन रही है. इस वजह से पूर्णिया, किशनगंज के तरफ ही मॉनसून रुका हुआ है और यह आगे नहीं बढ़ पा रहा. इसके साथ ही राजस्थान की ओर से गर्म पछुआ हवा का प्रवाह भी प्रदेश में बना हुआ है. इस वजह से उत्तर पूर्व बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरा प्रदेश हीटवेव की चपेट में है.

"पटना, भोजपुर समेत दक्षिण बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में हैं. अगले 48 घंटों के दौरान यही स्थिति बनी रहेगी. इसके अलावा दक्षिण पश्चिम बिहार के कुछ हिस्सों में एक्सट्रीम सीवियर हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. राजस्थान की ओर से गर्म पछुआ हवा का प्रवाह भी प्रदेश में बना हुआ है. इस वजह से उत्तर पूर्व बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरा प्रदेश हीटवेव की चपेट में है. मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति नहीं बन रही है. इस वजह से पूर्णिया, किशनगंज के तरफ ही मॉनसून रुका हुआ है" - आशीष कुमार, मौसम वैज्ञानिक

अगले 48 घंटे तक गर्मी से राहत नहीं: इस बार जून के महीने में सामान्य से काफी कम बारिश रहने का पूर्वानुमान है. मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि पटना, भोजपुर समेत दक्षिण बिहार के कई जिले सीवियर हीटवेव की चपेट में हैं. अगले 48 घंटों के दौरान यही स्थिति बनी रहेगी. इसके अलावा दक्षिण पश्चिम बिहार के कुछ हिस्सों में एक्सट्रीम सीवियर हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. इसका कारण है कि वातावरण में आद्रता की मात्रा बढ़ी हुई है, जिस वजह से शरीर को अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच महसूस हो रहा है.

पछुआ हवा से बनी हीटवेव की स्थिति: लोगों को हीटवेव से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. अभी के समय पछुआ हवा की गति 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जो झोंके के साथ है 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है. बच्चों, बीमार और बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है. पटना के प्रख्यात चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि इन दिनों प्रदेश का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब बना हुआ है. इस वजह से इन दिनों हीटस्ट्रोक के मामले बढ़े हुए हैं.

डिसेंट्री और डिहाइड्रेशन की शिकायतें बढ़ी: डाॅ दिवाकर ने कहा कि डायरिया, डिसेंट्री, डिहाइड्रेशन की शिकायत को लेकर लोग यहां पहुंच रहे हैं. कई लोग गर्मी के कारण चक्कर खाकर बेहोश हो जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में एक 11:00 से 4:00 के बीच घर से बाहर निकलने से बचें. यदि जरूरी काम से भी धूप में जाना पड़ रहा है तो धूप में लंबी दूरी की यात्रा ना करें और बीच-बीच में रुक कर किसी ठंडे स्थान पर बैठे और पानी पीएं. इस समय निरंतर अंतराल पर पानी अथवा मौसमी फलों के जूस पीते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे.

टेंपरेचर वेरिएशन से बचने की सलाह: डाॅक्टर ने कहा कि गर्मी से बचने के लिए हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने. इस मौसम में पसीने के कारण शरीर में फंगस की शिकायत भी बढ़ी हुई है. इसलिए जरूरी है कि सुबह शाम अच्छे से स्नान करें और शरीर में जहां अधिक पसीना आता है. वहां अच्छी साफ सफाई रखें. डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि यदि रास्ते में चलते चलते चक्कर आने जैसा महसूस हो रहा है, तो जल्द से जल्द छांव की शरण में जाकर थोड़ा देर आराम करें. पानी पिए और शरीर को पानी से धोएं. इसके अलावा इस मौसम में टेंपरेचर वेरिएशन से बचें.

"इन दिनों प्रदेश का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब बना हुआ है. इस वजह से इन दिनों हीटस्ट्रोक के मामले बढ़े हुए हैं. गर्मी से बचने के लिए हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने. इस मौसम में पसीने के कारण शरीर में फंगस की शिकायत भी बढ़ी हुई है. इसलिए जरूरी है कि सुबह शाम अच्छे से स्नान करें और शरीर में जहां अधिक पसीना आता है. वहां अच्छी साफ सफाई रखें" - डाॅ दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

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