पटना: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने वकीलों की सुरक्षा (Protection Of Lawyers) के लिए सात सदस्यीय कमेटी ने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल (Advocate Protection Bill) की रूपरेखा व ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.
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बीसीआई (BCI) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा (Manan Kumar Mishra) ने जानकारी देते हुए बताया कि वकीलों की सुरक्षा के लिए यह अतिआवश्यक हैं. बीसीआई के उपाध्यक्ष एस प्रभाकरण समेत सात सदस्यीय समिति द्वारा जो ड्राफ्ट तैयार किया है, इसमें सोलह धाराएं हैं.
इसके तहत किसी भी अधिवक्ता या उसके परिवार के सदस्यों को किसी प्रकार की चोट या क्षति पहुंचाने की धमकी देनो, किसी भी सूचना को जबरन उजागर करने का दबाव देना, दबाव पुलिस अथवा किसी अन्य पदाधिकारी से दिलवाना, वकीलों को किसी केस में पैरवी करने से रोकना, उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, किसी वकील के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करना जैसे कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
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ऐसे अपराधों के लिए सक्षम न्यायालयों द्वारा 6 माह से 2 वर्ष की सजा के साथ-साथ दस लाख रुपये जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है. साथ ही अधिवक्ता को हुए नुक़सान के लिए सक्षम अदालत हर्जाना भी देने का निर्देश दे सकता है. इन अपराधों के लिए पुलिस को 30 दिनों के भीतर अनुसंधान पूरा करना होगा, जिसकी सुनवाई जिला व सत्र न्यायाधीश/अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायधीश करेंगे. लेकिन अगर कोई वकील अभियुक्त हो तो यह कानून उसपर लागू नहीं होगा.