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'BJP का शोर जहरीली शराब के कारण नहीं, ये सत्ता से बाहर होने की बेचैनी है'

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Published : Dec 15, 2022, 12:58 PM IST

बिहार में छपरा जहरीली शराब कांड (Chhapra Hooch Tragedy ) में हुई मौतों पर लगातार सियासत जारी है. आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार चल रहा है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में शराबबंदी में मौतों पर बीजेपी कोई कार्रवाई नहीं करती और बिहार में हुई शराबबंदी पर हंगामा करते हैं. भारतीय जनता पार्टी का ये शोर सत्ता जाने की छटपटाहट है. पढ़ें

बिहार में छपरा जहरीली शराब कांड
बिहार में छपरा जहरीली शराब कांड

पटना: बीजेपी की तरफ से छपरा जहरीली शराब कांड (Chhapra Poisonous Liquor Case) पर हंगामा करने के बाद राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने हमला किया है. इस मामले को लेकर उन्होंने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि बीजेपी जहरीली शराब से मौत को लेकर शोर शराबा नहीं कर रही है, बल्कि ये सत्ता से बाहर रहने की उसकी बेचैनी है. शिवानंद तिवारी ने शराब को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की बात रखी. उन्होंने गुजरात में शराबबंदी के बावजूद मौतों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा.

ये भी पढ़ेंः 'शराब पीना बुरा, जो पियेगा वो मरेगा'.. छपरा शराब कांड पर बोले CM नीतीश


''आज भाजपा का शोर जहरीली शराब से मौत की वजह से नहीं बल्कि सत्ता से बाहर होने की बेचैनी की वजह से है. गुजरात में शराब बंदी है लेकिन वहाँ शराब की होम डिलेवरी है. अभी इसी वर्ष जुलाई में ज़हरीली शराब से वहाँ 57 लोगों की मृत्यु हो गई. कई अंधे हो गए. जबकि उस इलाके के लोगों ने पुलिस एसपी को एक बार नहीं कई बार अवैध ढंग से शराब की बिक्री की शिकायत की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उसका नतीजा हुआ कि ज़हरीली शराब से 57 आदमी मौत के शिकार हो गए''- शिवानंद तिवारी, वरिष्ठ आरजेडी नेता



गुजरात के बहाने पीएम मोदी पर हमला: उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात तो नरेंद्र भाई मोदी का राज्य है. लंबे समय तक वहां उनकी सरकार रही है. उनके शासन का वहां एक मॉडल बना था. उसी का शोर मचा कर वे दिल्ली की तख़्त पर आरूढ़ हो गए. अभी वहां विधानसभा चुनाव में उनको अभूतपूर्व समर्थन मिला, बावजूद इसके वहां अवैध शराब की होम डिलीवरी हो रही है.

BJP पर शिवानंद तिवारी का निशाना: बिहार में दारूबंदी पर उन्होंने कहा कि बिहार में जब शराब बंदी नहीं थी. उस समय भी अवैध ढंग से शराब बनाया जाता था. उससे भी मौतें होती थीं. राबड़ी देवी के मंत्रीमंडल में मैं स्वयं उत्पाद मंत्री था. उस समय भी ज़हरीली शराब पीने से मौत की घटना होती थी. भोजपुर के गड़हनी में मुसहर समाज के सत्रह लोगों की मौत की घटना मुझे याद है. बिहार में जब भाजपा नीतीश कुमार के साथ सत्ता में थी उस काल में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं. क्यों नहीं भाजपा के लोगों ने शराब बंदी समाप्त करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल में पेश किया?

छपरा जहरीली शराब कांड में 36 की मौत: बिहार के सारण जिले में हर घंटे जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा एक-एक कर बढ़ता जा रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 36 लोगों की मौत (36 People Died after Consuming Toxic Liquor) हो गई, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. ये मौत मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई हैं. वहीं, शराब कांड में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए SDPO का ट्रांसफर, थानाध्यक्ष और कांस्टेबल को किया सस्पेंड कर दिया है. पुलिस प्रशासन की ओर से जहरीली शराब से 6 लोगों के मरने वालों की पुष्टि हुई है. बाकी लोगों की मौतों की वजहों को लेकर प्रशासन अपने स्तर पर जांच कर रहा है.

छपरा में जहरीली शराब से मौत पर सरकार को घेर रहा विपक्ष: बता दें कि जब से बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामला सामने आया है बीजेपी लगातार शीतकालीन सत्र में इसको मुद्दा बनाकर सीएम नीतीश के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है. सदन की कार्यवाही में भी बीजेपी के प्रदर्शन की वजह से असर पड़ रहा है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने शराब कांड को लेकर सदन के प्रश्नकाल का बहिष्कार भी किया. अभी भी इस मुद्दे पर सदन में गतिरोध जारी है. 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में 3 दिन हंगामे में ही बीत गए.

पटना: बीजेपी की तरफ से छपरा जहरीली शराब कांड (Chhapra Poisonous Liquor Case) पर हंगामा करने के बाद राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने हमला किया है. इस मामले को लेकर उन्होंने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि बीजेपी जहरीली शराब से मौत को लेकर शोर शराबा नहीं कर रही है, बल्कि ये सत्ता से बाहर रहने की उसकी बेचैनी है. शिवानंद तिवारी ने शराब को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की बात रखी. उन्होंने गुजरात में शराबबंदी के बावजूद मौतों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा.

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''आज भाजपा का शोर जहरीली शराब से मौत की वजह से नहीं बल्कि सत्ता से बाहर होने की बेचैनी की वजह से है. गुजरात में शराब बंदी है लेकिन वहाँ शराब की होम डिलेवरी है. अभी इसी वर्ष जुलाई में ज़हरीली शराब से वहाँ 57 लोगों की मृत्यु हो गई. कई अंधे हो गए. जबकि उस इलाके के लोगों ने पुलिस एसपी को एक बार नहीं कई बार अवैध ढंग से शराब की बिक्री की शिकायत की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उसका नतीजा हुआ कि ज़हरीली शराब से 57 आदमी मौत के शिकार हो गए''- शिवानंद तिवारी, वरिष्ठ आरजेडी नेता



गुजरात के बहाने पीएम मोदी पर हमला: उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात तो नरेंद्र भाई मोदी का राज्य है. लंबे समय तक वहां उनकी सरकार रही है. उनके शासन का वहां एक मॉडल बना था. उसी का शोर मचा कर वे दिल्ली की तख़्त पर आरूढ़ हो गए. अभी वहां विधानसभा चुनाव में उनको अभूतपूर्व समर्थन मिला, बावजूद इसके वहां अवैध शराब की होम डिलीवरी हो रही है.

BJP पर शिवानंद तिवारी का निशाना: बिहार में दारूबंदी पर उन्होंने कहा कि बिहार में जब शराब बंदी नहीं थी. उस समय भी अवैध ढंग से शराब बनाया जाता था. उससे भी मौतें होती थीं. राबड़ी देवी के मंत्रीमंडल में मैं स्वयं उत्पाद मंत्री था. उस समय भी ज़हरीली शराब पीने से मौत की घटना होती थी. भोजपुर के गड़हनी में मुसहर समाज के सत्रह लोगों की मौत की घटना मुझे याद है. बिहार में जब भाजपा नीतीश कुमार के साथ सत्ता में थी उस काल में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं. क्यों नहीं भाजपा के लोगों ने शराब बंदी समाप्त करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल में पेश किया?

छपरा जहरीली शराब कांड में 36 की मौत: बिहार के सारण जिले में हर घंटे जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा एक-एक कर बढ़ता जा रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 36 लोगों की मौत (36 People Died after Consuming Toxic Liquor) हो गई, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. ये मौत मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई हैं. वहीं, शराब कांड में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए SDPO का ट्रांसफर, थानाध्यक्ष और कांस्टेबल को किया सस्पेंड कर दिया है. पुलिस प्रशासन की ओर से जहरीली शराब से 6 लोगों के मरने वालों की पुष्टि हुई है. बाकी लोगों की मौतों की वजहों को लेकर प्रशासन अपने स्तर पर जांच कर रहा है.

छपरा में जहरीली शराब से मौत पर सरकार को घेर रहा विपक्ष: बता दें कि जब से बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामला सामने आया है बीजेपी लगातार शीतकालीन सत्र में इसको मुद्दा बनाकर सीएम नीतीश के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है. सदन की कार्यवाही में भी बीजेपी के प्रदर्शन की वजह से असर पड़ रहा है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने शराब कांड को लेकर सदन के प्रश्नकाल का बहिष्कार भी किया. अभी भी इस मुद्दे पर सदन में गतिरोध जारी है. 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में 3 दिन हंगामे में ही बीत गए.

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