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पटना में 'अटल के सपनों का कश्मीर' गोष्ठी आयोजित, सुमो रहे मुख्यअतिथि

अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित गोष्ठी में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. इसके अलावे आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान पार्षद संजय पासवान, विधायक संजीव चौरसिया मौजूद रहे.

कार्यक्रम में मौजूद रहे सुमो
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Published : Aug 16, 2019, 11:59 PM IST

पटना: राजधानी के छज्जू बाग स्थित बीआईए सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि और गोष्ठी सभा का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में 'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर चर्चा की गई. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बतौर मुख्यअतिथि इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां मौजूद सभी सदस्यों ने भारत रत्न अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित किया.

कार्यक्रम में संजय पासवान और सुमो ने रखा पक्ष

मौके पर विधान पार्षद संजय पासवान ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय मंत्री थे, तब उन्होंने अटल जी को देखकर एक बार 'जय श्री राम' कहा, तब अटल जी ने पलटकर तुरंत मुझे 'जय श्री राम' के साथ 'जय भीम' भी कहने को कहा. संजय पासवान ने कहा कि अटल जी के यह शब्द उनके दिल को छू गए. इसका साफ संदेश था कि अपने समाज के लोगों को भी देखो.

Patna
संजय पासवान, विधान पार्षद

एक देश में दो विधान के खिलाफ थे अटल
'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 1953 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर में गिरफ्तार किए गए, उस वक्त अटल बिहारी आरएसएस के लिए पत्रकारिता करते थे और वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ कश्मीर गए हुए थे. उस समय श्यामा प्रसाद ने कहा था कि एक देश में एक ही विधान होना चाहिए. कश्मीर जाने के लिए परमिशन लेना गलत है. श्यामा प्रसाद के इस कथन का अटल जी ने भी समर्थन किया था.

Patna
अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते सुमो

ये लोग रहे मौजूद
सुशील मोदी ने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धारा 370 के खिलाफ अटल बिहारी के क्या विचार थे. अटल जी एक देश में दो विधान के सख्त खिलाफ थे. इस कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान पार्षद संजय पासवान, विधायक संजीव चौरसिया मौजूद रहे.

पटना: राजधानी के छज्जू बाग स्थित बीआईए सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि और गोष्ठी सभा का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में 'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर चर्चा की गई. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बतौर मुख्यअतिथि इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां मौजूद सभी सदस्यों ने भारत रत्न अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित किया.

कार्यक्रम में संजय पासवान और सुमो ने रखा पक्ष

मौके पर विधान पार्षद संजय पासवान ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय मंत्री थे, तब उन्होंने अटल जी को देखकर एक बार 'जय श्री राम' कहा, तब अटल जी ने पलटकर तुरंत मुझे 'जय श्री राम' के साथ 'जय भीम' भी कहने को कहा. संजय पासवान ने कहा कि अटल जी के यह शब्द उनके दिल को छू गए. इसका साफ संदेश था कि अपने समाज के लोगों को भी देखो.

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संजय पासवान, विधान पार्षद

एक देश में दो विधान के खिलाफ थे अटल
'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 1953 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर में गिरफ्तार किए गए, उस वक्त अटल बिहारी आरएसएस के लिए पत्रकारिता करते थे और वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ कश्मीर गए हुए थे. उस समय श्यामा प्रसाद ने कहा था कि एक देश में एक ही विधान होना चाहिए. कश्मीर जाने के लिए परमिशन लेना गलत है. श्यामा प्रसाद के इस कथन का अटल जी ने भी समर्थन किया था.

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अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते सुमो

ये लोग रहे मौजूद
सुशील मोदी ने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धारा 370 के खिलाफ अटल बिहारी के क्या विचार थे. अटल जी एक देश में दो विधान के सख्त खिलाफ थे. इस कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान पार्षद संजय पासवान, विधायक संजीव चौरसिया मौजूद रहे.

Intro:राजधानी पटना के छज्जू बाग स्थित बीआईए सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि एवं 'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी रहे. विशिष्ट अतिथि के तौर पर आर एस एस के क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान पार्षद संजय पासवान, विधायक संजीव चौरसिया मौजूद रहे. कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन अटल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद दीप प्रज्वलन कर किया गया.


Body:विधान पार्षद संजय पासवान ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि वह जब केंद्रीय मंत्री थे तब उन्होंने अटल जी को देखकर एक बार जय श्री राम कहां तो अटल जी ने पलट कर तुरंत उन्हें कहा कि जय श्री राम के साथ जय भीम भी कहो. उन्होंने बताया कि उनकी यह शब्द उनके दिल को छू गया और इसका साफ संदेश था कि अपने समाज के लोगों को भी देखो. उन्होंने कहा कि अटल का जो ए है वह अंबेडकर है टी का मतलब ट्रुथ मैन गांधी है फिर ए का मतलब अंत्योदय यानी कि दीनदयाल है और एल का मतलब लोहिया है. अटल बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व थे और हर बार उनसे मिलने पर उनका एक नया रूप देखने को मिलता था.


Conclusion:अटल के सपनों का कश्मीर विषय पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 1953 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर में गिरफ्तार किए गए उस वक्त वह आर एस एस के लिए पत्रकारिता करते थे और वह साथ में कश्मीर गए हुए थे. सुशील मोदी ने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धारा 370 के खिलाफ अटल बिहारी बाजपेई का क्या विचार थे. अटल जी एक देश में दो विधान के खिलाफ थे. सुशील मोदी ने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान आजाद हुए तब कश्मीर को यह तय करना था कि उसे भारत के साथ जाना है या पाकिस्तान के साथ जाना है या स्वतंत्र कश्मीर बनाना है. कश्मीर के राजा हरी सिंह अभी इस निर्णय के लिए सोच ही रहे थे कि पाकिस्तानियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया जिसके बाद हरि सिंह ने माउंटबेटन और सरदार पटेल से मदद मांगी. उन्होंने कहा कि उस वक्त प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हरि सिंह को कहा कि जब तक विलय की संधि पर हस्ताक्षर नहीं करते तब तक मदद नहीं भेजी जाएगी यह नेहरू की पहली गलती थी जिस कारण कबायली कश्मीर के काफी अंदर घुस आए थे. नेहरू ने तुरंत मदद भेजी होती तो यह हालात नहीं होते. सुशील मोदी ने कहा कि नेहरू ने खुद को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक दिखाने की कोशिश में बिना शर्त संधि पर एक शर्त दे दी की कश्मीर में हालात सामान्य होने के बाद वहां के लोगों का यूएन के नेतृत्व में जनमत संग्रह कराया जाएगा कि वह क्या चाहते हैं जबकि जो भिलाई का प्रावधान था उसमें राजा का आदेश ही मान्य था और जनता का पक्ष मायने नहीं था. उन्होंने कहा कि तीसरी गलती तब हुई जब आधे कबायली ही कश्मीर से भागे थे कि उन्होंने युद्ध विराम की घोषणा कर दी जिस कारण आज कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है और वह पाकिस्तान के कब्जे में है.
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