पटना: राजधानी के छज्जू बाग स्थित बीआईए सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि और गोष्ठी सभा का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में 'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर चर्चा की गई. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बतौर मुख्यअतिथि इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां मौजूद सभी सदस्यों ने भारत रत्न अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित किया.
मौके पर विधान पार्षद संजय पासवान ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय मंत्री थे, तब उन्होंने अटल जी को देखकर एक बार 'जय श्री राम' कहा, तब अटल जी ने पलटकर तुरंत मुझे 'जय श्री राम' के साथ 'जय भीम' भी कहने को कहा. संजय पासवान ने कहा कि अटल जी के यह शब्द उनके दिल को छू गए. इसका साफ संदेश था कि अपने समाज के लोगों को भी देखो.
एक देश में दो विधान के खिलाफ थे अटल
'अटल के सपनों का कश्मीर' विषय पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 1953 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर में गिरफ्तार किए गए, उस वक्त अटल बिहारी आरएसएस के लिए पत्रकारिता करते थे और वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ कश्मीर गए हुए थे. उस समय श्यामा प्रसाद ने कहा था कि एक देश में एक ही विधान होना चाहिए. कश्मीर जाने के लिए परमिशन लेना गलत है. श्यामा प्रसाद के इस कथन का अटल जी ने भी समर्थन किया था.
ये लोग रहे मौजूद
सुशील मोदी ने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धारा 370 के खिलाफ अटल बिहारी के क्या विचार थे. अटल जी एक देश में दो विधान के सख्त खिलाफ थे. इस कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान पार्षद संजय पासवान, विधायक संजीव चौरसिया मौजूद रहे.