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तंबाकू नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य के लिए सीड्स को WHO से मिलेगा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

बिहार बाकी राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में विकसित हुआ है. सीड्स पिछले 10 सालों से बिहार और झारखंड सरकार के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम कर रही है.

Patna
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Published : May 30, 2020, 7:50 PM IST

पटनाः तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सीड्स का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन हुआ है. यह बिहार और झारखंड में कार्य करती है. इस साल तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्था सोशियो इकोनामिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) पटना का चयन किया गया है.

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नो टू टोबैको

तंबाकू के खिलाफ जंग
डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर चयनित संस्था का नाम प्रकाशित किया है. सीड्स संस्था के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 8 वर्षों में बिहार में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या 53.5 प्रतिशत से घटकर 25.9% हो गई है. यह दिखाता है कि बिहार ने तंबाकू के खिलाफ एक जंग छेड़ी और उस पर काफी हद तक काबू भी पाया.

देखें रिपोर्ट

मॉडल के रूप में बिहार हुआ विकसित
दीपक मिश्रा ने बताया कि नो तंबाकू डे अवार्ड के लिए इस साल डब्ल्यूएचओ ने वर्ल्ड सीड्स का चयन किया है. यह हमारे लिए काफी गौरव की बात है और अब बिहार बाकी राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में विकसित हुआ है. सीड्स पिछले 10 सालों से बिहार और झारखंड सरकार के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम कर रही है.

पटनाः तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सीड्स का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन हुआ है. यह बिहार और झारखंड में कार्य करती है. इस साल तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्था सोशियो इकोनामिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) पटना का चयन किया गया है.

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नो टू टोबैको

तंबाकू के खिलाफ जंग
डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर चयनित संस्था का नाम प्रकाशित किया है. सीड्स संस्था के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 8 वर्षों में बिहार में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या 53.5 प्रतिशत से घटकर 25.9% हो गई है. यह दिखाता है कि बिहार ने तंबाकू के खिलाफ एक जंग छेड़ी और उस पर काफी हद तक काबू भी पाया.

देखें रिपोर्ट

मॉडल के रूप में बिहार हुआ विकसित
दीपक मिश्रा ने बताया कि नो तंबाकू डे अवार्ड के लिए इस साल डब्ल्यूएचओ ने वर्ल्ड सीड्स का चयन किया है. यह हमारे लिए काफी गौरव की बात है और अब बिहार बाकी राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में विकसित हुआ है. सीड्स पिछले 10 सालों से बिहार और झारखंड सरकार के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम कर रही है.

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