पटना: 1 जून 2012 को ब्रह्मेश्वर मुखिया की आरा के कतीरा के पास अपराधियों ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद हत्याकांड की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई. ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के चश्मदीद गवाह ओमप्रकाश राय थे. वे महज घटनास्थल से 12 फीट की दूरी पर खड़े थे. जिन्होंने सीबीआई को कांड संख्या 03/2013 में 164 के बयान के तहत मौकाए वारदात को लेकर अपना बयान दर्ज करवाया था. अब मुखिया हत्याकांड के इस इकौलते गवाह को अपने जान का खतरा मंडराने लगा है.
ओमप्रकाश राय ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि 16 मार्च 2021 को उनका अंगरक्षक हटा लिया गया है. जिस वजह से उन्हें अब बाहर आने जाने में भय लगता है. उन्होंने कहा कि सूबे में अपराधियों का बोलबाला फिर से बढ़ गया है. वे अपराधियों के खिलाफ जाकर चश्मदीद गवाह बने हैं, ऐसे में उनके जान की हिफाजत को लेकर लगाए गए सुरक्षा गार्ड हटा लेने से उन्हें चिंता सता रही है.
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'2018 में मैंने मुखिया हत्याकांड के चश्मदीद गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज करवाया था. जिसके बाद सीबीआई के अनुसंधान पर मुझे पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी. जिला पुलिस द्वारा 1 कामगार सुरक्षा हेतु दिया गया था लेकिन बीते 16 मार्च से उनका सुरक्षा गार्ड को हटा लिया गया है'.- ओमप्रकाश, चश्मदीद गवाह
पहले भी हो चुका है जानलेवा हमला
ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के चश्मदीद गवाह ओम प्रकाश राय ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि एक बार उनके ऊपर जानलेवा हमला हो चुका है.
अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त
उन्होंने यह बताया कि जिन अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया था. उन्हें राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है. ओमप्रकाश ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों के साथ प्रशासन की मिलीभगत के चलते उनके अंगरक्षक को हटाया गया है. ताकि उनके साथ भी वही हो जो साल 2012 में ब्रह्मेश्वर मुखिया के साथ हुआ था.
एडीजी को नहीं है मामले की जानकारी
इस बाबत ओम प्रकाश राय द्वारा पुलिस अधीक्षक स्पेशल क्राइम ब्रांच सीबीआई पटना को पत्र लिखकर अपना अंगरक्षक दोबारा प्राप्त करने हेतु आवेदन दिया गया है. हालांकि, इस मसले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि किन कारणों से उनके अंगरक्षक को हटाया गया है.