पटना: पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ ने 29 जुलाई को सामूहिक उपवास और सत्याग्रह करने का ऐलान किया है. शिक्षा उपनिदेशक पटना की कार्यशैली, मनमानी और टालमटोल की नीति से नाराज होकर शिक्षक संघ ने ये फैसला लिया है. शिक्षकों ने अधिकारियों पर आर्थिक दोहन और शोषण का आरोप लगाया है.
2,500 से अधिक शिक्षक वंचित
माध्यमिक शिक्षक संघ पटना प्रमंडल के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि शिक्षकों की मांग को बिहार सरकार के मंत्रिमंडल की स्वीकृति व शिक्षा विभाग द्वारा जारी संकल्प, आदेश तथा जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा अनुशंसा से प्राप्त राज्यकृत एवं प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों के मोडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत वित्तीय उन्यन की स्वीकृति हेतु करीब 2,500 से अधिक शिक्षकों की सेवा पुस्तिका अप्रैल महीने से क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में धूल फांक रही है.
बैठक में नहीं लिया गया था फैसला
बता दें कि नियमानुसार एमएसीपीएस जून महीने में ही स्क्रीनिंग की बैठक बुलाकर प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी जानी चाहिए थी. लेकिन अगस्त का महीना आने को है, मगर इस पर अभी तक कोई भी कार्य तक शुरू नहीं किया गया है. जून में जो बैठक बुलाई गई थी उसमें इस मुद्दे पर चर्चा करने की बजाय लिपिकों, शिक्षकों और आदेशपालों के स्थानांतरण पर जोर दिया था. इस कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया गया.
इधर, तिरहुत एवं मगध प्रमंडल में वित्तीय उन्नयन का लाभ अन्य शिक्षकों को प्राप्त भी हो चुका है, लेकिन पटना प्रमंडल के शिक्षक अभी वंचित हैं. इससे नाराज शिक्षकों ने 29 जुलाई से शिक्षा उपनिदेशक पटना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.