पटनाः छपरा में पिछले दिनों 73 लोगों की जहरीली शराब से मौत को लेकर एनएचआरसी की टीम जांच में जुटी है. अब एनएचआरसी (NHRC) की एक और टीम (second team of NHRC reached in Bihar) डीजी के नेतृत्व में बिहार पहुंची है, जो राज्य के कई जिलों में शराब पीकर बीमार हुए लोगों से मुलाकात करेगी. इससे पहले मंगलवार को मानवाधिकार आयोग की टीम छपरा सदर अस्पताल पहुंची. टीम ने अस्पताल के अधिकारियों से घंटों बातचीत की.
ये भी पढ़ेंः Chapra Hooch Tragedy: NHRC की टीम पहुंची बिहार, सच जानने में जुटी
छपरा पहुंची NHRC की टीम: इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के डीजी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में टीम पटना पहुंची है. बिहार पहुंची NHRC की ये दूसरी टीम है. टीम में 2 सदस्य शामिल हैं. ये टीम दो दिवसीय दौरे पर बिहार आई है, जो छपरा और सिवान में बीमार मरीजों से बात करेगी. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एनएचआरसी की 10 सदस्यी टीम बिहार पहुंची थी, जो इस समय सारण के दौरे पर है.
जहरीली शराब पीने से कितनों की हुई मौत? : बताया जा रहा है कि एनएचआरसी की टीम ने सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा और छपरा के वरीय चिकित्सक और छपरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के साथ लगभग आधे घंटे तक बैठक की. इस दौरान पूरे मामले की जानकारी ली. इस मामले में अभी तक छपरा सदर अस्पताल के अधिकारियों ने 38 मौतों की पुष्टि की है.
"आयोग की टीम सदर अस्पताल पहुंची थी. उन्हें पूरी जानकारी दी जा चुकी है. उन्होंने मृत्यु के आंकड़े पूछे, कितने लोग यहां भर्ती हुए और कितने लोग यहां से रेफर हुए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है, विसरा रिपोर्ट का इंतजार है. इस जानकारी से वे संतुष्ट दिखाई दिए हैं. इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपा जाएगा. इससे ज्यादा कुछ मालूम नहीं है." - सागर दुलाल सिन्हा, सिविल सर्जन, सारण
NHRC का बिहार सरकार को नोटिस: बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में एनएचआरसी ने नोटिस जारी की था. आयोग ने ट्वीट कर कहा था कि अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी स्वयं की जांच टीम बनाई है. यह टीम बिहार के अन्य जिलों में मौके पर जाकर जांच करेगी. आयोग यह जानने के लिए चिंतित है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है. एनएचआरसी टीम घटनास्थल का दौरा कर आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.
ज्यादातर गरीब परिवार के लोगों की मौतः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कहा था कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से हैं और शायद निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते, इसलिए राज्य सरकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि जहां कहीं भी उपलब्ध हो, उन्हें सर्वोत्तम हर संभव चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए. आयोग ने कहा था कि उन्होंने नोट किया है कि अप्रैल, 2016 में बिहार सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था और इसलिए ऐसी घटनाओं से संकेत मिलता है कि वह अवैध और नकली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम नहीं है.
कई जिलों में हुई है मौतः आयोग के अनुसार 17 दिसंबर, 2022 को की गई मीडिया रिपोटों के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 14 दिसंबर, 2022 को हुई जहरीली शराब त्रासदी में 73 लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकारी आंकड़ों में 38 लोगों की मौत हुई है.