पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और सीट शेयरिंग को लेकर राजनीतिक दलों के बीच दबाव की राजनीति जारी है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला क्या होगा. इसको लेकर अंतर्विरोध है. बीजेपी जहां लोकसभा के तर्ज पर 50-50 का फॉर्मूला चाहती हैं, वहीं, नीतीश कुमार बड़े भाई के भूमिका में रहना चाहते हैं. इन सबके बीच भाजपा ने अपने सांसदों को पंचायतों का दौरा करने को कहा है.
भाजपा सांसद की रिपोर्ट पर दारोमदार
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर एकमत नहीं है. बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी दबाव की राजनीति कर रही हैं. नीतीश कुमार दूसरे दलों से विधायकों को लाकर अपनी सीटों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं. तो लोजपा भी कम सीटों पर समझौते के लिए तैयार नहीं है. इधर भाजपा 50-50 का फार्मूला चाहती है. इन सबके बीच बिहार के सांसदों को पंचायतों का दौरा करने के लिए भेजा गया है.
बिहार में भाजपा के 17 सांसद हैं और हर रोज एक सांसद को 2 पंचायतों का दौरा करना है. यह सिलसिला 30 दिनों तक चलेगा. 1 महीने के दौरान पार्टी के सांसद 1020 पंचायतों का दौरा करेंगे और अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे. रिपोर्ट में सांसद या भी बताएंगे कि किन-किन परंपरागत सीटों को भाजपा को नहीं छोड़ना चाहिए.
जेडीयू में आ रहे हैं आरजेडी विधायक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजर भारतीय जनता पार्टी के प्रभाव वाले शहरी सीटों पर है. आरजेडी से विधायकों को नीतीश अपनी पार्टी में शामिल भी करा रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि अब हम गांव की ओर जा रहे हैं. तमाम सांसदों को गांव की तरफ रुख करने को कहा गया है. सांसद हर रोज पंचायत का दौरा करेंगे और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाएंगे. जहां तक सीट शेयरिंग का सवाल है. पार्टी के शीर्ष नेता समय रहते बैठकर तय कर लेंगे.