पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं. शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) भी शिक्षा के स्तर में सुधार लाने को लेकर लगातार प्रयासरत है. लेकिन पटना के मसौढ़ी से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो इन तमाम कोशिशों को नाकाफी बता रही है. मसौढ़ी प्रखंड (Masaurhi Block) के प्राथमिक विद्यालय घोरहुआं में चल रहे जर्जर भवन में बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं.
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मसौढ़ी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय घोरहुआं, वर्षो से जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. कभी भी यहां कोई बड़ी घटना हो सकती है. स्कूल के बदहाली का आलम यह है कि चारों तरफ से स्कूल में दरारें आ गई हैं. छज्जा टूट कर गिर रहा है. खिड़की एवं दरवाजों भी जर्जर हो चुके हैं. प्लास्टर भी गिर रहा है.
"बारिश में छत से टूटकर गिरता है. पानी टपकता रहता है. अभी भी स्कूल की हालत ठीक नहीं है. यहां बैठकर पढ़ने में हम सभी को बहुत डर लगता है."- छात्र
छत से हमेशा प्लास्टर गिरते रहता है, जिससे अनहोनी की आशंका बने रहती है. समस्या उस बारिश के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती है, बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है. इसके कारण प्लास्टर भी गिरने लगता है. ऐसे में बच्चे और शिक्षक दहशत में पढ़ाई करने को विवश हैं. स्कूल के प्रभारी शिक्षक एवं बच्चों ने बताया कि दहशत में हम लोग पढ़ाई कर पा रहे हैं.
"बारिश में परेशानी ज्यादा होती है. छत टूटकर गिरता रहता है. हमलोगों को यहां बैठकर पढ़ने में डर लगता है".- छात्रा
इस पूरे मामले में प्रभारी प्राधानाचार्य ने कहा कि इस बारे में कई बार संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है. लेकिन आज तक किसी ने सुध तक नहीं लिए है. विद्यालय में 3 शिक्षक हैं. वहीं नामांकित 80 बच्चे हैं. बावजूद अभी भी स्कूल में पढ़ाई जर्जर भवन में ही चल रहा है.
"यहां दो रूम है दोनों ही जर्जर अवस्था में है. कई बार कार्यालय को पत्र दिया गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं किया गया है."- सुनिता कुमारी, प्रभारी शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय घोरहुआं
मसौढ़ी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय घोरहुआं में चल रहे जर्जर भवन में पढ़ाई को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. सूचना मिलते ही तत्काल उन्होंने संज्ञान लेते हुए स्कूल में पठन-पाठन को अविलंब बंद करने का आदेश लिखित तौर पर जारी किया. वहीं विद्यालय को बगल के किसी आंगनवाड़ी में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है.
"किसी भी परिस्थिति में जर्जर अवस्था में पठन पाठन नहीं किया जाएगा. आंगनवाड़ी केंद्र में फिलहाल विद्यालय का पठन पाठन चलेगा".- रास बिहारी दूबे, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, मसौढ़ी
लेकिन सवाल यह है कि स्कूल पिछले कई सालों से जर्जर भवन में चल रहा था. कई बार शिक्षकों और छात्रों को प्लास्टर गिरने से चोटिल भी होना पड़ा, बावजूद आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई बार लिखित सूचना के बावजूद अभी तक स्कूल के हालात जस के तस बने हुए हैं. ऐसे में सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है कि एक तरफ जहां शिक्षा को लेकर लगातार सरकार कई कार्यक्रम चला रही है वहीं सरकारी स्कूलों का हाल आज भी बेहाल है.
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