पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में लगातार घोटाले के मामले सामने आ रहे हैं. एक बार फिर जिले के नौबतपुर प्रखंड के चक चेचौल पंचायत में 30 लाख की राशि गलत तरीक से निकासी की गई है. ये आरोप पंचायत कई वार्ड सदस्यों ने मुखिया के ऊपर लगाया है. इसके लिए वार्ड सदस्यों ने डीएम और मुख्यमंत्री को लिखित पत्र भेजा है.
इस मामले को लेकर चेचौल पंचायत की उप मुखिया मंजू देवी ने लिखित आवेदन देते हुए बीडीओ से कार्रवाई की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि राशि की निकासी के लिए आगनवाड़ी सेविका को ही वार्ड सचिव बना दिया गया. वहीं, नली-गली पक्कीकरण योजना में तय राशि से ज्यादा खर्च की गई है. जबकि सरकार के सचिव की ओर से 2017 में पत्र निर्गत कर निदेशित किया गया है कि इस योजना से एक वार्ड में 13 लाख से ज्यादा की राशि खर्च नहीं करनी है. जबकि वार्ड नंबर 2, 3, 8 और 9 में कोई भी राशि नली गली योजना में नहीं दी गई है और वार्ड नंबर 1 में मात्र 3 लाख की राशि दी गई है. इसके अलावे अंजू देवी ने बताया कि पंचायत के 3 वार्डों में पैसा का निकासी हो चुका है, लेकिन अब तक सात निश्चय योजना के तहत कोई भी काम नहीं किया गया.
बिहार राज्य पंचायती विभाग के आदेश पर होगी कार्रवाई
नौबतपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नीरज आनंद ने बताया कि चक चेचौल पंचायत में अनियमितता को लेकर शिकायत की बात आई है. जांच के बाद कारवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किरण देवी जब सचिव बनीं थीं तभी वो सेविका नहीं थी. बाद में उसका चयन सेविका के पद पर हो गया था. जिससे वो दो पद पर नियुक्ति है. हालांकि उन्होंने पूर्व बीडीओ का हवाला देते हुए कहा कि उस वक्त जो बीडीओ थे उन्होंने चयन किया था. फिलहाल पूरा मामला बिहार राज्य पंचायती विभाग का है, जिसको लेकर हमने आवेदन और जांच की रिपोर्ट सौंप दी है. अब बिहार राज्य पंचायती विभाग के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी योजना में घोटाला का मामला आया है सामने
बता दें कि नौबतपुर प्रखंड में ये इकलौता ऐसा मामला नहीं है, कुछ दिनों पहले ही इसी प्रखंड के अजवां पंचायत में भी सात निश्चय योजना में घोटाला का मामला सामने आया था. इसके बाद पंचायत के मुखिया के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.