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शराबबंदी पर सरकार को फटकारः अटैकिंग मोड में विपक्ष तो बचाव में लगे सत्ताधारी नेता - बिहार पॉलिटिक्स

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को शराबबंदी कानून को लेकर फटकार (SC seeks Answer To Bihar government on liquor Ban) लगाई है. इसके बाद विपक्ष के नेता जहां इसे भुनाने में (liquor Ban Bihar Politics) लगे हैं, वहीं सत्ताधारी नेता सरकार का बचाव करते नजर आ रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट...

शराबबंदी पर सरकार को फटकार
शराबबंदी पर सरकार को फटकार
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Published : Feb 25, 2022, 10:58 PM IST

पटनाः शराबबंदी कानून (Liquor Ban in Bihar) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवाल ने बिहार में सरकार और सत्तापक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में शराबबंदी पर सवाल खड़ा किया है और जवाब मांगा (SC questions from Bihar government ) है. कोर्ट ने पूछा है सरकार ने शराबबंदी कानून लाने से पहले इसके लिए अदालती ढांचा तैयार है या नहीं, इस पर कोई अध्ययन किया है?

इसे भी पढ़ें-बिहार सरकार को SC की फटकार- शराबबंदी कानून बनाते समय सभी पहलुओं का अध्ययन क्यों नहीं किया

बिहार में शराबबंदी से संबंधित मुकदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा 'कानून बनाते समय सभी पहलुओं का अध्ययन किया था या नहीं, जज और कोर्ट की संख्या बढ़ाने को लेकर ठोस कदम उठाए या नहीं.' इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को लेकर सवाल उठाए थे, सरकार की अपील को खारिज कर दिया था.

इसे भी पढ़ें- शराबबंदी पर बिहार सरकार को 'सुप्रीम' फटकार, कहा- 'कोर्ट सिर्फ इसलिए जमानत ना दे क्योंकि आपने कानून बना दिया'

लेकिन, फिर से जब कानून पर सवाल उठने लगे तो सत्ता पक्ष के विधायक सरकार का बचाव करते नजर आ रहे हैं. बिहार सरकार में जदयू कोटे से मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मैंने नहीं देखा है सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है. लेकिन केवल शराबबंदी के कारण ही अदालत पर बोझ नहीं बढ़ा है. पहले से ही दूसरे मामलों में हैं फैसलों में देरी के कारण भी बोझ बढ़ी है.

वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है. तो बीजेपी कोटे से ही श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार जवाब देगी.

सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार को विपक्षी नेता ले उड़े हैं. बिहार की प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी के वरिष्ठ नेता और विधायक आलोक मेहता ने कहा सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर सरकार को गंभीरता से विचार करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण प्रदेश में जो परिस्थितियां पैदा हुई हैं, उसे अनदेखी नहीं की जा सकती है.

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पटनाः शराबबंदी कानून (Liquor Ban in Bihar) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवाल ने बिहार में सरकार और सत्तापक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में शराबबंदी पर सवाल खड़ा किया है और जवाब मांगा (SC questions from Bihar government ) है. कोर्ट ने पूछा है सरकार ने शराबबंदी कानून लाने से पहले इसके लिए अदालती ढांचा तैयार है या नहीं, इस पर कोई अध्ययन किया है?

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बिहार में शराबबंदी से संबंधित मुकदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा 'कानून बनाते समय सभी पहलुओं का अध्ययन किया था या नहीं, जज और कोर्ट की संख्या बढ़ाने को लेकर ठोस कदम उठाए या नहीं.' इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को लेकर सवाल उठाए थे, सरकार की अपील को खारिज कर दिया था.

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लेकिन, फिर से जब कानून पर सवाल उठने लगे तो सत्ता पक्ष के विधायक सरकार का बचाव करते नजर आ रहे हैं. बिहार सरकार में जदयू कोटे से मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मैंने नहीं देखा है सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है. लेकिन केवल शराबबंदी के कारण ही अदालत पर बोझ नहीं बढ़ा है. पहले से ही दूसरे मामलों में हैं फैसलों में देरी के कारण भी बोझ बढ़ी है.

वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है. तो बीजेपी कोटे से ही श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार जवाब देगी.

सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार को विपक्षी नेता ले उड़े हैं. बिहार की प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी के वरिष्ठ नेता और विधायक आलोक मेहता ने कहा सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर सरकार को गंभीरता से विचार करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण प्रदेश में जो परिस्थितियां पैदा हुई हैं, उसे अनदेखी नहीं की जा सकती है.

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