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मसौढ़ी में मनाई गई संत गाडगे की 146वीं जयंती, वक्ताओं ने कहा- उनके विचारों को आत्मसात करने की है जरूरत - masaurhi news

बीसवीं सदी के समाज सुधारक और स्वच्छता अभियान के नायक रहे संत गाडगे महाराज की आज जयंती है. जयंती के मौके पर पूरे देश भर में उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया जा रहा है. मसौढ़ी के धोबी केसमाज कार्यालय में संत गाडगे की 146वीं जयंती मनाई गई. पढ़ें रिपोर्ट..

मसौढ़ी में संत गाडगे की जयंती
मसौढ़ी में संत गाडगे की जयंती
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Published : Feb 23, 2022, 6:03 PM IST

पटना: संत गाडगे की 146वीं जयंती के मौके पर पूरे देश भर में उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जा रहा है. मसौढ़ी मुख्यालय स्थित धोबी समाज के कार्यालय में संत गाडगे की जयंती मनाई गई. उनकी चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. लोगों ने शिक्षा और स्वच्छता पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज का दर्पण होता है. ऐसे में मसौढ़ी अनुमंडल मुख्यालय में विभिन्न स्थानों पर संत गाडगे की जयंती मनाई गई. उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया.

यह भी पढ़ें- Sant Ravidas Jayanti 2022 : मसौढ़ी में मनाई गई संत रविदास की 645वीं जयंती

मौके पर संत गाडगे की चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. लोगों ने कहा कि शिक्षा ही समाज का दर्पण होता है. जो समुदाय शिक्षित होता है, उसका विकास तेजी से होता है. धोबी समाज को भी अपने को शिक्षा से जोड़ना चाहिए, इससे समाज का उत्थान होगा. अनुमंडल रजक संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि आज धोबी समाज मुख्यधारा से पीछे है. इसका मुख्य कारण अशिक्षा है. हम सभी सजातीय बंधुओं को चाहिए कि अपने-अपने बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें देश के विकास में भागीदारी बनाया जाए.

कई वक्ताओं ने एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि एकता ही पूंजी है, अखिल भारतीय संत गाडगे कल्याण मिशन के पदाधिकारियों ने कहा कि गाडगे महाराज शिक्षा और स्वच्छता के नायक थे. सबसे पहले इन्होंने ही हाथ में झाड़ू लेकर और मिट्टी का घड़ा से पानी पीकर लोगों को संदेश दिया. उन्होंने अंधविश्वास जैसे समाज की कुरीतियों को खत्म करने को लेकर लगातार देश के कोने-कोने में समाज सुधार का प्रयास किया था.

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पटना: संत गाडगे की 146वीं जयंती के मौके पर पूरे देश भर में उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जा रहा है. मसौढ़ी मुख्यालय स्थित धोबी समाज के कार्यालय में संत गाडगे की जयंती मनाई गई. उनकी चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. लोगों ने शिक्षा और स्वच्छता पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज का दर्पण होता है. ऐसे में मसौढ़ी अनुमंडल मुख्यालय में विभिन्न स्थानों पर संत गाडगे की जयंती मनाई गई. उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया.

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मौके पर संत गाडगे की चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. लोगों ने कहा कि शिक्षा ही समाज का दर्पण होता है. जो समुदाय शिक्षित होता है, उसका विकास तेजी से होता है. धोबी समाज को भी अपने को शिक्षा से जोड़ना चाहिए, इससे समाज का उत्थान होगा. अनुमंडल रजक संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि आज धोबी समाज मुख्यधारा से पीछे है. इसका मुख्य कारण अशिक्षा है. हम सभी सजातीय बंधुओं को चाहिए कि अपने-अपने बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें देश के विकास में भागीदारी बनाया जाए.

कई वक्ताओं ने एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि एकता ही पूंजी है, अखिल भारतीय संत गाडगे कल्याण मिशन के पदाधिकारियों ने कहा कि गाडगे महाराज शिक्षा और स्वच्छता के नायक थे. सबसे पहले इन्होंने ही हाथ में झाड़ू लेकर और मिट्टी का घड़ा से पानी पीकर लोगों को संदेश दिया. उन्होंने अंधविश्वास जैसे समाज की कुरीतियों को खत्म करने को लेकर लगातार देश के कोने-कोने में समाज सुधार का प्रयास किया था.

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