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Bihar Sand Mining: 266 बालू घाटों का बंदोबस्ती, मात्र 62 घाटों में बालू खनन शुरू, पर्यावरण मंजूरी का इंतजार - Bihar News

पर्यावरण मंजूरी के इंतजार बिहार में बालू खनन शुरू नहीं हुआ है. बिहार सरकार की ओर से बंदोवस्त किया गया 266 घाटों में मात्र 62 घाटों में बालू खनन हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में बालू खनन
बिहार में बालू खनन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 22, 2023, 3:07 PM IST

पटनाः बरसात के बाद 15 अक्टूबर से बालू खनन (Sand Mining In Bihar) की घोषणा बिहार सरकार की ओर से की गई थी. 266 बालू घाटों का 5 साल के लिए बंदोबस्ती भी कर दिया गया है, लेकिन अब तक पटना सहित 9 जिलों में केवल 62 घाटों से ही बालू खनन शुरू हो पाया है. इसका बड़ा कारण पर्यावरण की मंजूरी मिलना है. अब तक केवल 62 घाटों में ही पर्यावरण मंजूरी मिली है. शेष घाटों के लिए पर्यावरण मंजूरी का इंतजार हो रहा है. ऐसे इस बार 525 घाटों की बंदोबस्ती की तैयारी है.

यह भी पढ़ेंः Encounter In Bihar : पटना में अवैध बालू खनन को लेकर पुलिस-अपराधियों में मुठभेड़, हथियार के साथ 213 राउंड गोली बरामद

21 घाटों को पर्यावरणीय मंजूरीः जिन 62 घाटों में बालू खनन का काम शुरू हो चुका है, उसमें सबसे अधिक भोजपुर जिले में 21 घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी मिली है. पटना जिले में 10, रोहतास जिले में 8, औरंगाबाद जिले में 6, गया जिले में 5, नवादा में 4, अरवल में 3, बांका में 3 और लखीसराय जिले में 2 बालू घाटों को मंजरी दी गई है. खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार अन्य नदी घाटों की पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद बालू खनन का काम शुरू हो जाएगा.

इस बार 525 नए नदी घाटों का होगा बंदोबस्तीः बिहार में इस बार पांच पांच हेक्टेयर के नए घाट बनाए गए हैं. 35 जिलों में करीब 525 नए नदी घाटों से बालू खनन शुरू करने की तैयारी इस बार की गई थी, लेकिन इसमें से 266 नदी घाटों का ही बंदोबस्ती 5 साल के लिए हुआ है. अन्य नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया जिलों में फिलहाल चल रही है. अधिकारियों के अनुसार बंदोबस्ती का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. विभाग की ओर से पर्यावरण संबंधित जो मंजूरी है. उसे भी जल्द से जल्द लेने की कोशिश हो रही है.

15 अक्टूबर से बालू खनन शुरूः खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 अक्टूबर से बालू खनन शुरू हो चुकी है, लेकिन बालू का अवैध खनन ढुलाई और भंडारण रोकने के लिए कई तरह के निर्देश दिए गए हैं. सभी बंदोबस्त धारियों को अपने-अपने घाटों का सीमांकन करने और वहां सीसीटीवी और वजन की माप के लिए वे ब्रिज लगाने का सख्त निर्देश दिया गया है. बालू ढोने वाले वाहन का रजिस्ट्रेशन होना भी जरूरी है, नहीं तो चालान नहीं बनेगा.

पटनाः बरसात के बाद 15 अक्टूबर से बालू खनन (Sand Mining In Bihar) की घोषणा बिहार सरकार की ओर से की गई थी. 266 बालू घाटों का 5 साल के लिए बंदोबस्ती भी कर दिया गया है, लेकिन अब तक पटना सहित 9 जिलों में केवल 62 घाटों से ही बालू खनन शुरू हो पाया है. इसका बड़ा कारण पर्यावरण की मंजूरी मिलना है. अब तक केवल 62 घाटों में ही पर्यावरण मंजूरी मिली है. शेष घाटों के लिए पर्यावरण मंजूरी का इंतजार हो रहा है. ऐसे इस बार 525 घाटों की बंदोबस्ती की तैयारी है.

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21 घाटों को पर्यावरणीय मंजूरीः जिन 62 घाटों में बालू खनन का काम शुरू हो चुका है, उसमें सबसे अधिक भोजपुर जिले में 21 घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी मिली है. पटना जिले में 10, रोहतास जिले में 8, औरंगाबाद जिले में 6, गया जिले में 5, नवादा में 4, अरवल में 3, बांका में 3 और लखीसराय जिले में 2 बालू घाटों को मंजरी दी गई है. खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार अन्य नदी घाटों की पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद बालू खनन का काम शुरू हो जाएगा.

इस बार 525 नए नदी घाटों का होगा बंदोबस्तीः बिहार में इस बार पांच पांच हेक्टेयर के नए घाट बनाए गए हैं. 35 जिलों में करीब 525 नए नदी घाटों से बालू खनन शुरू करने की तैयारी इस बार की गई थी, लेकिन इसमें से 266 नदी घाटों का ही बंदोबस्ती 5 साल के लिए हुआ है. अन्य नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया जिलों में फिलहाल चल रही है. अधिकारियों के अनुसार बंदोबस्ती का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. विभाग की ओर से पर्यावरण संबंधित जो मंजूरी है. उसे भी जल्द से जल्द लेने की कोशिश हो रही है.

15 अक्टूबर से बालू खनन शुरूः खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 अक्टूबर से बालू खनन शुरू हो चुकी है, लेकिन बालू का अवैध खनन ढुलाई और भंडारण रोकने के लिए कई तरह के निर्देश दिए गए हैं. सभी बंदोबस्त धारियों को अपने-अपने घाटों का सीमांकन करने और वहां सीसीटीवी और वजन की माप के लिए वे ब्रिज लगाने का सख्त निर्देश दिया गया है. बालू ढोने वाले वाहन का रजिस्ट्रेशन होना भी जरूरी है, नहीं तो चालान नहीं बनेगा.

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