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Bihar Politics: 'मुख्यमंत्री पर सम्राट चौधरी की टिप्पणी राजनैतिक अपरिपक्वता का परिचायक'- उमेश कुशवाहा

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Published : Apr 7, 2023, 11:05 PM IST

Updated : Apr 8, 2023, 6:23 AM IST

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर पलटवार करते हुए उमेश कुशवाहा ने कहा कि सम्राट चैधरी अभी राजनैतिक रूप से अपरिपक्व हैं, उनका यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान उनकी मनोदशा और शाब्दिक नासमझी का परिचायक है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के पद की गरिमा को भी धूमिल और कलंकित करने का काम किया है.

उमेश कुशवाहा
उमेश कुशवाहा

पटना: सम्राट चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इलाज वाले बयान पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा के नेता अपने शीर्ष नेतृत्व को खुश करने के लिए अपनी कार्य-योजना के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अभद्रता भरे लहजे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं. सच्चाई तो यह है कि सम्राट चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से प्रदेश भाजपा में अंतरकलह बढ़ गया है. जिस पर पर्दा डालने के लिए अनाप-शनाप बयान देने में लगे हैं.

इसे भी पढ़ेंः Politics On Bihar Violence: सम्राट चौधरी का सीएम पर हमला, कहा- 'नीतीश बीमार, उन्हें इलाज की जरूरत'

खिसकते जनाधार से हताशः उमेश कुशवाहा ने कहा कि सम्राट चौधरी का यह बयान दर्शाता है भाजपा के लोग अपने खिसकते जनाधार से हताश हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनके बयान उनके राजनीतिक कुसंस्कार का एक प्रतिबिंब है. यह इस बात को सत्यापित करने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा के लोग बेशर्मी और बदजुबानी की सारी सीमाओं को लांघ चुके हैं. भाजपा के अंदर राजनीतिक लड़ाई लड़ने की क्षमता नहीं है. जिसका जीता जागता उदाहरण अभी हुए बिहार विधान परिषद् के निर्वाचन परिणाम से देखा जा सकता है.

किसी तरह इज्जत बचायीः कोशी शिक्षक से भाजपा के प्रत्याशी तीन-तीन निर्दलीय प्रत्याशियों से भी कम मत लाकर मात्र 599 मत पर सिमट गये. सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भी उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता बुरी तरह से पिटे हैं. इसी प्रकार गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अपने कदावर नेता की इज्जत बचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रह गया है. वे महागठबंधन से हारते-हारते किसी तरह द्वितीय वरीयता की गणना में सैकड़ा के अन्तर से अपनी इज्जत बचाई.

अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं: गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से अपने कार्यकत्र्ता के स्थान पर एक बड़े कारोबारी को उम्मीदवार बनाने पर भाजपा को मजबूर होना पड़ा. जहां धन-बल का गंदा खेल खेलकर लोकतंत्र को तार-तार करने का कार्य किया. आने वाली 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव में इन्हें अपनी हार का भय अभी से सताने लगा है इसीलिए भाजपा के नेता अब बौखलाहट में अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं.

हमेशा छाप छोड़ते रहे: बिहार की जनता को ज्ञात होगा कि कुछ वर्ष पूर्व अपने ही सहयोगी और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से उन्होंने सदन में अमायर्यदित टिप्पणी कर बिहार विधानसभा का कार्य संचालन नियमवली को कंलकित करने का कार्य किया था. सदन के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर वे अपनी आदत और राजनीतिक चरित्र का हमेशा छाप छोड़ते रहे हैं.

"बिहार की जनता किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा की अहंकार को चकनाचूर करने का मन जनता बना चुकी है. इसीलिए ये लोग हताशा और निराशा से पीड़ित नजर आ रहे हैं"- उमेश कुशवाहा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष

पटना: सम्राट चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इलाज वाले बयान पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा के नेता अपने शीर्ष नेतृत्व को खुश करने के लिए अपनी कार्य-योजना के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अभद्रता भरे लहजे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं. सच्चाई तो यह है कि सम्राट चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से प्रदेश भाजपा में अंतरकलह बढ़ गया है. जिस पर पर्दा डालने के लिए अनाप-शनाप बयान देने में लगे हैं.

इसे भी पढ़ेंः Politics On Bihar Violence: सम्राट चौधरी का सीएम पर हमला, कहा- 'नीतीश बीमार, उन्हें इलाज की जरूरत'

खिसकते जनाधार से हताशः उमेश कुशवाहा ने कहा कि सम्राट चौधरी का यह बयान दर्शाता है भाजपा के लोग अपने खिसकते जनाधार से हताश हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनके बयान उनके राजनीतिक कुसंस्कार का एक प्रतिबिंब है. यह इस बात को सत्यापित करने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा के लोग बेशर्मी और बदजुबानी की सारी सीमाओं को लांघ चुके हैं. भाजपा के अंदर राजनीतिक लड़ाई लड़ने की क्षमता नहीं है. जिसका जीता जागता उदाहरण अभी हुए बिहार विधान परिषद् के निर्वाचन परिणाम से देखा जा सकता है.

किसी तरह इज्जत बचायीः कोशी शिक्षक से भाजपा के प्रत्याशी तीन-तीन निर्दलीय प्रत्याशियों से भी कम मत लाकर मात्र 599 मत पर सिमट गये. सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भी उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता बुरी तरह से पिटे हैं. इसी प्रकार गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अपने कदावर नेता की इज्जत बचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रह गया है. वे महागठबंधन से हारते-हारते किसी तरह द्वितीय वरीयता की गणना में सैकड़ा के अन्तर से अपनी इज्जत बचाई.

अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं: गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से अपने कार्यकत्र्ता के स्थान पर एक बड़े कारोबारी को उम्मीदवार बनाने पर भाजपा को मजबूर होना पड़ा. जहां धन-बल का गंदा खेल खेलकर लोकतंत्र को तार-तार करने का कार्य किया. आने वाली 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव में इन्हें अपनी हार का भय अभी से सताने लगा है इसीलिए भाजपा के नेता अब बौखलाहट में अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं.

हमेशा छाप छोड़ते रहे: बिहार की जनता को ज्ञात होगा कि कुछ वर्ष पूर्व अपने ही सहयोगी और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से उन्होंने सदन में अमायर्यदित टिप्पणी कर बिहार विधानसभा का कार्य संचालन नियमवली को कंलकित करने का कार्य किया था. सदन के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर वे अपनी आदत और राजनीतिक चरित्र का हमेशा छाप छोड़ते रहे हैं.

"बिहार की जनता किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा की अहंकार को चकनाचूर करने का मन जनता बना चुकी है. इसीलिए ये लोग हताशा और निराशा से पीड़ित नजर आ रहे हैं"- उमेश कुशवाहा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष

Last Updated : Apr 8, 2023, 6:23 AM IST
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