पटना: बिहार में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. वहीं, राज्य सरकार कोरोना के कारण बिगड़े हालात के बीच हर स्तर पर तैयारी होने का दावा कर रही है. निर्देश मिलने के बाद अब सभी जिलों के प्रभारी मंत्री कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं.
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समस्तीपुर जिला के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने समस्तीपुर डीएम से फोन पर संपर्क कर वहां कोरोना संक्रमण के कारण बने हालात की विस्तृत जानकारी ली. साथ ही उन्होंने कोरोना से बचाव को लेकर कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार को बताया गया कि समस्तीपुर जिला में कोरोना संक्रमण के अब तक लगभग 2 हजार 700 मामले सामने आए हैं. इसमें सबसे अधिक मामले दलसिंहसराय प्रखण्ड में 283, समस्तीपुर प्रखण्ड में 274, सरायरंजन प्रखण्ड 195 और समस्तीपुर शहरी क्षेत्र में 174 मामले सामने आए हैं. हालांकि सबसे कम कोरोना संक्रमण के मामले मोहनपुर में 30, मोहिउद्दीन नगर में 54, खानपुर में 60 और वारिसनगर में 64 हैं.
कंटेनमेंट जोन की दी गई जानकारी
इसके अलावा श्रवण कुमार को समस्तीपुर जिला में कुल 427 सक्रिय कंटेनमेन्ट जोन बनाए जाने की जानकारी दी गई. इसमें दलसिंहसराय में 71, उजियारपुर में 49, विद्यापति नगर और मोरवा में 34, विथान में 32, हसनपुर में 26, पटोरी में 24, शिवाजी नगर में 22 और कल्याणपुर में 20 प्रमुख कंंटेनमेंट जोन हैं.
ऑक्सीजन और डॉक्टरों की दी जानकारी
समस्तीपुर में जिला में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर बताया गया कि यहां बी टाइप 200 छोटे सिलेंडर और डी टाइप में 177 बड़े सिलेंडर के साथ-साथ पाइप लाइन की सुविधा वाले बेडों की संख्या 58 हैं. वहीं, जिले में ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की संख्या 80 है. साथ ही चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता के बारे में बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए 57 चिकित्सक, 65 एएनएम और नर्सों, 13 फार्मासिस्टों के साथ 19 चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. यहां पर कुल 541 बेड में से 166 बेड पर रोगियों का इलाज चल रहा है, बेड की कोई कमी नहीं है.
मंत्री ने दिए निर्देश
इसके बाद मंत्री श्रवण कुमार ने डीएम को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में लॉकडाउन लगे होने के कारण इसका सख्ती से पालन करवाएं. साथ ही दुकानदारों और लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाएं. कोरोना मरीज मिलने वाले एरिया में कंटेनमेंट जोन बनाएं जाएं. वहीं, दवा और अन्य मेडिकल उपकरणों के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. हर हाल में कोरोना संक्रमित मरीजों का समुचित इलाज किया जाए. साथ ही अन्य रोग से ग्रसित मरीजों का भी इलाज करवाएं. अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासी लोगों का कोरोना टेस्सट अवश्य करवाएं.