पटना: बिहार में गुटखा और पान-मसालों पर स्वास्थ्य विभाग ने एक साल का प्रतिबंध और बढ़ा दिया है. दरअसल कोरोना वायरस के समय लगाए गए इस प्रतिबंध की अवधि 10 जून 2020 को ही खत्म हो गई थी. जिससे बाद से स्वास्थ्य विभाग को गुटखा व्यापारियों और गुटखा खाने वाले लोगों पर कार्रवाई करना मुश्किल हो रहा था.
हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रतिबंध के समय को एक साल के लिए और आगे बढ़ा दिया है यानी कि अब बिहार में जून 2021 तक प्रतिबंध जारी रहेगा. बावजूद इसके राजधानी पटना और पूरे बिहार में पान-मसाला और गुटखा की बिक्री खुलेआम की जा रही है.
पान-मसाले पर प्रतिबंध
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक राज्य के खाद्य संरक्षण आयोग में जन स्वास्थ्य के हित में सभी तरह के गुटखा, पान-मसाला, निकोटिन और तंबाकू युक्त पान-मसाले पर प्रतिबंध लगाया गया है. प्रदेश में फूड सेफ्टी एक्ट 2011 के रेगुलेशन 2, पॉइंट 3, पॉइंट 4 के तहत किसी भी पदार्थ में तंबाकू या निकोटीन की मिलावट पर प्रतिबंध है.
सर्वोच्च न्यायालय ने जारी किया था निर्देश
बता दें 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्य के सरकारों को निकोटीन युक्त पान-मसाले और गुटके पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए थे. हालांकि इस प्रतिबंध के बाद भी पूरे बिहार और खास करके राजधानी पटना के तमाम पान-मसालों के दुकान पर गुटके और पान-मसाले खुलेआम मिल जाएंगे. पान दुकानदार कहते हैं कि गुटके के सहारे वह अपने घर का खर्च निकाल पाते हैं.
"इस प्रतिबंध के बाद भी पूरे बिहार और राजधानी पटना में कई जगह छापेमारी की गई. शहर में बिक रहे गुटके में मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा अधिक पाई जाने के कारण लोगों के लिए हानिकारक साबित हुई है. मैग्निशियम कार्बोनेट डालने से पान-मसाला कुछ दिनों तक लाल नहीं होता है"- अजय कुमार, फूड इंस्पेक्टर
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सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका फाइल
इस मामले को लेकर गुटखा व्यापारी संघ ने गुटखा और पान-मसाले पर लगे प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका फाइल की है. जिस पर अभी भी सुनवाई चल रही है. गुटका और पान-मसाले की बिक्री खुलेआम हो रही है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार छापेमारी कर गुटके के खेप को जब करने में जुटी हुई है.