पटना: कोरोना वायरस का कहर देश में लगातार बढ़ता जा रहा है. बिहार में भी कोरोना के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. कोरोना वायरस की वजह से पटना के एम्स में एक मरीज की मौत भी हुई है और एक मरीज का इलाज जारी है. इस वायरस का सबसे अधिक प्रकोप महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्य में देखने को मिल रहा है. ऐसे में वहां काम करने वाले बिहारी लोग कोरोना के भय से बिहार पहुंच रहे हैं. इसको लेकर बिहार आने वाली ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह यात्री ठूंस-ठूंस कर बैठे हुए हैं.
'कर्फ्यू ने बढ़ाई परेशानी'
रविवार 22 मार्च को प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू है. कर्फ्यू के वजह से राज्य सरकार ने सभी सार्वजनिक वाहन बंद रखे हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर दानापुर स्टेशन और पटना जंक्शन पर मुंबई से काफी संख्या में लोग बिहार पहुंचे हैं. सार्वजनिक वाहन बंद रहने के कारण यात्रियों को अपने जिलों के लिए बस भी नहीं मिल पा रही है. रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार लगभग ट्रेनें रद्द हैं. ऐसे में लोगों को अपने घरों तक पहुंचना एक समस्या बन गया. पटना जंक्शन पर मुंबई से आए लोगों ने बताया कि 3 दिनों की यात्रा के बाद वे पटना पहुंचे. ट्रेन में भीड़ की स्थिति काफी भयावह थी. ट्रेन में खाने पीने का कोई व्यवस्था नहीं था. वह जब पटना जंक्शन पर उतरे तो यहां भी उन्हें कोई फूड काउंटर खुला नहीं मिल. वे लोग भूख से परेशान है.
'ट्रेन की शौचालय में बैठकर बिहार पहुंच रहे लोग'
गौरतलब है कि एक ओर जहां कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए सरकार ने जनता कर्फ्यू का आवाह्न किया है. वहीं, दूसरी ओर कोरोना के भय से अन्य प्रदेशों से बिहार लौटने वाले लोगों की भीड़ ट्रेनों में देखने को मिल रही है. रविवार 22 मार्च को जब मुंबई से पटना आने वाली गुवाहाटी लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस पटना जंक्शन पहुंची तो ट्रेन की बोगी खचाखच भीड़ से नजर आई. ट्रेन में भीड़ का आलम ऐसा था कि यात्री ट्रेन के शौचालय में भी यात्रा करने को मजबूर दिखे. ट्रेन में यात्रा कर रहे लोगों ने बताया कि मुंबई से ही ट्रेन के बाथरूम में 10 से 12 लोग बैठ कर यात्रा करते हुए पटना पहुंचे है. ट्रेन में कहीं भी खड़ा रहने की भी जगह नहीं है. छोटे बच्चे रो रहे हैं, कोई सुध लेने वाला नहीं है.
लोकमान्य तिलक के स्लीपर बोगी में बैठे यात्रियों ने बताया कि 3 महीना पहले का उनके पास टिकट था. बावजूद वे बहुत मुश्किल से बैठकर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि ट्रेन में भीड़ की स्थिति यह है कि जो जहां बैठ गया वह वहां से हिल नहीं सकता है. लोगों की भीड़ टॉयलेट में भी भड़ा हुआ है. ऐसे में महिलाएं बच्चों को शौचालय जाने के लिए भी तकलीफ हो रही है. बता दें कि जब ट्रेन पटना जंक्शन पर रुकी तो ट्रेन में कहीं कोई खाली जगह नहीं दिखाई पड़ा. ऐसे में पटना जंक्शन से पहले से खड़ा सैकड़़ों की भीड़ ट्रेन में चढ़ने के लिए बेताब नजर आई.