पटना: राजधानी पटना में शुक्रवार को सैकड़ों ग्रामीण चिकित्सकों ने राजद दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार उन्हें मानदेय पर स्वास्थ्य विभाग में बहाल करें. ग्रामीण चिकित्सकों ने नीतीश और तेजस्वी के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाया. ग्रामीण चिकित्सकों की मांग है कि जब तक बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव खुद आकर हमें लिखित रूप से नियुक्ति का भरोसा नहीं देते हैं, तब तक यह घेराव जारी रहेगा.
पटना में राजद कार्यालय का घेराव: राजद कार्यालय के पास जुटे ग्रामीण चिकित्सकों ने बताया कि 2014 में नीतीश कुमार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह बात कही थी कि सभी ग्रामीण चिकित्सकों को स्वास्थ्य मित्र बनाया जाएगा. 2016 में परीक्षा ली गई. सभी ग्रामीण चिकित्सक लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा में भी पास हो गए हैं, लेकिन, स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियुक्ति नहीं कराई गई.
ग्रामीण चिकित्सकों ने दी आंदोलन की चेतावनी: ग्रामीण चिकित्सक टोनी शर्मा कहा कि एक माह से हम लोग गर्दनीबाग में धरने दे रहे हैं. सरकार का कोई नुमाइंदा हमलोगों से मिलने तक नहीं पहुंचा. हमलोगों ने जब तेजस्वी यादव से मिलने की बात कही तो बार बार उन्हें शहर से बाहर होने की बात कही जाती रही. ऐसे में राजद कार्यालय के घेराव के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो इसी तरह आंदोलन चलता रहेगा.
"कोरोना जैसे महामारी, टीबी,मलेरिया,फाइलेरिया रोग में ग्रामीण चिकित्सक जान की बाजी लगाकर लोगों के जीवन की रक्षा की. आज भी राज्य की बड़ी आबादी ग्रामीण चिकित्सा पर ही निर्भर है. इसके बाद भी सरकार हमारी बातों को नहीं सुन रही है.: -अरविंद कुमार, सचिव, ग्रामीण चिकित्सा सेवा संघ
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