पटना: बिहार में चलाई जा रही सरकारी योजनाओं को लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए जिलों को निर्देश दिया है. जिन जिलों का प्रदर्शन काफी खराब रहा है उन्हें मार्च तक लक्ष्य पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बेहतर काम करने वाले जिलों को नजदीकी जिलों को सहयोग करने का निर्देश भी जारी किया गया है.
आवास योजना का लाभ देने में कई जिलों का प्रदर्शन खराब
पिछले दिनों राज्य भर के जिला विकास पदाधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक के बाद निर्देश जारी किया गया. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लॉकडाउन के समय अन्य राज्यों से आए प्रवासी मजदूर और कामगारों को मनरेगा के तहत काम देकर बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है.
प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के मामले में बिहार के कई जिलों का खराब प्रदर्शन रहा. शौचालय निर्माण को लेकर लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत भी कई जिलों के प्रदर्शन पर सवाल खड़े हो गए हैं.
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना
इस योजना के तहत राज्य में वैसे लाभुक जो प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रह जाते हैं उन्हें लाभ दिया जाता है. 2020-21 में 2 लाख लाभुकों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था. अब तक 30.66% लक्ष्य ही पूरा हो सका है.
प्रधानमंत्री आवास योजना
इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना किया गया है. इस योजना के तहत राज्य के 782102 लोगों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था. अब तक इस योजना का लाभ 222786 (28.4%) लोगों को ही इस योजना का लाभ मिल सका है.
मनरेगा
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत 2020-21 में 18 करोड़ 1 लाख 70 हजार 980 मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य रखा गया था. 14 करोड़ 17 लक्ष्य 26 हजार 850 (69.31%) मानव दिवस का सृजन किया गया.
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लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान (शौचालय निर्माण)
इस योजना के तहत राज्य के सभी घरों में शौचालय निर्माण सुनिश्चित कराना है. 1 करोड़ 30 लाख 58 हजार 909 शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था. अब तक 60 लाख 15 हजार 13 शौचालय का निर्माण हुआ है.
ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने ऑन कैमरा कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. हालांकि, ऑफ कैमरा ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिन जिलों के प्रदर्शन अच्छे नहीं हैं उन्हें अपने कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.