पटना: बिहार विधानसभा बजट सत्र का आज दूसरा दिन (Second Day Of Budget Session In Bihar) है. विधानसभा परिसर में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस नारेबाजी में कांग्रेस के साथ माले के भी विधायक शामिल थे. इन सदस्यों ने केंद्र सरकार पर संघीय ढांचा को ध्वस्त करने का आरोप लगाया. इन नेताओं का कहना था कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की दबिश केंद्र सरकार के आदेश पर की गई.
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विपक्ष को दबाने में जुटी बीजेपी : विधायकों का कहना था कि केंद्र सरकार के विपक्ष की जहां भी सरकार है. उन सरकारों पर दबाव बनाने की कोशिश में लगी है. जनता के मुद्दों से केंद्र को कोई लेना देना नहीं है. महागठबंधन के घटक दलों के बीच एकजुटता नहीं होने के सवाल पर विधायक संदीप ने कहा कि सभी दल अलग-अलग प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि हमसभी लोगों में एकजुटता है.
"बीजेपी सरकार की ओर से पूरे देश में अघोषित अपातकाल की स्थिति पैदा हो गई है. सरकार के आलोचकों को फंसाने के लिए किया जा रहा है. बिहार का मुद्दा देश के मुद्दे से अलग नहीं है. हमारे बैनर में संघीय ढांचे के बचाव के लिए बात कही गई है. इसके साथ ही बीजेपी की पूरे देश में सत्ता है. वे अपने गलत तरीकों से पावर का इस्तेमाल नहीं कर सकते".- संदीप कुमार, माले विधायक, पालीगंज
विशेष राज्य दर्जा की मांग: वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, बजट में मनरेगा में कटौती, शिक्षा बजट में कटौती, जैसे मुद्दे पर केंद्र सरकार को जबाव देना होगा. कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार जैसे राज्य की बार बार उपेक्षा कर रही है. आखिर में उन्होंने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है. जबकि सभी पार्टी अपने अपने तरीके से केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध कर रही है.
"हमलोग यहां राज्य के हिस्सेदारी की मांग करने जुटी है. मनरेगा में कटौती, शिक्षा बजट में कटौती, पेट्रोल डीजल की दामों को बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही हमलोगों की मांग है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे. अगर हमारे राज्य को केंद्र की सरकार पैसे नहीं देगी. तबतक हमारे राज्य की जनता को तकलीफ होगी". - शकील अहमद, विधायक, कांग्रेस