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RSS के मुखपत्र के निशाने पर सीएम नीतीश , 17 साल के शासनकाल को हर मोर्चे पर बताया फेल

बिहार में डबल इंजन की सरकार है लेकिन अक्सर मुद्दा चाहे कुछ भी हो जदयू और बीजेपी आमने-सामने नजर आते हैं. अब एक बार फिर से नीतीश-बीजेपी में टकराव की स्थिती उत्पन्न हो गयी है. दरअसल आरएसएस के मुखपत्र में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के 17 साल के शासनकाल को हप मोर्चे पर फेल बताया गया है. इसके साथ ही दोनों ओर के नेताओं ने तलवारें खींच ली है.

RSS Mouthpiece Targets CM Nitish
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Published : Jun 20, 2022, 8:23 PM IST

Updated : Jun 21, 2022, 7:18 AM IST

पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. भाजपा और जदयू कई मुद्दों पर आमने-सामने है. अग्निपथ योजना को लेकर दोनों दलों के बीच खाई बढ़ गई और आरोप-प्रत्यारोप के दौर चला. इन सबके बीच आरएसएस के मुखपत्र में छपे लेख ( RSS Mouthpiece Targets CM Nitish ) ने गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

पढ़ें- अग्निपथ योजना को लेकर NDA में महासंग्राम, सहयोगी दलों ने BJP की बढ़ाई मुश्किलें

CM नीतीश के 17 साल के कार्यकाल पर सवाल: बिहार में भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार चल रही है. पिछले कुछ समय से भाजपा और जदयू के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद उभर कर सामने आए हैं. दोनों दलों के नेता कई मुद्दों पर आमने सामने दिखे हैं. अग्निपथ योजना को भाजपा जहां मजबूती से लागू करना चाहती है. वहीं जदयू की चिंता छात्रों के भविष्य को लेकर है.

बीजेपी-जदयू में तल्खी: छात्र आंदोलन के दौरान जिस तरीके से भाजपा दफ्तर और नेताओं को निशाना बनाया गया उससे भाजपा (Tension Between BJP JDU) खेमे में सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखी. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. हालांकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार किया. भाजपा और जदयू नेता बयानों के तीर चला रहे थे कि आरएसएस के मुखपत्र में छपे लेख से बिहार में सियासी भूचाल आ गया.

मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में नीतीश को बताया गया फेल: आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में एक लेख छपी है. इस लेख में सरकार को तमाम मोर्चों पर फेल करार दिया गया है. इसमें कहा गया है कि 17 साल के शासन काल में नीतीश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है. इसके समर्थन में आंकड़ों का अंबार रख दिया गया है. फिर चाहे वो शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, आर्थिक विकास का क्षेत्र हो या कानून-व्‍यवस्‍था, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट और पलायन का. विकास के तकरीबन सभी मोर्चों पर नीतीश को कटघरे में खड़ा कर दिया गया है.

जदयू को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं: आरएसएस के मुखपत्र पर नीतीश के शासनकाल की धज्जियां उड़ाई गई है. इसको लेकर जदयू में गहरी नाराजगी है. जदयू नेताओं का कहना है कि पार्टी को किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. वहीं दूसरे दलों के नेता भी इसमें कूद पड़े हैं. भाजपा और जदयू के बीच उपजे तनाव को लेकर राजद का कहना है कि आरएसएस, भाजपा की अनुषांगिक इकाई है और अगर ऐसा कुछ कहा जा रहा है तो जदयू को सोचना चाहिए. वहीं भाजपा नेता इसपर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. जबकि राजनीतिक विश्लेषक इसे अलग चश्मे से देख रहे हैं.

नीतीश कुमार के शासनकाल ने नजीर पेश किया है. कई मामलों में हमने राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की है. महिला सशक्तिकरण का मामला हो चाहे जनसंख्या नियंत्रण का मामला हो तमाम सूचकांक में बिहार टॉप पर है. हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.- नीरज कुमार,मुख्य प्रवक्ता,जदयू

"भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. आरएसएस भाजपा की अनुषांगिक इकाई है. अगर आरएसएस को ऐसा लगता है कि विकास नहीं हुआ तो इस पर जदयू को सोचना चाहिए."- उदय नारायण चौधरी,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

"नीतीश कुमार के शासनकाल में विकास हुआ है. बिहार का ग्रोथ रेट डबल डिजिट में है. ऑर्गेनाइजर ने क्या लिखा गया है मुझे इसकी जानकारी नहीं है."- प्रेम रंजन पटेल,भाजपा प्रवक्ता

"भाजपा और जदयू के बीच रिश्ते कठिन दौर से गुजर रहे हैं. दोनों ओर से एक दूसरे के ऊपर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे समय में आरएसएस के मुखपत्र में लेख छपने का मतलब है कि गठबंधन का भविष्य अधर में है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

पूरा मामला: करीब एक हफ्ते पहले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र कहे जाने वाले ऑर्गनाइजर में नीतीश कुमार के सुशासन की धज्जियां उड़ाने वाला लेख छपा था. इस लेख में नीतीश कुमार सरकार की जमकर तीखे शब्‍दों में आलोचना की गई थी. लेख के जरिए नीतीश को स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, कानून, रोजगार सृजन सहित तमाम मोर्चों पर नाकाम बताया गया है. लेख में पिछले 17 साल के शासन का जिक्र करते हुए लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में नीतीश सरकार को पूरी तरह विफल बताया गया है. इसके समर्थन में आंकड़ों का अंबार रख दिया गया.

अग्निपथ योजना बनी BJP के लिए गले का फांस: अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों ने आज बिहार बंद किया. कई राजनीतिक दलों ने बंद का समर्थन भी किया. राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वीआईपी, वाम दल की ओर से जहां बंद का समर्थन किया गया था. वहीं, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी कानून को रोलबैक करने की मांग कर रहे हैं. अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा को सहयोगी दलों का साथ भी नहीं मिल रहा है. जेडीयू जहां अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की बात कह रही है तो वहीं दूसरी सहयोगी पार्टी हम ने भी योजना को वापस लेने की मांग की है. वहीं इस स्‍कीम के विरोध के बीच बिहार बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं के बीच तलवारें खिंच गई हैं. वो एक-दूसरे पर हमला करने में जुट गए हैं.

बीजेपी-जदयू में हमले तेज: अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शकारियों ने बिहार के बेतिया जिले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर में तोड़फोड़ की है. प्रदर्शनकारियों ने बिहार में बीजेपी विधायक विनय बिहारी और अन्य बीजेपी नेताओं की एसयूवी पर भी हमला किया. जायसवाल ने कहा, ''जिन लोगों ने मेरे घर पर हमला किया, वे निश्चित रूप से रक्षा बलों के लिए नौकरी के इच्छुक नहीं थे.''


अग्निपथ स्कीम पर जेडीयू ने क्या कहा? : जायसवाल के बयान के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने तुरंत उनका विरोध किया. उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के युवाओं में भारी असंतोष है. देश में कई जगहों पर हिंसा हुई है. केंद्र को इसका संज्ञान लेना चाहिए और योजना पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए. यदि यह संभव नहीं है तो वह उन्हें ठीक से संवाद करें कि इससे भविष्य में उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा."

पढ़ें- 'BJP शासित राज्यों में गोली क्यों नहीं चलवा देते?' ललन सिंह का करारा जवाब सुनिए


पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. भाजपा और जदयू कई मुद्दों पर आमने-सामने है. अग्निपथ योजना को लेकर दोनों दलों के बीच खाई बढ़ गई और आरोप-प्रत्यारोप के दौर चला. इन सबके बीच आरएसएस के मुखपत्र में छपे लेख ( RSS Mouthpiece Targets CM Nitish ) ने गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

पढ़ें- अग्निपथ योजना को लेकर NDA में महासंग्राम, सहयोगी दलों ने BJP की बढ़ाई मुश्किलें

CM नीतीश के 17 साल के कार्यकाल पर सवाल: बिहार में भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार चल रही है. पिछले कुछ समय से भाजपा और जदयू के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद उभर कर सामने आए हैं. दोनों दलों के नेता कई मुद्दों पर आमने सामने दिखे हैं. अग्निपथ योजना को भाजपा जहां मजबूती से लागू करना चाहती है. वहीं जदयू की चिंता छात्रों के भविष्य को लेकर है.

बीजेपी-जदयू में तल्खी: छात्र आंदोलन के दौरान जिस तरीके से भाजपा दफ्तर और नेताओं को निशाना बनाया गया उससे भाजपा (Tension Between BJP JDU) खेमे में सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखी. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. हालांकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार किया. भाजपा और जदयू नेता बयानों के तीर चला रहे थे कि आरएसएस के मुखपत्र में छपे लेख से बिहार में सियासी भूचाल आ गया.

मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में नीतीश को बताया गया फेल: आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में एक लेख छपी है. इस लेख में सरकार को तमाम मोर्चों पर फेल करार दिया गया है. इसमें कहा गया है कि 17 साल के शासन काल में नीतीश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है. इसके समर्थन में आंकड़ों का अंबार रख दिया गया है. फिर चाहे वो शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, आर्थिक विकास का क्षेत्र हो या कानून-व्‍यवस्‍था, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट और पलायन का. विकास के तकरीबन सभी मोर्चों पर नीतीश को कटघरे में खड़ा कर दिया गया है.

जदयू को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं: आरएसएस के मुखपत्र पर नीतीश के शासनकाल की धज्जियां उड़ाई गई है. इसको लेकर जदयू में गहरी नाराजगी है. जदयू नेताओं का कहना है कि पार्टी को किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. वहीं दूसरे दलों के नेता भी इसमें कूद पड़े हैं. भाजपा और जदयू के बीच उपजे तनाव को लेकर राजद का कहना है कि आरएसएस, भाजपा की अनुषांगिक इकाई है और अगर ऐसा कुछ कहा जा रहा है तो जदयू को सोचना चाहिए. वहीं भाजपा नेता इसपर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. जबकि राजनीतिक विश्लेषक इसे अलग चश्मे से देख रहे हैं.

नीतीश कुमार के शासनकाल ने नजीर पेश किया है. कई मामलों में हमने राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की है. महिला सशक्तिकरण का मामला हो चाहे जनसंख्या नियंत्रण का मामला हो तमाम सूचकांक में बिहार टॉप पर है. हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.- नीरज कुमार,मुख्य प्रवक्ता,जदयू

"भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. आरएसएस भाजपा की अनुषांगिक इकाई है. अगर आरएसएस को ऐसा लगता है कि विकास नहीं हुआ तो इस पर जदयू को सोचना चाहिए."- उदय नारायण चौधरी,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

"नीतीश कुमार के शासनकाल में विकास हुआ है. बिहार का ग्रोथ रेट डबल डिजिट में है. ऑर्गेनाइजर ने क्या लिखा गया है मुझे इसकी जानकारी नहीं है."- प्रेम रंजन पटेल,भाजपा प्रवक्ता

"भाजपा और जदयू के बीच रिश्ते कठिन दौर से गुजर रहे हैं. दोनों ओर से एक दूसरे के ऊपर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे समय में आरएसएस के मुखपत्र में लेख छपने का मतलब है कि गठबंधन का भविष्य अधर में है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

पूरा मामला: करीब एक हफ्ते पहले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र कहे जाने वाले ऑर्गनाइजर में नीतीश कुमार के सुशासन की धज्जियां उड़ाने वाला लेख छपा था. इस लेख में नीतीश कुमार सरकार की जमकर तीखे शब्‍दों में आलोचना की गई थी. लेख के जरिए नीतीश को स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, कानून, रोजगार सृजन सहित तमाम मोर्चों पर नाकाम बताया गया है. लेख में पिछले 17 साल के शासन का जिक्र करते हुए लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में नीतीश सरकार को पूरी तरह विफल बताया गया है. इसके समर्थन में आंकड़ों का अंबार रख दिया गया.

अग्निपथ योजना बनी BJP के लिए गले का फांस: अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों ने आज बिहार बंद किया. कई राजनीतिक दलों ने बंद का समर्थन भी किया. राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वीआईपी, वाम दल की ओर से जहां बंद का समर्थन किया गया था. वहीं, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी कानून को रोलबैक करने की मांग कर रहे हैं. अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा को सहयोगी दलों का साथ भी नहीं मिल रहा है. जेडीयू जहां अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की बात कह रही है तो वहीं दूसरी सहयोगी पार्टी हम ने भी योजना को वापस लेने की मांग की है. वहीं इस स्‍कीम के विरोध के बीच बिहार बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं के बीच तलवारें खिंच गई हैं. वो एक-दूसरे पर हमला करने में जुट गए हैं.

बीजेपी-जदयू में हमले तेज: अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शकारियों ने बिहार के बेतिया जिले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर में तोड़फोड़ की है. प्रदर्शनकारियों ने बिहार में बीजेपी विधायक विनय बिहारी और अन्य बीजेपी नेताओं की एसयूवी पर भी हमला किया. जायसवाल ने कहा, ''जिन लोगों ने मेरे घर पर हमला किया, वे निश्चित रूप से रक्षा बलों के लिए नौकरी के इच्छुक नहीं थे.''


अग्निपथ स्कीम पर जेडीयू ने क्या कहा? : जायसवाल के बयान के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने तुरंत उनका विरोध किया. उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के युवाओं में भारी असंतोष है. देश में कई जगहों पर हिंसा हुई है. केंद्र को इसका संज्ञान लेना चाहिए और योजना पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए. यदि यह संभव नहीं है तो वह उन्हें ठीक से संवाद करें कि इससे भविष्य में उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा."

पढ़ें- 'BJP शासित राज्यों में गोली क्यों नहीं चलवा देते?' ललन सिंह का करारा जवाब सुनिए


Last Updated : Jun 21, 2022, 7:18 AM IST
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