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पटना में घर की छतों पर उगाई जा रहीं सब्जियां, कृषि विभाग की मुहिम लाई रंग

बिहार में जमीन खाली ना होने के कारण लोग टेरेस फार्मिंग की ओर आकृष्ट हो रहे हैं. सरकार की कोशिश है कि शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाया जाय. घरों की छतों पर बागवानी करने की योजना अब मूर्त रुप लेती जा रही है.

rooftop gardening in patna
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Published : Mar 12, 2021, 8:13 PM IST

पटना: राजधानी में टेरेस फार्मिंग का चलन बढ़ रहा है. और काफी संख्या में लोग अपने घर की छत पर ऑर्गेनिक तरीके से शुद्ध फल फूल और सब्जी उपजा रहे हैं. साल 2020 में बिहार सरकार ने प्रदेश के 5 जिले पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और नालंदा में टेरेस फार्मिंग के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने को लेकर योजना बनाई थी. मगर कोरोना के कारण यह योजनाएं ठप पड़ गई थी. लेकिन अब इसका क्रेज काफी बढ़ गया है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- बिहार के राजस्व में शराबबंदी के बावजूद इजाफा, जानिए कैसे हुआ यह मुमकिन

रूफटॉप गार्डनिंग योजना
कृषि विभाग 'रूफटॉप गार्डनिंग' के नाम से यह योजना चला रही है. इस योजना के तहत घर की छतों पर लोग सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं. इसके लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान भी देगी.

rooftop gardening in patna
घर की छतों पर सब्जियों की खेती

टेरेस फार्मिंग का बढ़ा प्रचलन
पटनावासी बिना सरकार की सहायता के ही अच्छे तरीके से टेरेस फार्मिंग कर रहे हैं. टेरेस फार्मिंग के लिए फल फूल और सब्जी में खाद डालने के लिए लोग अपने किचन वेस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे कचरा भी नहीं फैल रहा है और कचरे का सही उपयोग भी हो रहा है.

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पुलिस मुख्यालय के डीएसपी के छत पर टेरेस फार्मिंग

यह भी पढ़ें- VIDEO: गुस्से में गजराज, जमकर मचाए उत्पात

आमो खास सभी कर रहे छत पर खेती
टेरेस फार्मिंग में पटना के कई लोग लगे हुए हैं. ऑर्गेनिक खेती से लोगों को काफी फायदा हो रहा है. एक तो ताजे फल सब्जी लोगों को मिल रही है और शहर में गंदगी का जो अंबार लग रहा है उसमें भी कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा. क्योंकि टेरेस फार्मिंग में पुराने टायर, पुरानी बैटरी, थर्माकोल के बॉक्स, टूटा हुआ हेलमेट, टूटा हुआ स्टैंड पंखे का कवर इत्यादि को गमले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

rooftop gardening in patna
घर की छतों पर फार्मिंग

'पहले खेती बहुत कम मात्रा में लोग कर रहे थे मगर कोरोना काल के दौरान ऑर्गेनिक सब्जियों का महत्व समझ में आया. और अब कई वैराइटी की सब्जी छत पर उग रहे हैं. सुबह ड्यूटी जाने से पूर्व पौधों में पानी और खाद डालते हैं और फिर शाम में ड्यूटी से लौटने के बाद लगभग 2 घंटे पेड़ पौधों को समय देते हैं.'- मदन कुमार सिंह, डीएसपी, पुलिस मुख्यालय

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मदन कुमार सिंह, डीएसपी, पुलिस मुख्यालय

सबसे पहले 5 जिलों पर फोकस
इस योजना के तहत सरकार 50 प्रतिशत अनुदान दे रही है. कृषि विभाग की 'रूफटॉप गार्डनिंग' नामक यह योजना काफी अहम है. सरकार ने निर्णय लिया था कि राज्य के पांच शहरों- पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और बिहारशरीफ में सबसे पहले इस योजना को धरातल पर उतारा जायेगा. और फिर अन्य शहरों का रूख किया जाएगा. लेकिन खेती बाड़ी के शौकिन कई लोग बिना सरकार की मदद के भी इस योजना का हिस्सा बने हुए हैं.

जानें सरकार की योजना
शहरी क्षेत्रों की भाग-दौड़ की जिंदगी में हरित क्षेत्र तैयार करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने घर की छतों पर बागवानी को प्रोत्साहन देने की योजना को स्वीकृति दी. छतों पर बागवानी करने के लिए प्रति 300 वर्ग फीट में कुल लागत 50 हजार रुपये के साथ 'रूफटॉप गार्डनिंग' योजना स्वीकृत की गई. इस योजना के तहत राज्य सरकार 50 प्रतिशत और अधिकतम 25 हजार रुपये प्रति इकाई अनुदान देती है.

पटना: राजधानी में टेरेस फार्मिंग का चलन बढ़ रहा है. और काफी संख्या में लोग अपने घर की छत पर ऑर्गेनिक तरीके से शुद्ध फल फूल और सब्जी उपजा रहे हैं. साल 2020 में बिहार सरकार ने प्रदेश के 5 जिले पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और नालंदा में टेरेस फार्मिंग के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने को लेकर योजना बनाई थी. मगर कोरोना के कारण यह योजनाएं ठप पड़ गई थी. लेकिन अब इसका क्रेज काफी बढ़ गया है.

देखें रिपोर्ट

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रूफटॉप गार्डनिंग योजना
कृषि विभाग 'रूफटॉप गार्डनिंग' के नाम से यह योजना चला रही है. इस योजना के तहत घर की छतों पर लोग सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं. इसके लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान भी देगी.

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घर की छतों पर सब्जियों की खेती

टेरेस फार्मिंग का बढ़ा प्रचलन
पटनावासी बिना सरकार की सहायता के ही अच्छे तरीके से टेरेस फार्मिंग कर रहे हैं. टेरेस फार्मिंग के लिए फल फूल और सब्जी में खाद डालने के लिए लोग अपने किचन वेस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे कचरा भी नहीं फैल रहा है और कचरे का सही उपयोग भी हो रहा है.

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पुलिस मुख्यालय के डीएसपी के छत पर टेरेस फार्मिंग

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आमो खास सभी कर रहे छत पर खेती
टेरेस फार्मिंग में पटना के कई लोग लगे हुए हैं. ऑर्गेनिक खेती से लोगों को काफी फायदा हो रहा है. एक तो ताजे फल सब्जी लोगों को मिल रही है और शहर में गंदगी का जो अंबार लग रहा है उसमें भी कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा. क्योंकि टेरेस फार्मिंग में पुराने टायर, पुरानी बैटरी, थर्माकोल के बॉक्स, टूटा हुआ हेलमेट, टूटा हुआ स्टैंड पंखे का कवर इत्यादि को गमले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

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घर की छतों पर फार्मिंग

'पहले खेती बहुत कम मात्रा में लोग कर रहे थे मगर कोरोना काल के दौरान ऑर्गेनिक सब्जियों का महत्व समझ में आया. और अब कई वैराइटी की सब्जी छत पर उग रहे हैं. सुबह ड्यूटी जाने से पूर्व पौधों में पानी और खाद डालते हैं और फिर शाम में ड्यूटी से लौटने के बाद लगभग 2 घंटे पेड़ पौधों को समय देते हैं.'- मदन कुमार सिंह, डीएसपी, पुलिस मुख्यालय

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मदन कुमार सिंह, डीएसपी, पुलिस मुख्यालय

सबसे पहले 5 जिलों पर फोकस
इस योजना के तहत सरकार 50 प्रतिशत अनुदान दे रही है. कृषि विभाग की 'रूफटॉप गार्डनिंग' नामक यह योजना काफी अहम है. सरकार ने निर्णय लिया था कि राज्य के पांच शहरों- पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और बिहारशरीफ में सबसे पहले इस योजना को धरातल पर उतारा जायेगा. और फिर अन्य शहरों का रूख किया जाएगा. लेकिन खेती बाड़ी के शौकिन कई लोग बिना सरकार की मदद के भी इस योजना का हिस्सा बने हुए हैं.

जानें सरकार की योजना
शहरी क्षेत्रों की भाग-दौड़ की जिंदगी में हरित क्षेत्र तैयार करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने घर की छतों पर बागवानी को प्रोत्साहन देने की योजना को स्वीकृति दी. छतों पर बागवानी करने के लिए प्रति 300 वर्ग फीट में कुल लागत 50 हजार रुपये के साथ 'रूफटॉप गार्डनिंग' योजना स्वीकृत की गई. इस योजना के तहत राज्य सरकार 50 प्रतिशत और अधिकतम 25 हजार रुपये प्रति इकाई अनुदान देती है.

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