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बोले कुशवाहा- शिक्षा में बाहरी निवेश से गरीबों को होगा नुकसान, नहीं हो सकेगी अच्छी पढ़ाई

रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने सभी क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनियों को आगे बढ़ाने की जो रणनीति बनाई है, वह देश के लिए घातक है.

उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Feb 2, 2020, 6:13 PM IST

पटना: रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बजट को छलावा कहा है. उन्होंने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बाहरी निवेश करने का जो प्रावधान किया है, वो गलत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा में निजीकरण प्रभावी होगा. गरीब लोग अच्छी शिक्षा से दूर होते जाएंगे.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार को इस क्षेत्र में ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि निवेश करने वाले अपने हिसाब से संस्थान का फायदा और फीस तय करेंगे. नतीजा ये होगा कि गरीब लोग अपने बच्चों को अच्छे संस्थान में नहीं पढ़ा पाएंगे.

रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का बयान

ये भी पढ़ें: मांझी के दावे पर RJD का पलटवार- '5 सीट पर लड़ने जैसी नहीं है हालत, 85 तो दूर की बात'

'केंद्र सरकार को करना चाहिए फिर से विचार'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने सभी क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनियों को आगे बढ़ाने की जो रणनीति बनाई है, वो देश के लिए घातक है. विदेश या बाहरी कंपनियां कभी भी देश के लोगों को उनके मुताबिक सुविधा नहीं दे पाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार ने बजट में जिस तरह विदेशी निवेश पर जोर दिया है, उससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को कुछ नसीब नहीं होने वाला है.

पटना: रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बजट को छलावा कहा है. उन्होंने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बाहरी निवेश करने का जो प्रावधान किया है, वो गलत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा में निजीकरण प्रभावी होगा. गरीब लोग अच्छी शिक्षा से दूर होते जाएंगे.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार को इस क्षेत्र में ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि निवेश करने वाले अपने हिसाब से संस्थान का फायदा और फीस तय करेंगे. नतीजा ये होगा कि गरीब लोग अपने बच्चों को अच्छे संस्थान में नहीं पढ़ा पाएंगे.

रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का बयान

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'केंद्र सरकार को करना चाहिए फिर से विचार'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने सभी क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनियों को आगे बढ़ाने की जो रणनीति बनाई है, वो देश के लिए घातक है. विदेश या बाहरी कंपनियां कभी भी देश के लोगों को उनके मुताबिक सुविधा नहीं दे पाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार ने बजट में जिस तरह विदेशी निवेश पर जोर दिया है, उससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को कुछ नसीब नहीं होने वाला है.

Intro:एंकर रालोसपा के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि जिस तरह केंद्र सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बाहरी निबेश करने के लिए बजट में प्रावधान किया है निश्चित तौर पर ये गलत है ज्योंहि शिक्षा में निजिकरण प्रभावी होगा विदेशी निवेश होगा निश्चित तौर पर अच्छी शिक्षा से गरीब दूर होते जाएंगे सरकार को इस क्षेत्र में ऐसा नही करना चाहिए क्योंकि निवेश करनेवाले अपनी हिसाब से अपने संस्थान का फी तय करेगी और गरीब लोग अपने बच्चों को अच्छे संस्थान में नहीं पढ़ा पाएंगे


Body: साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में होनेवाले विदेशी निवेश को भी गलत बताया है और कहा है कि वर्तमान सरकार सभी क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनी को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई है जो देश के लिए भी घातक है गरीबो को अच्छी स्वास्थ्य सुबिधा किसी भी सूरत में प्राइवेट कंपनी द्वारा संचालित अस्पताल नही दे सकती है क्योंकि वो अपने हिसाब से फी का निर्धारण कडेगी और गरीब उतना फी देने में हमेशा अक्षम रहेंगे निश्चित तौर पर केंद्र सरकार बजट में जिस तरह विदेशी निवेश पर जोर दिया है लगता है कि अच्छी सुबिधा गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को नसीब नही होनेवाला है


Conclusion:
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