पटना: राजधानी पटना में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल (RLJP Spokesperson Shravan Agrawal) ने छपरा में जहरीली शराब से 30 लोगों की मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार बताया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से जहरीली शराब ने लाशों का अंबार खड़ा कर दिया है. जहरीली शराब ने शराबबंदी के बाद मौत का तांडव मचा रखा है. राज्य में मौत नहीं नरसंहारों का सिलसिला बीते कई वर्षों से बदस्तूर जारी है. आज भी छपरा में हुई 30 मौतों से वहां के जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक भी पल्ला झाड़ रहे हैं. शराबबंदी की विफलता से नीतीश कुमार तिलमिला गए हैं और बिहार विधान सभा में तू-तड़ाक की भाषा का प्रयोग विपक्ष के नेताओं के ऊपर कर रहे हैं.
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श्रवण कुमार का नीतीश पर हमला: राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि राज्य में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है. जब से बिहार में शराबबंदी की घोषणा हुई है उसके बाद से बिहार के अलग-अलग जिलों और गांवों में जहरीली शराब ने हजारों महिलाओं के मांग से उनका सिंदूर छीन लिया है. जहरीली शराब ने हजारों माताओं के लाल को निगल लिया है. आए दिन बिहार में जहरीली शराब से लोगों की जान जा रही है, लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेने से नीतीश कुमार भाग रहे हैं. जहरीली शराब से हुई मौतों की जिम्मेवारी राज्य सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को लेनी चाहिये. हालांकि इसके बजाय वह शराबबंदी की विफलता की खीज में विपक्ष पर आक्रमक हो रहे हैं.
शराबबंदी कानून पर जन सर्वेक्षण: श्रवण कुमार ने आगे कहा कि बिना देर किए बिहार में शराबबंदी कानून को समाप्त करना चाहिये. नीतीश कुमार की वर्तमान सरकार और पुलिस प्रशासन से अवैध शराब के कारोवार और शराब माफिया के अवैध धंधे को खत्म करना कतई संभव नहीं है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नीतीश कुमार और वर्तमान सरकार से मांग करती है कि बिहार में शराबबंदी कानून की सफलता और विफलता को लेकर जन सर्वेक्षण कराया जाए. इससे नीतीश कुमार और वर्तमान सरकार के सामने सच्चाई पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी कि राज्य के लोग शराबबंदी के पक्षधर है या शराबबंदी के विरोध में हैं. बिहार की जनमानस और अधिकतर पार्टियां यह मानती हैं कि नीतीश कुमार के शराबबंदी मॉडल का पूरी तरह से मखौल और मजाक बन कर रह गया है. सभी लोग शराबंदी को विफल और असफल मानते हैं और शराबंदी कानून को बिहार से पूरी तरह से खत्म करने की इच्छा रखते हैं.
"राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नीतीश कुमार और वर्तमान सरकार से मांग करती है कि बिहार में शराबबंदी कानून की सफलता और विफलता को लेकर जन सर्वेक्षण कराया जाए. इससे नीतीश कुमार और वर्तमान सरकार के सामने सच्चाई पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी कि राज्य के लोग शराबबंदी के पक्षधर है या शराबबंदी के विरोध में हैं. बिहार की जनमानस और अधिकतर पार्टियां यह मानती हैं कि नीतीश कुमार के शराबबंदी मॉडल का पूरी तरह से मखौल और मजाक बन कर रह गया है. सभी लोग शराबंदी को विफल और असफल मानते हैं और शराबंदी कानून को बिहार से पूरी तरह से खत्म करने की इच्छा रखते हैं."-श्रवण कुमार अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरएलजेपी
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