पटनाः बिहार में 23 जून को विपक्षी पार्टी की बैठक होने वाली है. इसको लेकर रालोजपा सांसद प्रिंस राज ने निशाना साधा. प्रिंस राज ने विपक्षी दलों के बैठक को लेकर तंज कसते हुए कहा है पहले बैठक की तिथि बदलती है फिर आगे की तिथि होती है. उससे पहले मांझी जी को अलग कर दिया जाता है. किस तरह से एक दलित नेता का अपमान किया गया. विपक्षी दलों की बैठक से पहले कई पार्टियों के नेता का किस तरह का बयान आ रहा है. उसको भी देखिए.
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भ्रष्टाचार को लेकर बढ़ी परेशानीः हमें नहीं लगता है की ये आपसी एकता बनाने में सफल हो पायेंगे. वैसे दावा जो भी कर लें उससे कुछ होना नहीं है. विपक्षी पार्टी के नेता जो पटना आ रहे हैं उनसे मेरा यही सवाल है कि क्या वे बिहार आकर नीतीश जी से सवाल करेंगे. पूछना चाहेंगे कि करोड़ों का पुल कैसे पानी में बह जाता है? किस तरह से बिहार में भ्रष्टाचार व्याप्त है. लगातार आम लोगों में भ्रष्टाचार को लेकर परेशानी बढ़ रही है.
एकता सफल नहीं हो पाएगाः इन सब सवालों का जवाब ही जनता ऐसे नेताओं से जानना चाहती है. हमें उम्मीद है कि विपक्षी एकता को लेकर बिहार आने वाले नेता को इसका जवाब दें. अगर उसका जवाब नहीं देते हैं तो इसका मतलब साफ है कि वे भी बिहार में बढ़ रहे भ्रष्टाचार का समर्थन करने आ रहे है. अगर ऐसा है तो विपक्षी पार्टी की एकता सफल नहीं हो पाएगा. बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को एक करने में जुटे हैं. इसको लेकर बिहार में 23 जून को बैठक बुलाई गई है.
"विपक्ष एक जुट हो रहा या फैल रहा है या गिर रहा है या टूट रहा है, समझ नहीं आ रहा है. पहली बैठक तय हुई थी, जो रद्द हो गई. फिर दूसरी बैठक रखे हैं, इसके बीच जीतन राम मांझी छोड़कर चले गए. जिस तरीके से विपक्षी बैठक जितने विपक्षी पार्टियां आएगी. क्या सभी सरकार से सवाल पूछेंगे कि बिहार में पुल कैसे ढह गया. कानून व्यवस्था ठप पड़ गया है. गरीबों को जेल में डाला जा रहा है. क्या इस तरह का सवाल सरकार से किया जाएगा." - प्रिंस राज, सांसद, रालोजपा