पटनाः बिहार में जातिगत जनगणना प्रकाशित होने पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं. बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज कर दिया.
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जातिगत जनगणना लालू यादव ने जताई खुशीः आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने और हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नजीर पेश करेंगे. सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मनाना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो.
"सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी होकेंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे. दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे"- लालू यादव, आरजेडी सुप्रीमो
बिहार में 215 जातियां : आपको बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस कर प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने ये आंकड़ा पेश किया. जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है. जिसके अनुसार बिहार में 215 जातियां हैं. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति बताई गई है.