पटना: किसान संगठनों ने कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. 27 सितंबर को होने वाले भारत बंद को बिहार में सफल बनाने के लिए आरजेडी सहित विपक्षी दलों ने भी समर्थन किया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari) ने कहा बंद हम लोगों ने नहीं बुलाया है, किसान संगठनों ने बुलाया है. लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बैठक कर समर्थन देने की घोषणा की है.
मृत्युंजय तिवारी ने कहा भारत बंद को सफल बनाने के लिए बिहार की सभी विपक्षी दल इसके समर्थन में है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सड़क पर उतरकर भारत बंद का समर्थन करने के बारे में उन्होंने कहा कि जरूर समर्थन करेंगे. आरजेडी और बिहार की सभी विपक्षी दल किसान संगठनों के साथ हैं.
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किसान संगठन लगातार कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन का काफी असर है. हालांकि अभी तक बिहार में किसान आंदोलन का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला. किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. वहीं आरजेडी के समर्थन देने के बाद कांग्रेस ने भी भारत बंद में समर्थन देने की बात कही है.
हरिद्वार के लक्सर में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि भाजपा सरकार को वोट पर चोट देना ही होगा. ये सरकार किसानों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रही है. भाजपा सरकार के राज में पूरा देश बर्बाद हो चुका है. इस देश के युवाओं को जागना होगा और सरकार के वोट पर चोट करनी होगी. इसके अलावा उन्होंने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया. उन्होंने सभी से निवेदन किया कि बंद का समर्थन करें. 27 सितंबर के दिन अपनी दुकान, व्यापार बंद रखें. राकेश टिकैट ने कहा कि किसानों को MSP पर गारंटी कानून चाहिए और जब तक ये तीन कृषि कानून सरकार वापस नहीं लेगी तब तक किसान घर वापसी नहीं करेगा.
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