पटना : उपचुनाव संपन्न होने के साथ ही महागठबंधन में आंतरिक कलह शुरू हो गई है. गठबंधन के अंदर अपनी डफली अपना राग वाली स्थिति दिखाई दे रही है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी एक तरफ महागठबंधन में नहीं रहने का इशारा कर चुके हैं. तो वहीं राजद ने भी दोनों नेताओं को नसीहत दे दी है. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि अगर वो महागठबंधन छोड़कर जाते हैं तो उन्हें पश्चाताप के अलावा कुछ हासिल नहीं होगा.
'एनडीए में नहीं थे सहज'
जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की पार्टी का महागठबंधन से मोहभंग होता दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में नए समीकरण के संकेत दिखाई दे रहे हैं. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी एनडीए में सहज नहीं थे. उन्हें वहां अपमानित किया जा रहा था लिहाजा वह महागठबंधन में आए थे.
'इस बार पलटी मारे तो पछताना पड़ेगा'
राजद प्रवक्ता ने कहा कि महागठबंधन में दोनों नेताओं को पूरा मान-सम्मान दिया जा रहा था. लेकिन एक बार फिर वह पलटी मारने की तैयारी कर रहे हैं. अगर इस बार वह पलटी मारते हैं तो उन्हें पछताना पड़ेगा. बता दें कि 'हम' प्रमुख जीतन राम मांझी महागठबंधन से नाराज चल रहे हैं. उनके आवास पर बीजेपी के दो बड़े दिग्गज मिलने पहुंचे थे. इससे कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. जीतन राम मांझी को लेकर राजनीति गरमा गई है. वहीं, जीतन राम मांझी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का भी ऐलान कर चुके हैं.