पटना : डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम भी लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में शामिल कर लिया गया है. सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए सप्लीमेंट्री चार्जशीट में उनके नाम शामिल होने पर बिहार की राजनीति गरमा गयी है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी रहे डॉक्टर करुणा सागर का कहना है कि सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, उल्टे इससे महागठबंधन और विपक्ष और एक होंगे.
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''यह चार्जशीट पूरी तरीके से राजनीति से प्रेरित है. यह न्यायिक नहीं बल्कि पॉलिटिकल चार्जशीट है. इस केस में इसके पहले सीबीआई ने दो बार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था. उसके बाद इस केस को रिओपन किया गया. केस री ओपन तब हुआ जब पिछले साल बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ. इसके पहले 8 साल तक केंद्र में बीजेपी की सरकार थी, तब तक इसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई थी. चार्जशीट तब फाइल किया गया जब बिहार में विपक्ष की एकता की बड़ी मीटिंग हुई. यह चार्ज शीट पहले से ही एक्सपेक्टेड था, इसमें कोई नयापन नहीं है.''- करुणा सागर, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरजेडी
'तेजस्वी यादव ने तो पहले ही संभावना जतायी थी' : डॉक्टर करुणा सागर ने यह भी कहा कि बीजेपी की जो आज सरकार है, वह इतनी प्रोटेक्टबल हो चुकी है कि जनता, पत्रकार और पॉलीटिशियन इन सब को मालूम होता है कि बीजेपी का अगला मूव क्या होने वाला है. इससे पहले भी पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा था कि हो सकता है कि सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मेरा नाम दिया जाए और वही हुआ इसमें कोई आश्चर्य नहीं है.
'बीजेपी ने जनता का विश्वास खो दिया' : डॉक्टर करुणा सागर ने यह भी कहा कि बीजेपी के सामने जनता के मुद्दों का कोई जवाब नहीं है. बीजेपी हमेशा चुनाव को लेकर अलर्ट मोड पर रहने वाली पार्टी है, वह लगातार इंटरनल सर्वे करवाती है, ताकि जनता के मूड को जाना जा सके. उनके सारे इंटरनल सर्वे यह दिखा रहे हैं कि बीजेपी ने जनता का विश्वास खो दिया है. बीजेपी आज की तारीख में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल एक शस्त्र के रूप में कर रही है.